Saturday, April 19, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. Explainer: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में क्या है, बोर्ड किस तरह करेगा काम, कौन-कौन होंगे सदस्य? जानें सबकुछ

Explainer: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में क्या है, बोर्ड किस तरह करेगा काम, कौन-कौन होंगे सदस्य? जानें सबकुछ

सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को सदन में लाने की तैयारी कर ली है। सरकार का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में सुधार करने के उद्देश्य से पेश किया गया है।

Written By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Mar 26, 2025 13:02 IST, Updated : Mar 26, 2025 13:55 IST
वक्फ संशोधन बिल में क्या है?
वक्फ संशोधन बिल में क्या है?

केंद्र की मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड में बड़े संशोधन की तैयारी पूरी कर ली है। इसे सदन में लाने से पहले केंद्र सरकार ने बुधवार को सभी सांसदों की बैठक बुलाई है, जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी। केंद्र सरकार का कहना है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में सुधार करने के उद्देश्य से पेश किया गया है।

सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन कर केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के जरिए वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। इसमें कहा गया है कि किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि संशोधन विधेयक के पीछे का मकसद वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है। साथ ही महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करना है। 

ऐसे में आइए जानते हैं कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में क्या है?

वक्फ के गठन के नियम: वक्फ के गठन के लिए कुछ नए नियम बनाए गए हैं। अब वक्फ केवल वही व्यक्ति घोषित कर सकता है जो कम से कम 5 वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो और उस संपत्ति का स्वामित्व उसके पास हो। इसके अलावा, वक्फ-अलल-औलाद (विरासत में मिलने वाला वक्फ) से महिला उत्तराधिकारियों सहित दानकर्ता के उत्तराधिकारी को अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा।

वक्फ के रूप में सरकारी संपत्ति: विधेयक में कहा गया है कि वक्फ के रूप में पहचानी गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ नहीं रह जाएगी। अनिश्चितता के मामले में क्षेत्र का कलेक्टर स्वामित्व निर्धारित करेगा और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। यदि इसे सरकारी संपत्ति माना जाता है, तो वह राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट करेगा।

वक्फ के रूप में संपत्ति की पहचान करने की शक्ति: पहले वक्फ बोर्ड को यह अधिकार था कि वह किसी संपत्ति को वक्फ के रूप में घोषित कर सकता था, लेकिन अब विधेयक में इस प्रावधान को हटा दिया गया है।

वक्फ सर्वेक्षण: अब वक्फ के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी कलेक्टरों को दी जाएगी और यह सर्वेक्षण राज्य राजस्व कानूनों के तहत किया जाएगा।

केंद्रीय वक्फ परिषद: विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद के गठन की बात कही गई है, जिसमें केंद्रीय मंत्री अध्यक्ष होंगे। परिषद के सभी सदस्य मुस्लिम होने चाहिए और उनमें कम से कम दो महिलाएं होनी चाहिए। विधेयक में यह प्रावधान है कि दो सदस्य गैर-मुस्लिम होने चाहिए। अधिनियम के अनुसार, परिषद में नियुक्त सांसद, पूर्व न्यायाधीश और प्रतिष्ठित व्यक्ति का मुस्लिम होना आवश्यक नहीं है। निम्नलिखित सदस्य मुस्लिम होने चाहिए- मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि, इस्लामी कानून के विद्वान, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और मुस्लिम सदस्यों में से दो महिलाएं।

ये सदस्य होंगे मुस्लिम

Image Source : INDIATV
ये सदस्य होंगे मुस्लिम

वक्फ बोर्ड का गठन: विधेयक के अनुसार, इन सदस्यों में से दो गैर-मुस्लिम, शिया, सुन्नी, बोहरा, और आगाखानी समुदायों से एक-एक सदस्य होना चाहिए। साथ ही, बोर्ड में कम से कम दो महिलाएं होनी चाहिए। बोर्ड में प्रत्येक राज्य से अधिकतम दो सदस्य होंगे, जिन्हें अब सीधे राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाएगा। विधेयक में यह प्रावधान है कि राज्य सरकार बोर्ड में निम्नलिखित पृष्ठभूमियों (सांसद, विधायक, विधान पार्षद, बार काउंसिल के सदस्य) से एक-एक व्यक्ति को नामित करेगी, जिन्हें मुस्लिम होने की आवश्यकता नहीं है।

राज्य सरकार को अधिकार

Image Source : INDIATV
राज्य सरकार को अधिकार

न्यायाधिकरणों का गठन: विधेयक में राज्यों को वक्फ पर विवादों को संबोधित करने के लिए न्यायाधिकरण बनाने की आवश्यकता होगी। न्यायाधिकरण के अध्यक्ष को जिला न्यायालय के समकक्ष रैंक का होना चाहिए और सदस्य राज्य सरकार के अधिकारी होंगे।

न्यायाधिकरण के आदेशों पर अपील: पहले वक्फ न्यायाधिकरण के निर्णय अंतिम होते थे, लेकिन अब विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि न्यायाधिकरण के आदेशों के खिलाफ हाई कोर्ट में 90 दिनों के भीतर अपील की जा सकती है।

केंद्र सरकार की शक्तियां: विधेयक केंद्र सरकार को वक्फ के पंजीकरण, खातों का प्रकाशन और वक्फ बोर्डों की कार्यवाही के प्रकाशन के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार को सीएजी या किसी अन्य अधिकारी से ऑडिट करवाने का अधिकार भी मिलेगा।

बोहरा और आगाखानी समुदाय के लिए वक्फ बोर्ड: विधेयक सुन्नी और शिया संप्रदायों के लिए अलग-अलग वक्फ बोर्ड स्थापित करने की अनुमति देता है। अगर शिया वक्फ राज्य में वक्फ संपत्तियों का 15% से अधिक हिस्सा बनाते हैं, तो अलग शिया वक्फ बोर्ड स्थापित किया जा सकेगा। इसके अलावा, आगाखानी और बोहरा संप्रदायों के लिए भी अलग-अलग वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement