नई दिल्ली: शुक्रवार को अचानक से योगेश कादयान का नाम समाचार चैनलों पर फ़्लैश होने लगता है। खबर आती है कि उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। योगेश के खिलाफ अपराधिक साजिश, हत्या के प्रयास, प्रतिबंधित हथियारों और गोल-बारूद के प्रयोग में मामले कई दर्ज हैं। भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर इंटरपोल ने नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में बताया गया है कि उसकी उम्र मात्र 19 साल है। योगेश हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है और वह तमाम आधुनिक हथियार चलाने में माहिर है।
पिछले कई वर्षों से अपराध की दुनिया में है योगेश
ऐसा नहीं है कि योगेश ने बालिग़ होने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा है। वह पिछले कई वर्षों से अपराधों को अंजाम देता आ रहा है। वह कई बार पुलिस के द्वारा गिरफ्तार भी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2020 में भी वह एक मामले में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन नाबालिग होने की वजह से उसे बाल सुधार गृह में रखा गया था और वह वहां से भी भाग गया था।
इंटरपोल के द्वारा नोटिस जारी होने के बाद जब खंगाला गया तो मालुम हुआ कि यह भारत का सबसे कम उम्र का अपराधी है, जिसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है। इंटरपोल की वेबसाइट पर साझा की गई जानकारी के अनुसार, योगेश का जन्म 12/07/2004 को हुआ और उसकी उम्र मात्र 19 वर्ष है। ऐसा नहीं है कि वह अकेला ऐसा अपराधी है जिसकी उम्र बीस साल भी नहीं हुआ है।
चार अन्य अपराधी, जिनकी उम्र 20 साल या उससे भी कम
इंटरपोल के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अगर हम 20 वर्ष या उससे कम उम्र के अपराधियों की लिस्ट देखें तो उसमें 5 नाम दिखते हैं। हालांकि भारत से इसमें योगेश का ही नाम शामिल है। अन्य 4 में से एक बोलीविया का 20 वर्षीय मीता चौक विक्टर,पेरू का बीस वर्षीय गोमेज़ अल्मेडा पॉल एर्मिट, नीदरलैंड का 18 वर्षीय हॉल दमनिचियो और एक अन्य अपराधी रूस का 19 वर्षीय वेदज़िज़ेव अली है। इन चारों की अलग-अलग आरोपों में इंटरपोल को तलाश है।
नीरज बवाना से लेकर बंबीहा गैंग से जुड़े हैं योगेश के तार
बता दें कि योगेश के तार नीरज बवाना से लेकर बंबीहा गैंग और खालिस्तानी आतंकियों तक से जुड़े पाए गए हैं। भारत में जांच एजेंसियों ने जब गैगस्टरों के खिलाफ शिंकजा कसना शुरू किया, तब यह फर्जी पासपोर्ट पर भारत से भाग गया और अमेरिका में जाकर छुप गया। बताया जा रहा है कि फिलहाल वो अमेरिका में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के खिलाफ एक बड़ा कुनबा तैयार करने की कोशिश में जुटा है।
क्या है इंटरपोल
इंटरपोल एक अंतर्राष्ट्रीय अपराधिक पुलिस संगठन है। भारत समेत दुनियाभर के 195 देश इसके सदस्य हैं। इस संगठन की स्थापना 7 सितंबर 1923 को ऑस्ट्रिया के विएना में हुई थी, लेकिन मौजूदा रूप इसका 1956 में सामने आया था। आजादी के बाद साल 1949 से भारत इंटरपोल का सदस्य है और यहां केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) नोडल एजेंसी है। भारत में सीबीआई ही इंटरपोल और अन्य जांच एजेंसियों के बीच नोडल एजेंसी का काम करती है।
क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस?
रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल जारी करता है। इस नोटिस को जारी कराने के लिए संबंधित देश को आरोपी के खिलाफ पक्का नेशनल अरेस्ट वारंट पेश करना होता है। इसके बाद ही इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी करता है। इस नोटिस के तहत किसी देश में बैठा आरोपी या अपराधी को उस देश को सौंपना पड़ता है। हालांकि उसकी गिरफ्तारी उस देश की सरकार पर निर्भर करती है।
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