Kangana Ranaut News: BJP सांसद कंगना रनौत बुधवार को अपनी उस टिप्पणी से पीछे हट गईं, जिसमें उन्होंने 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग की थी। इस टिप्पणी से जहां रनौत एक बार फिर राजनीतिक विवाद में घिर गईं तो वहीं बीजेपी ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया है, जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। रनौत ने कहा कि ये उनके ‘निजी’ विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर बीजेपी ने कंगना के इस बयान से किनारा क्यों किया? क्या हरियाणा चुनावों पर कंगना का यह बयान असर डाल सकता है?
कंगना रनौत ने जताया बयान पर खेद
कंगना रनौत ने अपने बयान पर हंगामा होने के बाद कहा, ‘मैंने अपने शब्दों से और अपनी सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा। मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। मुझे भी ये बात ध्यान में रखनी होगी कि मैं अब कलाकार नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरी राय मेरी अपनी नहीं होनी चाहिए, वह पार्टी का स्टैंड होना चाहिए।’ बता दें कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों के बीच में दिए गए कंगना रनौत के बयान से बवाल मच गया था। बीजेपी ने तुरंत ही कंगना के बयान से किनारा कर लिया जिसके बाद मंडी की सांसद ने अपने बयान पर खेद जताया।
कंगना रनौत ने पहले क्या कहा था?
मंडी से सांसद कंगना ने कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा था कि वे किसानों के हित में लाए गए कानून थे और उन्हें वापस आना चाहिए। कंगना ने कहा था, ‘किसानों के जो कानून हैं जो वापस हो गए हैं फिर से लगने चाहिए। मुझे लगता है किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए और किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए ताकि बाकी जगहों पर जैसे समृद्धि हो रही है, हमारे किसानों की समृद्धि में कोई ब्रेक ना लगे।’ हालांकि बाद में कंगना ने एक बयान जारी कर अपने शब्द वापस ले लिए।
चुनावी मौसम में कांग्रेस ने लपका मुद्दा
कंगना ने अपने बयान को भले ही वापस ले लिया, लेकिन चुनावी मौसम में कांग्रेस ने यह मुद्दा लपक लिया। पार्टी के नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने का मौका नहीं छोड़ा। राहुल ने वीडियो जारी कर कहा कि बीजेपी एक बार फिर तीनों कृषि कानूनों को वापस लाने की कोशिश कर रही है, कंगना का बयान तो माहौल को परखने की कोशिश थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी की सफाई और कंगना की माफी से काम नहीं चलेगा बल्कि प्रधानमंत्री को इस पर स्थिति साफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कृषि कानूनों को फिर से लाया जाता है तो I.N.D.I.A. गठबंधन इसके खिलाफ हो जाएगा।
हरियाणा चुनाव पर कैसे पड़ेगा असर?
कंगना के बयान पर बीजेपी के बैकफुट पर आने की वजह मौजूदा हरियाणा विधानसभा चुनाव हैं। हरियाणा की एक बड़ी आबादी खेतीबाड़ी से अपनी आजीविका कमाती है ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि चुनावों पर इस तरह के बयानों का कोई असर हो। किसान आंदोलन के वक्त हरियाणा में भी कृषि कानूनों का विरोध देखने को मिला था ऐसे में मौजूदा समय में इस मुद्दे का उठना पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। साथ ही पीएम मोदी के द्वारा खुद कानून वापस लिए जाने के बाद अपने ही सांसद द्वारा इसके समर्थन में बयान देना पार्टी के लिए असहज स्थिति भी उत्पन्न करता है।