Monday, April 21, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. EXPLAINER: गर्मी आपको जल्द बूढ़ा बना सकती है, जानिए आखिर कैसे?

EXPLAINER: गर्मी आपको जल्द बूढ़ा बना सकती है, जानिए आखिर कैसे?

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस साल भी गर्मी ज्यादा पड़ने वाली है। गर्मी और पसीना, आप कितने परेशान होते हैं लेकिन ये बात जानकर हैरानी होगी कि गर्मी आपको जल्द बूढ़ा बना देती है। जानिए कैसे?

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Mar 02, 2025 16:33 IST, Updated : Mar 02, 2025 23:51 IST
भीषण गर्मी के साइड इफेक्ट
Image Source : FILE PHOTO भीषण गर्मी के साइड इफेक्ट

गर्मी का मौसम परेशान करने वाला होता है, गर्म हवा के थपेड़े और चिलचिलाता धूप, हम कितने परेशान हो जाते हैं। खासकर जो लोग खुली धूप में काम करते हैं, उनके लिए ये मौसम काफी तकलीफदेह होता है। गर्मी परेशानी बढ़ाती तो है ही, आपकी सारी ऊर्जा भी खत्म कर देती है। गर्मियों के दिन भी लंबे होते हैं और इस लंबे, गर्म दिन में हम थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करते हैं। लगातार गर्मी हमारी ऊर्जा खत्म करती है। लेकिन रूकिए आपको जानकर हैरानी होगी कि गर्मी हमें तेजी से बूढ़ा बना देती है।

रिसर्च रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

दरअसल, गर्मी से होने वाला तनाव हमारे ‘एपिजेनेटिक्स’ को बदल देता है, जो एक शारीरिक प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में हमारी कोशिकाएं पर्यावरणीय दबाव का सामना करते हुए ‘जीन’ को सक्रिय या निष्क्रिय कर देती हैं। अमेरिका में हुए नए शोध में इस महत्वपूर्ण प्रश्न का जवाब तलाशा गया कि अत्यधिक गर्मी मनुष्यों को किस तरह प्रभावित करती है और इस शोध की रिपोर्ट जो आई है वो चिंताजनक है। शोध के दौरान एक प्रतिभागी ने जितने ज्यादा दिन तक भीषण गर्मी झेली, उतनी ही तेजी से वह बूढ़े दिखने लगे।

शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी और मनुष्य अधिक गर्मी के संपर्क में आएंगे तो उनका शरीर इन तनावों का सामना करते हुए तेजी से बूढ़ा होगा। ये निष्कर्ष विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रासंगिक हैं, क्योंकि वहां गर्मी ज्यादा बढ़ने की आशंका है।

आखिर गर्मी हमें बूढ़ा कैसे बनाती है?

उम्र का बढ़ना स्वाभाविक है लेकिन बूढ़ा होने की दर हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर पर तनाव का असर ज्यादा होता है। अगर हम लंबे समय तक पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो हम तेजी से बूढ़े हो जाएंगे। इस तरह से गर्मी हमें सीधे बीमार कर सकती है या जानलेवा भी हो सकती है, लेकिन इसकी एक लंबी प्रक्रिया होती है। लगातार गर्मी हमारे शरीर पर दबाव डालती है और गर्मी के कारण हमारे काम करने की गति धीमी हो जाती है।  

यह कैसे संभव है?

आप सोच सकते हैं कि आपके जीन जीवन भर नहीं बदलते, जबकि आपका डीएनए तो वही रहता है। लेकिन आपकी कोशिकाएं तनाव के जवाब में अपने हजारों जीन में से कुछ को निष्क्रिय या सक्रिय कर सकती हैं। किसी भी समय, किसी भी कोशिका में जीनों का केवल एक अंश ही सक्रिय होता है - अर्थात वे प्रोटीन बनाने में व्यस्त होते हैं। इसे ‘एपिजेनेटिक्स’ के नाम से जाना जाता है। इस मामले में डीएनए मिथाइलेशन (डीएनएएम) को समझने की जरूरत है। यहां मिथाइलेशन से तात्पर्य एक रसायन से है जिसका उपयोग हमारी कोशिकाएं डीएनए को विभिन्न कार्यों वाले प्रोटीनों को उत्पादन व सक्रिय होने से रोक सकती हैं।

डीएनएएम में कोशिकीय परिवर्तन के कारण प्रोटीन का उत्पादन कम या ज्यादा हो सकता है, जो बदले में शारीरिक कार्यों और हमारे स्वास्थ्य की स्थिति को प्रभावित कर सकता है। यह बुरा या अच्छा दोनों हो सकता है। गर्मी से होने वाले तनाव से जीन के निष्क्रिय या सक्रिय होने का तरीका बदल सकता है, जिससे हमारे बूढ़ा होने की दर प्रभावित हो सकती है। कोशिकाओं में भीषण गर्मी से उत्पन्न तनाव बरकरार रह सकता है, जिससे समय के साथ उनके डीएनएएम पैटर्न में बदलाव होता है।

अध्ययन में क्या पाया गया?

इस बात पर बहुत शोध किया गया है कि गर्मी ‘एपिजेनेटिक्स’ को कैसे प्रभावित करती है। इस शोध में लगभग 3,700 लोग शामिल थे, जिनकी औसत आयु 68 वर्ष थी। युवा लोगों की तुलना में बुजुर्गों पर गर्मी का ज्यादा असर पड़ता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता कम होती जाती है, और हम बाहरी तनावों व आघातों का सामना करने के प्रति कमजोर पड़ जाते हैं। हम यह भी जानते हैं कि अत्यधिक गर्मी के कारण बीमारी और मृत्यु हो सकती है, खास तौर पर बुजुर्गों में।

अध्ययन का उद्देश्य यह बेहतर ढंग से समझना था कि जब मानव शरीर अल्प, मध्यम और दीर्घ अवधि तक भीषण गर्मी के संपर्क में रहता है तो जैविक स्तर पर उसके साथ क्या होता है। ऐसा करने के लिए, शोधकर्ताओं ने रक्त के नमूने लिए और जीनोम में हजारों जगहों पर एपिजेनेटिक परिवर्तनों को मापा। इसका उपयोग तीन जैविक आयु चक्रों ‘पीसीफेनोएज’,‘पीसीग्रिमएज’ और ‘ड्यूनेडिनपेस’ को मापने के लिए किया गया।

चौंकाने वाले निष्कर्ष

अध्ययन के अनुसार पीसीफेनोएज आयु चक्र में, लंबे समय तक भीषण गर्मी के संपर्क में रहने से छह वर्ष की अवधि में जैविक आयु 2.48 वर्ष बढ़ गई। वहीं पीसीग्रिमएज चक्र में आयु 1.09 वर्ष और ‘ड्यूनेडिनपेस’ में 0.05 वर्ष बढ़ गई। अध्ययन के दौरान यह प्रभाव बूढ़ा होने की सामान्य दर की तुलना में 2.48 वर्ष अधिक तेज था। यह नया शोध इस बात पर प्रकाश डालता है कि गर्मी हमें किस हद तक बूढ़ा बनाती है। जैसे-जैसे भविष्य में गर्मी बढ़ेगी, हमारी ‘एपिजेनेटिक्स’ प्रतिक्रिया में बदलाव होता जाएगा और हम तेजी से बूढ़े होते जाएंगे। 

(इनपुट-पीटीआई)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement