Wednesday, December 11, 2024
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Explainer: TRAI का मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम आज से लागू, 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स पर इसका क्या होगा असर?

TRAI ने 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स के लिए आज यानी 11 दिसंबर 2024 से मैसेज ट्रेसेबिलिटी नियम लागू कर दिया है। इस नियम के लागू होने के बाद देश के 120 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा? आइए, विस्तार से जानते हैं...

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Dec 11, 2024 11:18 IST, Updated : Dec 11, 2024 13:19 IST
TRAI Message Traceability Rules- India TV Hindi
Image Source : FILE TRAI Message Traceability Rules

TRAI का मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम आखिरकार आज से लागू हो गया है। देश के 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स को इसका बड़ा फायदा मिलने वाला है। दूरसंचार नियामक ने SMS के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए इस नियम की सिफारिश की थी। पहले इस नियम को 1 नवंबर से लागू किया जाना था, लेकिन टेलीकॉम ऑपरेटर्स की मांग पर TRAI ने इसकी डेडलाइन को एक महीने आगे बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया।

स्टेकहोल्डर्स की तैयारियां पूरी नहीं होने के बाद इसकी डेडलाइन एक बार फिर से बढ़ाकर 10 दिसंबर तक कर दी थी। आखिरकार आज यानी 11 दिसंबर से यह नियम लागू हो गया है। आइए जानते हैं इस नए नियम का देश के 120 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा?

क्या है मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम?

जैसा कि नाम से ही साफ है मैसेज ट्रेसेबिलिटी नियम में यूजर के मोबाइल पर आने वाले मैसेज के सेंडर को ट्रेस करना यानी पता लगाना आसान होगा। हैकर्स द्वारा भेजे जाने वाले फर्जी कमर्शियल मैसेज यूजर्स तक नहीं पहुंचेंगे और उसे नेटवर्क लेवल पर ही ब्लॉक कर दिया जाएगा। इस तरह से यूजर्स के साथ फ्रॉड होने का खतरा कम रहेगा। साथ ही, मैसेज भेजने वाले सेंडर को ट्रेस किया जा सकेगा। दूरसंचार नियामक के नए मेंडेट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों को यूजर के नंबर पर आने वाले किसी भी मैसेज के कम्प्लीट चेन के बारे में पता होना चाहिए।

Message Traceability

Image Source : INDIA TV
Message Traceability

पहले दूरसंचार नियामक ने अनसोलिसिटेड कम्युनिकेशन के लिए नियम लागू कर चुका है, जिसमें किसी भी अनवेरिफाइड सोर्स से आने वाले उन मैसेज को ब्लॉक किया जाएगा, जिनमें कोई URL या APK फाइल आदि का लिंक होगा। साथ ही, बिना वेरिफाइड नंबर से आने वाले कमर्शियल कॉल्स को भी नेटवर्क लेवल पर रोक दिया जाएगा।

इस तरह से बढ़ रहे ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी। भारतीय एजेंसियों द्वारा फ्रॉड को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन फ्रॉड के मामले कम होते नहीं दिख रहे हैं। हैकर्स लगातार नए तरीकों से लोगों के साथ फ्रॉड करने की कोशिश करते रहते हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में 3,000 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

OTP मिलने में होगी देरी?

पिछले दिनों दूरसंचार नियामक ने आधिकारिक तौर पर बताया कि मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू होने की वजह से यूजर के मोबाइल पर आने वाले OTP मिलने में किसी भी तरह की देरी नहीं होगी। इसे बस एक मिसकम्युनिकेशन बताया है। हालांकि, टेलीकॉम ऑपरेटर्स की ये दलील थी कि भारत के ज्यादातर टेलीमार्केटर्स और बिजनेस एंटीटीज जैसे कि बैंक अभी नए नियम के लिए पूरी तरह से तकनीकी तौर पर तैयार नहीं हैं, जिसकी वजह से इस नियम के लागू होने से बड़े पैमाने पर असर देखने को मिलेगा। इस वजह से नियामक ने चारों टेलीकॉम कंपनियों Jio, Airtel, Vi, BSNL की मांग पर नियम लागू करने में देरी की है।

TRAI Message Traceability Rules

Image Source : FILE
TRAI Message Traceability Rules

सूत्रों की मानें तो मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू होने की वजह से 95 प्रतिशत मैसेज बिना किसी देरी के मोबाइल यूजर्स को डिलीवर हो रहे हैं। केवल 5 प्रतिशत ही ऐसे मैसेज हैं, जिन पर इसका असर होगा। हालांकि, आने वाले कुछ दिनों में ये 5 प्रतिशत मैसेज भी यूजर्स को आसानी से डिलीवर होंगे। दूरसंचार नियामक इसको मॉनिटर कर रहा है। मैसेज ट्रेसेबिलिटी लाने का मकसद स्पैम पर रोक लगाना है और यूजर्स तक पहुंचने वाले हर कमर्शियल मैसेज की पूरी चेन के बारे में पता चल सके।

TRAI के मुताबिक, 30 नवंबर तक 27,000 प्रिसिंपल एंटिटी (PE) ने मैसेज ट्रेसेबिलिटी चेन के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ खुद को रजिस्टर करा लिया है। बांकी के रजिस्ट्रेशन के लिए भी युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। ट्राई ने इसके बाद का डेटा फिलहाल शेयर नहीं किया है।

इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, भारत में डेली 1.5 से लेकर 1.7 बिलियन कमर्शियल मैसेज डेली बेसिस पर करोड़ों यूजर्स को भेजे जाते हैं। नए नियम लागू होने के बाद सिक्योर और रजिस्टर्ड एंटिटी के मैसेज यूजर्स को मिलने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। हालांकि, अनरजिस्टर्ड एंटिटी के मैसेज टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा ब्लॉक कर दिए जाएंगे।

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