Explainer: परमाणु बम या हथियारों का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप उठती है। दुनिया के महाविनाश का सबसे बड़ा हथियार हैं परमाणु बम। मगर क्या आप जानते हैं कि परमाणु परीक्षण पानी, हवा या जमीन में कहां किया जाता है और इनमें से कहां टेस्टिंग करना सबसे ज्यादा सुरक्षित होता है। परमाणु परीक्षण करने का तरीका क्या है? दुनिया में किस देश के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इन सब बातों का जिक्र इसलिए हो रहा है, क्योंकि रूस ने आज ही के दिन 30 अक्टूबर 1949 को पहला परमाणु परीक्षण किया था।
इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि परमाणु परीक्षण क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है। परमाणु परीक्षण को नाभिकीय परीक्षण यानि न्यूक्लियर टेस्ट भी कहते हैं। दरअसल परमाणु परीक्षण वह प्रयोग है, जो किसी नाभिकीय हथियारों यानि न्यूक्लियर वेपन्स की विस्फोटक क्षमता जानने के लिए किया जाता है। इससे उसकी प्रभावशीलता और ताकत का पता चलता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1945 के आसपास के वर्षों में परमाणु परीक्षण करने की विभिन्न देशों में होड़ लग गई थी। अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ही जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर घातक परमाणु बम गिराया था। इन दोनों महाविस्फोटों में करीब ढाई लाख लोगों की मौत हुई थी। किसी भी देश के लिए परमाणु परीक्षण उसकी वैज्ञानिक, तकनीकी और सैन्य ताकत दर्शाने के लिए भी होती है।
3 प्रकार से होता है परमाणु परीक्षण
परमाणु परीक्षण को हवा, पानी और जमीन तीनों ही सतहों पर कर सकते हैं। ज्यादातर परमाणु परीक्षण पानी या जमीन के अंदर किए जाते हैं। भूमिगत, जलगत और हवाई परमाणु परीक्षण के तरीके भी अलग-अलग हैं।
हवा में किए जाने वाले परमाणु परीक्षण
हवाई परमाणु परीक्षण को हमेशा खुले और निर्जन स्थानों पर किया जाता है, जहां-जहां इंसानी आबादी, पेड़-पौधे या पालतू अथवा जंगली जानवर नहीं हों। हवाई परीक्षण में परमाणु हथियार को हवाई जहाज, बैलून इत्यादि के जरिये गिराकर किया जाता है। कई बार रॉकेट दागकर भी इस तरह का न्यूक्लियर टेस्ट किया जाता है।
भूमिगत परीक्षण
भूमिगत परमाणु परीक्षण सबसे खतरनाक टेस्टिंग के लिए जाने जाते हैं। इससे आसपास के क्षेत्रों में भूकंप आने का खतरा बढ़ जाता है। इसे जमीन के अंदर कई सौ मीटर गहरे गड्ढे को खोदकर और उसमें परमाणु हथियार को मिट्टी से दबाकर किया जाता है। बावजूद इससे धरती हिलने और जलजला आने की आशंका बनी रहती है। इसके खतरे को देखते हुए परमाणु परीक्षणों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लागू है।
जलगत परमाणु परीक्षण
जलगत परमाणु परीक्षण को अक्सर समुद्र में किया जाता है। इससे निकलने वाली भीषण ऊर्जा से समुद्र में उथल-पुथल हो सकती है। समुद्री चक्रवात भी आ सकता है। जल में समुद्री युद्ध में काम आने वाले टारपीडो जैसे हथियारों का परीक्षण किया जाता है। डेप्थ चार्जर्स के लिए भी समुद्री परमाणु परीक्षण किया जाता है।
रूस ने किया था सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण
सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण करने का रिकॉर्ड रूस के पास है। रूस ने आज ही के दिन 30 अक्टूबर 1949 को 50 टन वजनी परमाणु हथियार का सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था। अब तक दुनिया के सभी देशों ने मिलकर करीब 2000 परमाणु परीक्षण किया है। इनमें एस अकेले अमेरिकी ने 1000 से अधिक टेस्ट किए हैं। जबकि रूस ने करीब 725 परमाणु परीक्षण कर चुका है। अमेरिका ने अपना पहला परमाणु परीक्षण 16 जुलाई 1945 को किया था। यह 20 टन वजनी था। इसी वर्ष अगले महीने में 6 अगस्त 1945 को अमरिका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराकर उसे हतस-नहस कर दिया था।
परमाणु हथियारों की संख्या में सबसे बड़ा देश कौन
परमाणु हथियारों की संख्या में रूस दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। इसके बाद अमेरिका, फ्रांस और चीन का नंबर आता है। रूस के पास 5889, अमेरिका के पास 5244, चीन के पास 500, चीन 500, फ्रांस के पास 290, यूके 225 प्रमुख न्यूक्लियर पॉवर देशों में हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के पास 170 और भारत के पास 164 परमाणु हथियार हैं। इसके बाद इजरायल के पास 90 और उत्तर कोरिया के पास 30 परमाणु हथियार हैं।