Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. Explainer: क्या है तीस्ता नदी परियोजना, बांग्लादेश के साथ समझौते पर क्यों नाराज हैं CM ममता; चीन भी दिखा रहा है चालबाजी

Explainer: क्या है तीस्ता नदी परियोजना, बांग्लादेश के साथ समझौते पर क्यों नाराज हैं CM ममता; चीन भी दिखा रहा है चालबाजी

भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी परियोजना को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भड़की हुई हैं। इस परियोजना पर चीन की भी नजरें लगी हुई है। जानिए, क्या है तीस्ता नदी का पूरा मामला।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Updated on: June 26, 2024 14:23 IST
Teesta river project- India TV Hindi
Image Source : FILE REUTERS Teesta river project

India Bangladesh Teesta River: भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। हाल ही में दोनों देशों के बीच नदी के संरक्षण से जुड़ी परियोजना को लेकर अहम समझौता हुआ है। अब भारत से एक तकनीकी टीम जल्द ही बांग्लादेश जाएगी। तीस्ता नदी परियोजना क्या है, तीस्ता नदी कहां बहती है, तीस्ता नदी में बाग्लादेश की दिलचस्पी क्यों है, चीन तीस्ता नदी परियोजना में क्यों बांग्लादेश की मदद को आतुर है, पश्चिम बंगाम की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीस्ता नदी परियोजना को लेकर क्या चाहती हैं...ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। तो चलिए हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में तीस्ता नदी परियोजना और इससे जुड़े तमाम समीकरणों के बारे में बताते हैं। 

कहां से निकलती है तीस्ता नदी

तीस्ता नदी पूर्वी हिमालय के पौहुनरी पर्वत से निकलती है जो सिक्किम से सटा है। नदी सिक्किम से बहते हुए बंगाल पहुंचती है और वहां से बांग्लादेश चली जाती है। बांग्लादेश में यह ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। नदी का 300 से अधिक किलोमीटर का हिस्सा भारत में और करीब 109 किमी का हिस्सा बांग्लादेश में स्थित है। तीस्ता सिक्किम की सबसे बड़ी नदी है जो पश्चिम बंगाल से होकर बहती है। यह उत्तरी बंगाल से दक्षिण की ओर बहती है। बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले यह उत्तरी क्षेत्रों की प्राथमिक नदी बन जाती है। 

क्या है तीस्ता नदी परियोजना

तीस्ता नदी परियोजना तीन उद्देशयों को सामने रख कर तैयार की गई है। इसमें बाढ़ पर अंकुश लगाना, कटाव रोकना और जमीन हासिल करना शामिल है। बांग्लादेश वाले हिस्से के अपस्ट्रीम में एक बहुउद्देशीय बैराज का निर्माण इस परियोजना का सबसे अहम हिस्सा है। बैराज के निचले हिस्से में नदी के बहाव के नियंत्रित कर उसे एक निश्चित आकार में लाने का प्रयास किया जाएगा। कुछ स्थानों पर नदी की चौड़ाई 5 किलोमीटर तक है, प्लान के मुताबिक इसे कम किया जाएगा। ड्रेजिंग के जरिए नदी की गहराई बढ़ाई जाएगी। तटबंधों की मरम्मत कर उनको मजबूत बनाने का काम भी किया जाएगा। परियोजना पूरी होने पर तीस्ता के किनारे स्थित सैकड़ों एकड़ जमीन का पुनरुद्धार होगा। इस जमीन का इस्तेमाल भूमिहीन लोगों के लिए खेती या औद्योगीकरण में किया जा सकेगा। इतना ही नहीं बाढ़ और कटाव पर अंकुश लगने की वजह से तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें भी कम हो जाएंगी।

india bangladesh relation

Image Source : AP
india bangladesh relation

भारत और बांग्लादेश के बीच क्या है विवाद

बांग्लादेश तीस्ता नदी के पानी का 50 फीसदी हिस्सा चाहता है। खासकर शुष्क मौसम के दौरान जब नदी का प्रवाह काफी कम हो जाता है। यह पानी बांग्लादेश में सिंचाई, मछली पालन और पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण है। भारत ने बांग्लादेश के लिए 37.5 फीसदी और भारत के लिए 42.5 फीसदी हिस्सेदारी का प्रस्ताव रखा है, शेष 20 फीसदी पर्यावरणीय प्रवाह के लिए दिया है। भारत ने पश्चिम बंगाल में सिंचाई के लिए नहरें बनाने की योजना बनाई है। बांग्लादेश का कहना है कि इससे उसके क्षेत्र में नदी का प्रवाह और कम हो जाएगा। इससे किसानों और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचेगा। 

क्यों है प्रोजेक्ट पर चीन की नजर 

तीस्ता नदी से चीन का दूर तक कोई संबंध नहीं है, बावजूद इसके ड्रैगन यहां नजरें जमाए बैठा है। असल में चीन ने बांग्लादेश को प्रस्ताव दिया है कि वह बांग्लादेश सरकार के इस एक बिलियन डॉलर की परियोजना की लागत का 15 प्रतिशत वहन करेगा, जबकि बाकी चीनी ऋण के रूप में होगा। बीजिंग इस परियोजना पर भारी रकम लगाने के लिए यूं ही तैयार नहीं है। दरअसल, प्रोजेक्ट साइट चिकन्स नेक के करीब है। यह पश्चिम बंगाल में लगभग 28 किलोमीटर का वो हिस्सा है, जो पूर्वोत्तर को बाकी देश से जोड़ता है। इसके पास बांग्लादेश और नेपाल भी हैं। ऐसे में अगर चीन ढाका को अपनी तरफ मोड़ ले तो सुरक्षा के लिहाज से यह भारत के लिए खतरा है। 

china

Image Source : AP
china

भारत के लिए क्यों है अहम

फिलहाल तीस्ता नदी को लेकर जो कुछ भी चल रहा है उसमें भारत चीन से एक कदम आगे है। हम आपको बता चुके हैं कि तीस्ता नदी के संरक्षण पर बातचीत के लिए भारतीय तकनीकी दल बांग्लादेश जाएगा। असल में यह भारत के लिहाज से बेहद अहम है, यह अहम इसलिए है क्योंकि चीन तीस्ता नदी से जुड़ी परियोजना पर नजरें गढ़ाए बैठा है। भारत और बांग्लादेश के बीच किसी भी तरह के विवाद को लेकर चीन सीधा फायदा उठा सकता है। चीन को परियोजना से दूर रख भारत और बांग्लादेश नदी के जल के प्रबंधन और संरक्षण के लेकर साझा कार्य कर सकते हैं जो दोनों देशों के हित में है।  

सीएम ममता बनर्जी का विरोध

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंबे समय से जल-बंटवारे समझौते का विरोध कर रही हैं। हम आपको बता चुके हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बीच मुलाकात में कई करार हुए हैं, इसमें तीस्ता नदी भी एक थी। अब इसी को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ने फिर कहा है कि बंगाल को शामिल किए बगैर बांग्लादेश से ऐसा कोई समझौता नहीं हो सकता है। ममता राज्य में कटाव, गाद और बाढ़ के लिए फरक्का बैराज को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। उनका कहना है कि वो ऐसा बंगाल के हितों की रक्षा के लिए कर रही हैं। 

mamata Banerjee

Image Source : FILE
mamata Banerjee

नहीं निकला समाधान 

वर्ष 2011 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ढाका दौरे के दौरान ही तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना था। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध के कारण वह अधर में लटक गया। इसके बाद वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के एक साल बाद यानी वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएम ममता बनर्जी को साथ लेकर बांग्लादेश के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने तीस्ता जल बंटवारे को लेकर समझौते पर सहमति का भरोसा दिया था, लेकिन उसके बाद करीब दस साल बीतने के बावजूद अब तक तीस्ता समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। 

यह भी पढ़ें:

Explainer: चमचमाते चीन के पीछे का काला सच, जानें क्या है '996 वर्क कल्चर' जिसे लेकर मचा है घमासान, कर्मचारी हैं परेशान

Explainer: भूजल के गर्म होने से जीवन पर मंडरा रहा है खतरा, आज नहीं संभले तो कल दिखेंगे भयानक परिणाम

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement