Wednesday, September 25, 2024
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Telecom Act की 10 बड़ी बातें, 26 जून से हो रहा लागू, जानिए किस अपराध के लिए मिलेगी कितनी सजा

Telecom Act 2023: पिछले साल दिसंबर में पेश हुए नए टेलीकॉम एक्ट 2023 के कुछ सेक्शन को 26 जून से लागू किए जाएंगे। नए टेलीकॉम एक्ट में जेल की सजा से लेकर भारी जुर्माने का प्रावधान शामिल हैं। साथ ही, सिम कार्ड को लेकर भी नए नियम बनाए गए हैं।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Updated on: June 24, 2024 12:45 IST
Telecom Act 2023- India TV Hindi
Image Source : FILE Telecom Act 2023

Telecom Act 2023: नया टेलीकॉम एक्ट पिछले साल दिसंबर में संसद से पास हो गया था। सरकार अब इस नए एक्ट को 26 जून से लागू करने जा रही है। नए एक्ट के लागू होने के बाद से ब्रिटिश काल के दो पुराने हो चुके नियम टेलीग्राफ एक्ट (1885) और वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट (1933) खत्म हो जाएंगे। नया टेलीकॉम एक्ट इन दोनों पुराने नियम को रिप्लेस कर देगा। हालांकि, अभी सरकार ने इस टेलीकॉम एक्ट के कुछ सेक्शन को ही लागू करने का फैसला किया है। ये सेक्शन मोबाइल और ब्रॉडबैंड यूजर्स की सुरक्षा आदि को ध्यान में रखकर लागू किए जाएंगे। वहीं, स्पेक्ट्रम के आवंटन, सैटेलाइट सर्विस आदि से जुड़े सेक्शन अभी लागू नहीं किए जाएंगे।

सरकार द्वारा जारी गैजेट नोटिफिकेशन के मुताबिक, नए टेलीकॉम एक्ट 2023 को 26 जून से लागू किया जाएगा। इस एक्ट के सेक्शन 1,2, 10 से लेकर 30 तक, 42 से 44 तक, 46, 47, 50 से 58 तक, 61 और 62 को 26 जून से लागू कर दिया जाएगा। नए टेलीकॉम एक्ट के लागू होने तक सभी पुराने प्रोविजन और नियम प्रभावी रहेंगे। टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल ने नए टेलीकॉम ऐक्स का गैजेट नोटिफिकेशन अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है और कहा है कि नया नियम 150 साल पुराने टेलीग्राफ एक्ट को रिप्लेस कर देगा।

नए टेलीकॉम एक्ट की 10 बड़ी बातें

मोबाइल यूजर्स के लिए नए टेलीकॉम एक्ट में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे यूजर की आईडी और सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। नए टेलीकॉम एक्ट में सिम कार्ड और यूजर की पहचान का गलत इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति या संस्था पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही, दोषी को जेल की सजा भी हो सकती है।

  1. अगर, कोई फर्जी तरीके से यूजर के आईडी का इस्तेमाल सिम कार्ड खरीदने के लिए करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है या फिर जेल और फाइन दोनों लगाई जा सकती है। इसमें सिम कार्ड स्पूफिंग यानी रिसीवर से अपनी पहचान छुपाना भी शामिल हैं।
  2. इसके अलावा अगर, किसी यूजर के आधार कार्ड से 9 से ज्यादा सिम कार्ड जारी हुआ है, तो उसे 50 हजार रुपये का जुर्माना पहली गलती के लिए और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना गलती दोहराने के लिए लगाया जा सकता है।
  3. टेलीकॉम कंपनियों को नए एक्ट के तहत यूजर की पहचान को केवल बायोमैट्रिक बेस्ड आईडेंटिफिकेशन (आधार कार्ड से लिंक) के जरिए वेरिफाई करना होगा। यह नियम अपराधियों को यूजर के वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस का गलत इस्तेमाल करके सिम कार्ड जारी करवाने से रोकेगा।
  4. नए नियम में टेलीकॉम कंपनियों को यूजर से ऐडवर्टाइजिंग मैसेज या स्पेसिफाइड मैसेज रिसीव करने का कंसेंट फॉर्म कनेक्शन लेने से पहले भरवाना होगा। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों को यूजर को DND (डू-नॉट-डिस्टर्ब) सर्विस रजिस्टर करने का ऑप्शन देना होगा। साथ ही, यूजर को मैसेज या वायरस को रिपोर्ट करने का ऑप्शन मिलना चाहिए। इसके अलावा टेलीकॉम ऑपरेटर्स को यूजर्स के लिए ग्रीवांस या शिकायत रजिस्टर करने के लिए ऑनलाइन मैकेनिज्म सेटअप करना होगा।
  5. केन्द्र सरकार किसी भी टेलीकॉम कंपनी को केवल नीलामी के जरिए ही स्पेक्ट्रम अलोकेट कर सकेंगे।
  6. हालांकि, इसके लिए कुछ अपवाद भी हैं जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा और डिफेंस रिसर्च वर्क, डिजास्टर मैनेजमेंट, वेदर फॉरकास्टिंग, ट्रांसपोर्ट, सैटेलाइट सर्विस जैसे कि DTH और सैटेलाइट टेलीफोनी, BSNL, MTNL, पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस आदि शामिल हैं। इनके लिए स्पेक्ट्रम का अलोकेशन एडमिनिस्ट्रेटिव बेसिस पर किया जा सकता है।
  7. TRAI का चैयरमेन केवल उन्हें नियुक्त किया जा सकता है, जिनके पास कम से कम 30 साल का प्रोफेशनल एक्सपीरियंस और सदस्य के तौर पर 25 साल का प्रोफेशनल एक्सपीरियंस होगा। 
  8. राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों को अपने इक्विपमेंट्स केवल सरकार द्वारा आइडेंटिफाइड ट्रस्टेड सोर्स से ही लेने होंगे।
  9. बिना किसी अनुमति के टेलीकॉम सर्विस प्रदान करना या फिर बिना अनुमति टेलीकॉम नेटवर्क या डेटा एक्सेस करना, कॉल टैपिंग करना आदि अपराध माना जाएगा। इसके लिए तीन साल की कड़ी सजा और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। नियमों का उल्लंघन करने पर सिविल पैनाल्टी लगाए जाने का प्रावधान है, जिसमें 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  10. कस्टम-बिल्ट SIM बॉक्स, सेशन इनिशिएशन प्रोटोकॉल (SIP) ट्रंक कॉल डिवाइस और प्राइमरी रेट इंटरफेस डिवाइस (PRI) के जरिए की जाने वाली इंटरनेशनल कॉल को गैरकानूनी माना जाएगा। इंटरनेशनल कॉल करके आतंकवादियों की सहायता करना भी अपराध होगा। नए नियम के तहत इसे अनऑथोराइज्ड सेलुलर नेटवर्क माना जाएगा, जिसके लिए 10 लाख रुपये तक की फाइन लगाई जा सकती है।

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