EXPLAINER: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। इस सीरीज के चार मुकाबले हैदराबाद, विशाखापट्टनम, राजकोट और रांची में खेले जा चुके हैं। टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम 3-1 से आगे है और उन्होंने यह सीरीज भी अपने नाम कर ली है। टीम इंडिया को अगला टेस्ट मैच धर्मशाला में खेलना है। इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज के दौरान युवा खिलाड़ियों में काफी शानदार प्रदर्शन किया और उन्होंने एक भी बार सीनियर खिलाड़ियों की कमी को महसूस होने नहीं दिया। युवा ब्रिगेड के साथ रोहित शर्मा पर भी कई बड़ी चुनौतियां थी, लेकिन रोहित शर्मा की कप्तानी में एक भी बार ऐसा नहीं लगा कि टीम इंडिया एक कम अनुभवी टीम के साथ मैदान पर खेल रही है।
इंग्लैंड की टीम इस बार बैजबॉल के मंसूबे के साथ भारत पहुंची थी, लेकिन टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों के इरादे ने उनके बैजबॉल की धज्जियां उड़ा दी। भारत में बैजबॉल का प्लान पूरी तरह से फ्लॉप साबित रहा। इस सीरीज के दौरान सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया ने तीन खास खिलाड़ियों की खोच की। जिसकी टीम इंडिया को काफी लंबे समय से तलाश थी। ये तीन खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि सरफराज खान, ध्रुव जुरेल और आकाश दीप सिंह हैं। इन तीनों खिलाड़ियों ने इस सीरीज के दौरान अपना डेब्यू किया और इंग्लैंड जैसे बड़ी टीम को धूल चटाई। ऐसे में आइए इन तीन खिलाड़ियों के बैकग्राउंड और उनके इस सीरीज के दौरान प्रदर्शन पर एक नजर डालें।
भारत की खोज
1. सरफराज खान: डोमेस्टिक क्रिकेट के डॉन ब्रैडमैन कहे जाने वाले सरफराज खान को इस सीरीज में डेब्यू करने का मौका मिला। डोमेस्टिक क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले इस बल्लेबाज को पिछले करीब तीन साल से अपने टेस्ट डेब्यू का इंतजार था। 15 फरवरी, राजकोट टेस्ट में वो मौका आ ही गया जब उन्हें टीम इंडिया की कैप थमाई गई। ये वो पल था जब टीम इंडिया के करोड़ों फैंस इमोशनल थे और सरफराज के पिता उस कैप को देखकर अपने आंसुओं को रोक नहीं सके।
अब बस इंतजार इसी बात का किया जा रहा था कि सरफराज की बल्लेबाजी कब आएगी। टीम में न केवल उन्हें शामिल किया गया, बल्कि पहले ही दिन बल्लेबाजी का भी मौका मिला। सरफराज खान के लिए ये दिन शायद हमेशा याद रखने वाला होगा। उन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच की दो पारियों में 62 और 68 रनों की तेज पारी खेली। इन दो पारियों ने टीम इंडिया की जीत में एक अहम भूमिका निभाई। हालांकि सरफराज खान अपने दूसरे टेस्ट मैच में कुछ खास न कर सके, लेकिन सरफराज जैसे बल्लेबाज की टीम को काफी जरूरत थी, जो मीडिल ऑर्डर में तेजी से बल्लेबाजी कर सके और जरूरत पड़ने पर धीमी पारी भी खेल सके।
2. ध्रुव जुरेल: सरफराज खान के साथ रजकोट टेस्ट में ध्रुव जुरेल ने भी अपना डेब्यू किया था। यूपी का ये करीब 23 साल का खिलाड़ी पिछले कुछ दिनों में भारतीय क्रिकेट का बड़ा सितारा बन गया है। हालांकि अभी तक वे 2 ही मैच खेल पाए हैं, लेकिन अपने बल्लेबाजी कौशल और टेंपरामेंट से सभी को प्रभावित किया है। ध्रुव जुरेल ने अपने डेब्यू मैच पर 46 रनों की एक पारी खेली, लेकिन उनका असली रंग रांची टेस्ट में दिखा, जहां उन्होंने 90 रन और 39 रन की पारी खेली।
ये ध्रुव जुरेल ही थे, जिन्होंने एक फंसे हुए मैच से न केवल भारतीय टीम को बाहर निकाला, बल्कि जीत दिलाने तक क्रीज पर टिके रहे। भले ही उनके बल्ले से शतक न आया हो, लेकिन वे इसके बाद भी प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड जीतने में कामयाब रहे। जुरेल एक विकेटकीपर बल्लेबाज हैं और ऋषभ पंत के बाहर हो जाने के बाद से ही टीम इंडिया को एक धाकड़ विकेटकीपर खिलाड़ी की काफी जरूरत थी जो उनकी कमी को पूरा कर सके और जुरेल ने वो काबिलियत नजर भी आई है।
3. आकाश दीप सिंह: बिहार के सासाराम में जन्में आकाश दीप सिंह की कहानी किसी हीरो से कम नहीं है। आकाश दीप को टीम इंडिया की जर्सी पहने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिन-रात की मेहनत के बाद उन्हें अपने घर से लगभग 300 किलोमीटर दूर रांची में टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला। बिहार के इस खिलाड़ी ने बंगाल के लिए रणजी में खेला। घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उन्हें डेब्यू करने का मौका मिल सका।
इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट में आकाशदीप सिंह ने नई गेंद से भारत को गजब की शुरुआत दिलाई। इस मैच में उन्हें बुमराह की जगह खेलने का मौका मिला था। टीम इंडिया के फैंस को लग रहा था कि बुमराह की कमी जरूर खलेगी, लेकिन आकाशदीप सिंह ने ऐसा होने नहीं दिया। उन्होंने अपने पहले ही स्पेल में सिर्फ 24 रन देकर 3 विकेट झटके। आकाशदीप सिंह ने इस दौरान दोनों सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली और बेन डकेट को आउट किया। इसके अलावा उन्होंने ओली पोप को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया। भारत को आकाश दीप सिंह जैसे गेंदबाजी की इस वक्त काफी जरूरत थी, ताकि विदेशों में कोई तेज गेंदबाज बुमराह के साथ मिलकर गेंदबाजी कर सके।
यह भी पढ़ें
ICC Rankings : रोहित से आगे निकले जायसवाल, जो रूट का फायदा और बाबर आजम को नुकसान