बुधवार को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक भीषण सड़क हादसा देखने को मिला। जिले के जोजीकोट गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक डबल डेकर बस दूध के टैंकर से टकरा गई। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हो गए। बीते कुछ महीनों में एक के बाद एक सड़क हादसों ने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली है। सभी लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इतने बड़े हादसे हो कैसे रहे हैं। किस लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में जान जा रही है। आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर में।
ओवरस्पीडिंग और ट्रैफिक नियमों को तोड़ना
आम तौर पर देखा जाता है कि अक्सर वाहनों के ड्राइवर ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हुए दिखाई देते हैं। कई बार हादसे इस वजह से देखे गए हैं कि बस या किसी अन्य वाहन के ड्राइवर गलत लेन में गाड़ी लेकर आ जाते हैं। इस कारण दूसरी ओर से आ रही गाड़ी से उनकी टक्कर हो जाती है जिससे काफी लोगों की जान जाती है। अपने गंतव्य तक जल्द से जल्द पहुंचने के चक्कर कई बार ड्राइवर जमकर ओवरस्पीडिंग करते हैं आगे की गाड़ियों को लापरवाही से ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं जो कि बड़े हादसों का कारण बनती है।
जरूरत से ज्यादा पैसैंजर या भार
भारत में वाहन की क्षमता से ज्यादा पैसेंजर्स को बैठाना या फिर सामान लाद देना काफी आम बात है। ऐसा ज्यादा से ज्यादा कमाई के लिए किया जाता है। हालांकि, इस कारण कई बार हादसे भी देखने को मिलते हैं। गाड़ियों पर जरूरत से ज्यादा भार लादने या फिर बड़ी संख्या में पैसेंजर्स को बैठाने के कारण उसका संतुलन भी बिगड़ता है और हादसे हो जाते हैं। किसी बस या अन्य पैसेंजर वाहन में अगर जरूरत से ज्यादा लोग होते हैं तो हादसा होने पर जान भी उतनी ही बड़ी संख्या में जाती है।
बिना ट्रेनिंग के ड्राइवर
भारत में वाहन चलाने के लिए लाइसेंस बनवाना आम तौर काफी आसान माना जाता है। कई बार देखा गया है कि बिना किसी बेहतर ट्रेनिंग के भी लोग वाहन चलाने लगते हैं। कई ड्राइवरों के पास नए एक्सप्रेस वे पर गाड़ी चलाने का अनुभव नहीं होता। ऐसे में हादसा होने की संभावना बढ़ जाती है। बीते कुछ समय में एक्सप्रेस वे पर हादसों की संख्या में बड़ा इजाफा देखा गया है।
ड्राइवर का ओवरटाइम
ऊपर की दलीलों में हमने ज्यादातर ड्राइवरों की लापरवाही के बारे में बाते जानी। हालांकि, हादसों में पूरी गलती केवल ड्राइवर की ही नहीं होती। अगर बस या ट्रकों की बात करें तो ये आम तौर पर ड्राइवरों के लिए आमदनी का साधन होता है। लेकिन कई बार वाहन के मालिक ड्राइवरों से ओवरटाइम भी करवाते हैं। कई बार लंबी दूरी की बस में केवल एक ड्राइवर होता है। इन्हें ठीक से नींद भी नहीं मिल पाती। ऐसे में ये ओवरटाइम भी हादसों का प्रमुख कारण है।
गाड़ियों की खस्ता हालत
भारत की सड़कों पर खस्ता हाल के वाहनों का दिख जाना कोई बड़ी बात नहीं है। कई बार वाहनों के मालिक बस की हालत को मेंटेन नहीं कर पाते। इस कारण कई बार बसों या ट्रक के ब्रेक फेल, गियर फेल जैसी समस्या भी दिखती है। ये चीजें भी हादसों को बुलावा देती हैं। गाड़ियों की जर्जर हालत के कारण बड़ा संख्या में लोगों की जान जाने का भी खतरा बना रहता है।
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