भारत में अगले साल जनगणना कराए जाने की संभावना है। साल 2011 के बाद से देश में कोई जनगणना नहीं हुई है। इस बार की जनगणना काफी अलग हो सकती है। ये जनगणना पेपर लेस रहेगी। यानी पूरी तरह से डिजिटल तरीके से जनगणना की जाएगी। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का काम साल 2025 के शुरुआत महीनों में प्रारंभ होने की संभावना है। इसके आंकड़े 2026 तक घोषित किए जाएंगे। इस बार की जनगणना में कई नए सवाल रखे जाएंगे।
भविष्य की जनगणना का बदल जाएगा चक्र
नए सवालों के साथ ही भविष्य की जनगणना चक्र पूरी तरह बदल जाएगा। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि सामान्य जनगणना के साथ-साथ जाति आधारित जनगणना भी की जाएगी या नहीं। इन सब आशंकाओं के बीच एक बात तय मानी जा रही है कि इस बार लोगों से जनगणना के दौरान संप्रदाय भी पूछा जाएगा।
संंप्रदाय के कॉलम का क्या मतलब?
ऐसे में लोगों के मन सवाल है की हम पहले से धर्म (Religion) तो बताते ही हैं तो इसमें संप्रदाय के कॉलम का क्या मतलब है? पिछली की जनसंख्या में धर्म के साथ-साथ वर्ग भी पूछा जाता था। वर्ग में सामान्य, पिछड़ी जाति (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति (ST) की गणना शामिल थी।
संप्रदाय को लेकर बहुत कन्फूयजन
वहीं, अब इसमें संप्रदाय को शामिल किए जाने की बात कही जा रही है। यदि ऐसा होता है तो लोगों को धर्म के साथ ही अपना संप्रदाय भी बताना होगा। लोगों के मन में संप्रदाय को लेकर बहुत कन्फूयजन हो सकती है। 2025 के जनजगणना में पूछा जा सकता है कि आप किस संप्रदाय के अनुयायी हैं?
जानिए क्या है संप्रदाय?
यहां ये जानना जरूरी है कि अनुसूचित जाति (SC) में वाल्मिकी और रविदासी अलग-अलग संप्रदाय के लोग होते हैं। उन्हें अपना ये संप्रदाय बताना होगा। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के लोगों को अपना संप्रदाय बताना होगा। साथ ही मुस्लिमों में शिया और सुन्नी दो अलग-अलग संप्रदाय होते हैं, उन्हें नई जनगणना में ये बताना होगा कि वह किस संप्रदाय से आते हैं।
धर्म, जाति और संप्रदाय में क्या है अंतर?
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं। इनमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन और फारसी शामिल हैं। ये सभी धर्म कहलाते हैं। इसके बाद इनमें संप्रदाय आता है। आखिर हिंदू धर्म को मानने वाले लोग किस संप्रदाय के लोग हैं? अनसुचित जाति वाले भी हिंदू कहलाते हैं पर वह वाल्मीकि और रविदासी संप्रदाय के कहलाते हैं। हिंदू धर्म में शैव, वैष्णव और शाक्त ये सभी संप्रदाय हैं। ऐसे ही अन्य धर्मों में भी अलग-अलग संप्रदाय के लोग होते हैं।
वर्ग और जाति
संप्रदाय के बाद वर्ग और जाति आती हैं। इसमें सामान्य, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोग शामिल होते हैं। इसके बाद इनमें ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया, कहार, कश्यप, मांझी और केवट जैसी कई जातियां शामिल हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार कि जनगणना में जाति तो नहीं पर अपना संप्रदाय बताना पड़ा सकता है।
जनगणना में पूछे जा सकते हैं 31 सवाल
बता दें कि महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय ने जनगणना के दौरान नागरिकों से पूछे जाने वाले 31 सवाल तैयार किए हैं। इन प्रश्नों में यह भी शामिल है कि क्या परिवार का मुखिया अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है। क्या परिवार के अन्य सदस्य अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं? जैसा कि पिछली जनगणना में पूछा गया था।
ये भी पूछा जाएगा
प्रश्नों में यह भी शामिल है कि क्या परिवार के पास टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल या स्मार्टफोन, साइकिल, स्कूटर या मोटरसाइकिल है। क्या उनके पास कार, जीप या अन्य वाहन हैं? साल 2025 की जनगणना में इसके अलावा परिवार के रोजमर्रा के जीवन से जुड़े अन्य सवाल भी पूछे जाएंगे।