Friday, November 22, 2024
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बंगाल के जिस आराम बाग और कृष्णा नगर में पीएम मोदी ने की जनसभा क्या है वहां का सियासी गणित? जानें डिटेल्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पश्चिम बंगाल दौरे में उन दो लोकसभा क्षेत्रों में अपनी सभाएं की जहां पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी बहुत कम अंतर से हारी थी।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: March 02, 2024 14:35 IST
pm modi, west bengal- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली : 2024 के लोकसभा चुनावों के ऐलान में अब कुछ समय बाकी रह गए हैं और सभी सियासी दल चुनावी बिसात पर गोटियां सजाने में जुटे हैं। भारतीय जनता पार्टी की ओर से जमीनी तैयारियां पहले से शुरू हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद देश के दक्षिण से लेकर पूरब तक के दौरे में व्यस्त हैं। प्रधानमंत्री के इन दौरों में पश्चिम बंगाल का दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहां इस बार भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतकर अपने 400 पार के लक्ष्य को पूरा करे। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां कुल 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार उसका लक्ष्य अधिकांश सीटों पर जीत हासिल करने का है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी का यह बंगाल दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर आरामबाग और कृष्णानगर की लोकसभा सीटों का सियासी गणित क्या है?

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आरामबाग लोकसभा की आरक्षित सीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत आरामबाग लोकसभा क्षेत्र से की। यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। 1952 से लेकर 2009 तक इस सीट पर वाम दलों का वर्चस्व रहा है। इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 539,476 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 30.6% है। वहीं एसटी मतदाताओं की संख्या लगभग 58,179 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 3.3% है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 293,087 है जो  कुल मतदाताओं का करीब 16.6% है।

2019 में बहुत कम वोटों के अंतर से हारी बीजेपी

2019 के लोकसभा चुनावों में आरामबाग सीट पर बीजेपी को बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से टीएमसी उम्मीदवार  अपरूपा पोद्दार (आफरीन अली) को केवल 1142 वोटों से जीत हासिल हुई थी। ऐसे में पीएम मोदी का बंगाल दौरे की शुरुआत आरामबाग से करने के फैसले के पीछे पार्टी की उस रणनीति की झलक मिलती है कि पिछले चुनावों में जहां बेहद कम अंतर से पार्टी हारी उस पर विशेष तौर पर फोकस रहे। 2019 के लोकसभा चुनावों में अपरूपा पोद्दार को कुल 649929 वोट हासिल हुए थे वहीं भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे निकटत प्रतिद्वंद्वी तपन कुमार राय को कुल 648787 वोट मिले थे। टीएमसी और बीजेपी के बीच हार जीत का अंतर केवल 1142 वोटों का था। 

2014 के चुनाव में क्या रहा परिणाम?

2014 को लोकसभा चुनावों में इस सीट पर टीएमसी उम्मदीवार अपरूपा पोद्दार ने एक आसान जीत हासिल की थी। अपरुपा पोद्दार को कुल 748764 वोट मिल थे और उसने सीपीएम के शक्तिमोहन मलिक को 346845 वोटों से हरा दिया था। शक्तिमोहन मलिक को कुल 401919 वोट मिले थे। वहीं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मधुसूदन बाग कुल 158480 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। अपरुपा पोद्दार को 54.94 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि निकटमत प्रतिद्वंद्वी शक्तिमोहन मलिक को 29.51 प्रतिशत वोट हासिल हुआ। वहीं बीजेपी उम्मीदवार मधुसूदन बाग को 11.63 प्रतिशत वोट से संतोष करना पड़ा।

महुआ मोइत्रा हैं कृष्णानगर से सांसद

वहीं कृष्णानगर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से टीएमसी की महुआ मोइत्रा सांसद हैं। कृष्णानगर नदिया जिले का मुख्यालय है। कुल सात विधानसभा सीटें इस लोकसभा क्षेत्र के अंतगर्त आती हैं। इन सीटों में तेहत्ता, पलासीपाड़ा, कालीगंज, नक्क्षीपारा, छपरा, कृष्णानगर उत्तर, शांतिपुर और नवादीप शामिल हैं। यहां कि 87.34 फीसदी आबादी गांवों में रहती है जबकि 12.66 फीसदी लोग शहरों में रहते हैं। 

2019 में दूसरे नंबर पर रही बीजेपी

2019 के लोकसभा चुनावों में टीएमसी महुआ मोइत्रा ने बीजेपी उम्मदीवार कल्याण चौबे को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी। महुआ मोइत्रा को कुल 614872 वोट मिले जबकि कल्याण चौबे को कुल 551654 वोट मिले। दोनों के बीच हार और जीत का अंतर 63218 वोटों का रहा। सीपीएम के डॉ. शांतनु झा को 120222 वोट मिले। वोट प्रतिशत की बात करें तो महुआ मोइत्रा को कुल 45 फीसदी और बीजेपी उम्मीदवार कल्याण चौबे को कुल 40.37 फीसदी वोट मिले। 

2014 में क्या रहा चुनाव परिणाम?

2014 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर टीएमसी के तापस पॉल ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने सीपीएम के डॉ. शान्तनु झा को 71,255 वोटों से हराया था। तापस पॉल को कुल 438789 वोट मिले थे जबकि डॉ. शान्तनु झा को 367534 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के सत्यब्रत मुखर्जी 329873 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। वोट प्रतिशत की बात करें तो तापस पॉल को कुल 35.14 फीसदी और डॉ. शान्तनु झा को 29.43 फीसदी वोट मिला था जबकि बीजेपी के सत्यब्रत मुखर्जी को 26.38 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ा।

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