पाकिस्तान में इन दिनों स्लो इंटरनेट को लेकर कोहराम मचा हुआ है। क्रिकेट मैच खेलने गई बांग्लादेश की टीम ने स्लो इंटरनेट की वजह से परिवार के लोगों से ठीक से बात नहीं कर पाने की शिकायत की है, जिसकी वजह से पाकिस्तान की पूरी दुनिया में फजीहत हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो बांग्लादेश की टीम मैनेजमेंट ने धीमी इंटरनेट की शिकायत की है। वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान सरकार स्लो इंटरनेट के लिए देश की जनता को ही दोषी ठहरा दिया है, जिसके बाद से Firewall स्कीम की चर्चा जोरों पर चल रही है।
पाकिस्तान की आईटी मिनिस्टर फातिमा ख्वाजा ने देश में स्लो इंटरनेट के लिए वहां की जनता को दोषी माना है। मिनिस्टर ने VPN यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के अधिक इस्तेमाल को देशव्यापी स्लो इंटरनेट की मुख्य वजह बताई है। फातिमा ख्वाजा ने दावा किया है कि सरकार ने पाकिस्तान में इंटरनेट ब्लॉक नहीं किया है और न ही स्लो किया है। यह सब VPN के ज्यादा इस्तेमाल होने की वजह से हुआ है। हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि जल्द ही इंटरनेट सर्विस को इंप्रूव किया जाएगा।
क्या है Firewall सिस्टम?
पाकिस्तान में इंटरनेट स्लो होने की वजह से Firewall सिस्टम की चर्चा जोरों से चल रही है। वहां के एक्टिविस्ट का मानना है कि पाकिस्तान में भी चीन की तरह इंटरनेट फायरवॉल लगाकर ऑनलाइन स्पेस को कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। यहां फायरवॉल का मतलब है कि सरकार की ऑनलाइन स्पेस में दखलअंदाजी। जिस तरह चीन की सरकार केवल उन्हीं वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यूजर्स को एक्सेस करने के लिए ब्लॉक नहीं करती है, जिन पर सरकार का कंट्रोल रहता है।
तकनीकी भाषा में कहा जाए तो किसी भी डिवाइस जैसे कि पर्सनल कम्प्यूटर या फिर स्मार्टफोन या टैबलेट में फायरवॉल उन सभी वेबसाइट को ब्लॉक करता है, जिनमें वायरस होने का खतरा रहता है। यह फायरवॉल यूजर्स के डिवाइस की सिक्योरिटी के लिए लगाया जाता है, ताकि कोई महत्वपूर्ण जानकारी लीक न हो सके।
VPN का हो रहा यूज
पाकिस्तान में इस साल फरवरी से ही एलन मस्क के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X को ब्लॉक कर दिया गया है। वहां के यूजर्स VPN यानी वर्चुअल पब्लिक नेटवर्क का इस्तेमाल करके X पर कुछ पोस्ट कर पा रहे हैं। पाकिस्तान में X के करीब 21 मिलियन यानी 2.1 करोड़ यूजर्स हैं। पाकिस्तान सरकार द्वारा लगाए गए वर्चुअल फायरवॉल की वजह से पिछले दिनों वहां के IT सेक्टर को 300 मिलियन डॉलर तक का नुकसान हुआ है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी की वजह से वहां के यूजर्स को VPN का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से इंटरनेट सर्विस पर असर पर रहा है। VPN के एक्सेसिव इस्तेमाल की वजह से सर्वर पर लोड बढ़ रहा है, जिसकी खामियाजा सभी को उठाना पड़ रहा है।
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