Tuesday, December 03, 2024
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Explainer: बंगाल में कौन हैं 'सिविक पुलिस वालंटियर्स', कैसे होती है बहाली, क्या करते हैं काम? जानें सबकुछ

कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद से राज्य के सिविक पुलिस वालंटियर्स एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। महिला डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध करने वाला आरोपी संजय रॉय सिविक पुलिस वालंटियर्स के पद पर ही तैनात था।

Written By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Aug 27, 2024 13:58 IST, Updated : Aug 27, 2024 14:11 IST
पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में तैनात सिविक पुलिस वालंटियर्स- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में तैनात सिविक पुलिस वालंटियर्स

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की घटना ने पूरे देश को सन्न कर दिया है। इस अस्पताल की एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ पहले रेप किया गया और बाद में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या करने वाला कोई और नहीं अस्पताल में ही तैनात सिविक पुलिस वालंटियर निकला। इसकी पहचान 35 वर्षीय संजय रॉय के रूप में की गई। इस घटना के बाद आरोपी सीबीआई की हिरासत में है। उससे पॉलीग्राफी टेस्ट के जरिए पूछताछ की जा रही है।

संजय रॉय 5 साल से सिविक पुलिस वालंटियर

सीबीआई की जांच में पता चला कि आरोपी संजय रॉय 2019 से कोलकाता पुलिस के साथ सिविक पुलिस वालंटियर के तौर पर काम कर रहा था। सिविक पुलिस वालंटियर के तौर पर काम करने के चलते आरोपी को पुलिस वाली कुछ सुविधाएं भी मिलती थीं। आरोपी संजय रॉय पुलिस के नेम प्लेट वाली मोटरसाइकिल भी चलाता था। वह कोलकाता सशस्त्र पुलिस की चौथी बटालियन के बैरक में तैनात था। 

कौन होते हैं सिविक पुलिस वालंटियर्स?

सिविक पुलिस वालंटियर रहने के साथ-साथ 35 वर्षीय आरोपी संजय रॉय कोलकाता पुलिस कल्याण समिति से जुड़ा था। वह पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद भी करता था। ऐसे में यहां सवाल खड़ा होता है कि आखिर ये सिविक पुलिस वालंटियर्स कौन होते हैं? जिनको ममता सरकार ने पुलिस विभाग में कई सुविधाएं दे रखी हैं।

सबसे पहली भर्ती साल 2008 में हुई

पश्चिम बंगाल में सिविक पुलिस वालंटियर्स की सबसे पहले भर्ती साल 2008 में की गई थी। बंगाल के बेरोजगार युवाओं को आय का एक नियमित स्रोत प्रदान करने के लिए इन्हें काम पर रखा गया था। पुलिस सिविक वालंटियर्स की भर्ती 2008 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सरकार के दौरान छोटे पैमाने पर लागू की गई थी।

पुलिस की सहायता करना इनका काम

उस समय रोजमर्रा की पुलिसिंग के लिए राज्य में मैन पावर की भारी कमी थी। इस कमी को पूरा करने के लिए कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर आम नागरिकों को सिविक वालंटियर्स के रूप शामिल करने का निर्णय लिया गया था। इनका काम व्यस्त चौराहों पर यातायात पुलिस की सहायता करना और अन्य छोटे-मोटे काम करना था, जिनमें पुलिस कर्मियों की जरूरत नहीं होती थी। शुरुआत में सिविक पुलिस वालंटियर्स के बैच को हरी वर्दी दी गई। साल 2018 से वह पुरानी हरी वर्दी के अलावा नीली वर्दी भी पहन रहे हैं। 

सिविक पुलिस वांलटियर्स का काम

Image Source : INDIA TV
सिविक पुलिस वांलटियर्स का काम

सत्तारूढ़ पार्टी का माना जाता है एजेंट

पश्चिम बंगाल में सिविक पुलिस वालंटियर्स को आम तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी का एजेंट माना जाता है। टीएमसी के कार्यकाल के दौरान इस विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती की गई। ऐसा भी कहा जाता है कि इसमें ज्यादातर टीएमसी के ही कार्यकर्ताओं को रखा गया है। जो कि स्थानीय पार्टी नेताओं के साथ संपर्क बनाए रखते हैं।

क्या है भर्ती की पात्रता?

ममता बनर्जी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2011 में सिविक पुलिस वालंटियर की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। 26 सितंबर, 2011 को सरकार ने सिविक पुलिस वालंटियर की भर्ती के लिए नोटिस जारी किया। इस नोटिस में भर्ती के लिए पात्रता मानदंड में कहा गया कि वालंटियर को उस क्षेत्र का निवासी होना चाहिए। उसकी आयु 20 साल से अधिक होनी चाहिए। उन्हें कक्षा 10 की परीक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। बाद में इनकी शैक्षिक योग्यता घटाकर केवल कक्षा 8 तक कर दी गई।

सिविक पुलिस वालंटियर्स पद के भर्ती की पात्रता

Image Source : INDIA TV
सिविक पुलिस वालंटियर्स पद के भर्ती की पात्रता

310 रुपये प्रतिदिन मिलता है वेतन

ममता सरकार ने 2011 में पहली भर्ती के बाद 1.3 लाख सिविक वालंटियर्स को नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था। सिविक पुलिस वालंटियर्स का मानदेय 310 रुपये प्रतिदिन (लगभग 9,300 रुपये प्रति माह) है। ऐसे वालंटियर्स का बोनस साल 2023-2024 के लिए 5,300 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये कर दिया गया है।

कोलकाता में  7,200 सिविक पुलिस वालंटियर्स तैनात

इसके साथ ही उन्हें पुलिस स्टेशन में पर निचले स्तर पर 'काम नहीं तो वेतन नहीं' (No Work No Pay) के आधार पर भर्ती किया जाता है। काम शुरू करने से पहले उन्हें यातायात नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन में 25 दिन की शुरुआती ट्रेनिंग दी जाती है। कोलकाता पुलिस में अभी 7,200 सिविक पुलिस वालंटियर्स हैं, जबकि पुलिसबल की संख्या 37,400 है। राज्य में पुलिसबल की संख्या 79,024 है। इसमें 1.24 लाख से ज्यादा सिविक पुलिस वालंटियर्स तैनात हैं।

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