Saturday, June 29, 2024
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Explainer: चमचमाते चीन के पीछे का काला सच, जानें क्या है '996 वर्क कल्चर' जिसे लेकर मचा है घमासान, कर्मचारी हैं परेशान

​अक्सर हम लोग सोशल मीडिया या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर चमचमाते चीन को देखते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस चमचमाते चीन के पीछे काला सच छिपा हुआ है। चीन में कर्मचारियों के इस कदर काम लिया जाता है कि...पढ़ें पूरी खबर

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Updated on: June 19, 2024 11:06 IST
China 996 Work Culture- India TV Hindi
Image Source : REUTERS China 996 Work Culture

China 996 Work Culture: पढ़ाई लिखाई करने के बाद हर शख्स की ख्वाहिश होती है कि उसे अच्छी नौकरी मिले। पहले तो नौकरी मिलती नहीं और अगर मिल भी गई तो असली चैलेंज उसके बाद शुरू होता है। चीन में तो यह आम है और हालात यह हैं कि यहां  '996 वर्क कल्चर' को लेकर घमासान मचा हुआ है। बहुत से लोगों को इस तरह के वर्क कल्चर के बारे में जानकारी नहीं होगी। लेकिन, चीन में इस वर्क कल्चर के खिलाफ अभियान छिड़ गया है। '996 वर्क कल्चर' के खिलाफ अभियान में करीब 5000 से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर ये '996 वर्क कल्चर' है क्या, जिसे लेकर चीन के कर्मचारियों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। 

आखिर '996 वर्क कल्चर' है क्या?

चीन से अक्सर इस तरह की खबरें आती रही हैं कि यहां कंपनियों में काम करने वाले लोगों के साथ शोषण किया जाता है। कंपनियां अपने कर्मचारियों से 12-12 घंटे काम कराती हैं और सप्ताह में सिर्फ एक छुट्टी दी जाती है। यही है '996 वर्क कल्चर' और इसी को लेकर चीन में कर्मचारियों का गुस्सा भड़क रहा है। इसके विरोध में अब आवाज उठ रही है और 'वर्कर लाइव्स मैटर' नाम का एक ऑनलाइन अभियान चलाया जा रहा है।

12 घंटे लिया जाता है काम 

यहां यह भी जानना जरूरी है कि चीन में कार्य अवधि को '996' कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कर्मचारी  सप्ताह में 6 दिन सुबह 9 से रात 9 बजे तक काम करते हैं। '996 वर्क कल्चर' के खिलाफ जो अभियान शुरू हुआ है उसमें कर्मचारी ऑनलाइन स्प्रेडशीट पर अपना वर्किंग टाइम शेयर कर रहे हैं। वैसे, '996' ऑफिस कल्चर के लोकर सालों से चीन में विवाद रहा है। निजी कंपनियों में कर्मचारियों को सप्ताह में 72 घंटे काम करना पड़ता है जिसे लोग अमानवीय बता रहे हैं।

वर्क कल्चर

Image Source : AP
वर्क कल्चर

क्या है काम कराने का कानून

गौर करना वाली बात यह भी है कि, चीन सरकार भी निजी कंपनियों को कई बार चेतावनी दे चुकी है, बावजूद इसके कर्मचारियों का शोषण जारी है। हाल ही में चीन से एक रिपोर्ट भी  सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि वर्करों से ओवरटाइम के नाम पर घंटों काम कराया जाता है। भारत की तरह ही चीन में भी श्रम कानूनों के मुताबिक एक दिन में 8 घंटे काम कराने का प्रावधान है, इस कानून के तहत कोई भी कंपनी एक सप्ताह में अपने कर्मचारियों से अधिकतम 44 घंटे ही काम करा सकती है।

लगातार बिगड़े हैं हालात 

द हॉन्ग कॉन्ग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक '996 वर्क कल्चर' की वजह से चीन में श्रमिकों के आत्महत्या और मौत का आंकड़ा बढ़ा है। 2019 की शुरुआत की मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा गया कि एक एक्टिविस्ट ग्रुप ने गीथहब पर '996.ICU' नाम से एक सर्वे की शुरुआत की थी। इसमें '996 वर्क कल्चर' के खिलाफ 'अनुचित ओवरटाइम और ब्लैकलिस्टेड उद्यमों' की एक सूची तैयार की गई थी। इन कंपनियों पर कर्मचारियों से 12 घंटे काम करने का आरोप लगा था। 

क्या कहती है रिपोर्ट 

चीन के अलग हटकर बात की जाए तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार हफ्ते में 55 घंटे से ज्यादा काम करने वाले लोगों को मौत का खतरा अधिक रहता है। हर साल 7 लाख 45 हजार लोगों की मौत स्ट्रोक या हार्ट अटैक से होती है। दक्षिण पूर्व एशिया में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है, यहां 55 घंटे से ज्यादा काम करने वाले 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों की चपेट में आने से होती है। 

कंपनियों में वर्क कल्चर

Image Source : REUTERS
कंपनियों में वर्क कल्चर

ये हैं आंकड़े 

पश्चिम प्रशांत महासागर के इलाकों में यह आंकड़ा 2 लाख से ज्यादा है, जबकि पूर्वी भूमध्य सागर के इलाकों में 77 हजार, यूरोप में 57 हजार, अमेरिका में 43 हजार और अफ्रीका में 40 हजार लोग काम के अधिक घंटों की वजह से अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। काम के घंटे अधिक होने की वजह से लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। लोग ना तो कसरत करते हैं और ना ही अपना स्ट्रेस कम करने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ वक्त बिताते हैं। इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है और बीमार होने की स्थिति में भी उन्हें पर्याप्त आराम भी नहीं मिल पाता है। 

यह भी जानें 

दुनिया के कई देशों में काम करने के घंटों को लेकर बदलाव भी हुए हैं। जर्मनी में हफ्ते में चार दिन काम और 3 दिन आराम के मॉडल पर विचार किया जा रहा है, ताकि कर्मचारी वीकेंड  पर दोस्तों और परिवार के साथ समय बिता सकें। लेकिन, कई देश ऐसे हैं जो कर्मचारियों को ज्यादा घंटों तक काम करने के लिए मजबूर करते हैं। संयुक्त अरब अमीरात में हर हफ्ते कर्मचारियों से 52.6 घंटे काम लिया जाता है, जो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। भारत में कर्मचारियों से हफ्ते में 45 से 48 घंटे काम लिया जाता है, अमेरिका में लोग 36.4 घंटे काम करते हैं। जर्मनी में हर हफ्ते कर्मचारी सिर्फ 34.5 घंटे काम करते हैं और इस वजह से इसका नाम सबसे कम काम लेने वाले देशों की सूची में शामिल है।

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