कोरोना महामारी के बाद पूरी दुनिया में नए-नए वायरस और बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ने लगा है। कोविड-19 के बाद अब दुनियाभर में एक नया बुखार फैला हुआ है। इस बुखार का नाम एमपॉक्स (Mpox) है। एमपॉक्स को मंकी पॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। अफ्रीका से फैलने वाली ये बीमारी अब दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में अपने पैर पसार चुकी है। मंकी पॉक्स से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस खतरे के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बैठक की और आपातकाल स्थिति घोषित कर दी है। WHO ने मंकी पॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। जान लें मंकी पॉक्स के क्या लक्षण हैं और ये बीमारी कैसे फैलती है?
मंकी पॉक्स का पहला मामला कब सामने आया
मंकीपॉक्स का पहला मामला 1958 में सामने आया था। जहां एक कोलोनी में रिसर्च के लिए बंदरों को रखा गया था। साल 1970 में कांगो (डीआरसी) में पहली बार इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे। ये इंसान में फैलने वाला पहला केस था। इसके बाद दूसरे मिडिल और पश्चिमी अफ्रीकी देशों में लोगों में मंकीपॉक्स के केस सामने आए। अफ्रीका के बाहर अमेरिका, इज़राइल, सिंगापुर में मामले पाए गए हैं। यूके ने पहली बार 2018 में एक मामला सामने आया था।
क्या है एमपॉक्स यानि मंकी पॉक्स?
एमपॉक्स यानि मंकी पॉक्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान को बुखार आने के बाद हाथ पैरों में और फिर पूरे शरीर पर फोड़े जैसे निकल आते हैं। ये संक्रामक बीमारी है जो एक दूसरे से फैलती है। मंकीपॉक्स पहले जानवरों से इंसानों में फैलता था, लेकिन अब इंसानों से इंसानों में फैलने लगा है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या उसके साथ यौन संबंध बनाने से मंकीपॉक्स फैलता है। बच्चों में मंकीपॉक्स के मामले ज्यादा गंभीर हो जाते हैं, जो जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।
मंकी पॉक्स के क्या हैं लक्षण?
मंकीपॉक्स की चपेट में आने के बाद सबसे पहले संक्रमित व्यक्ति को बुखार आता है। इसके साथ ही सिरदर्द, शरीर में सूजन, मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द जैसे सामान्य लक्षण नजर आते हैं। फीवर कम होने पर शरीर पर चकत्ते आने लग जाते हैं। पहले चेहरे से शुरू होते हैं और फिर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाते हैं। इन चकत्तों में खुजली या दर्द भी होता है। ये संक्रमण 14 से 21 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि गंभीर घाव भरने में थोड़ा वक्त लगता है।
कैसे फैलता है एमपॉक्स?
एमपॉक्स यानि मंकी पॉक्स संक्रामक बीमारी है ये किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से आपको फैल सकती है। संक्रमित व्यक्ति के पास जाने, उसके साथ यौन संबंध रखने से ये फैल सकता है। आपकी आंख, नाक और मुंह के जरिए ये वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है। अगर किसी को मंकी पॉक्स हुआ है और आप उसकी इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल करते हैं। जैसे बिस्तर, बर्तन, कपड़े तो ये आपको भी हो सकता है। ये वायरस बंदर, चूहे और गिलहरी से भी फैल सकता है।
एमपॉक्स यानि मंकी पॉक्स से कैसे बचें?
एमपॉक्स से बचने के लिए WHO की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है। जिसमें मंकी पॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के पास नहीं जाने की सलाह दी गई है। अगर घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है तो आप साबुन से हाथ धोते रहें। पीड़ित व्यक्ति की गांठें पूरी तरीके से ठीक होने तक दूर रहें। ठीक होने के 12 हफ्तों तक रिलेशन बनाने में प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें। बचने का सबसे अच्छा तरीका है वैक्सीन लगवाएं।