Saturday, November 02, 2024
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स्कूटर पर नमकीन बेचा, फिर हुआ 24 हजार करोड़ का घोटाला, कहानी सहारा श्री सुब्रत रॉय की?

सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत रॉय का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया। सुब्रत रॉय ने अपने करियर की शुरुआत में कई काम किए। लेकिन सहारा कंपनी ने उन्हें फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया। हालांकि इसी कंपनी के कारण सुब्रत रॉय को जेल की हवा भी खानी पड़ी।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Updated on: November 16, 2023 13:51 IST
sahara group chief Subrata Roy story and scam of 24 thousands crore of sahara investors - India TV Hindi
Image Source : PTI कहानी सुब्रत रॉय की?

सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत रॉय का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया। ये वही सुब्रत रॉय थे, जो कभी गोरखपुर में मोटरसाइकिल पर नमकीन बेचा करते थे। ये वही सुब्रत रॉय थे, जिन्होंने सहारा ग्रुप जैसा साम्राज्य खड़ा किया जिसपर 24000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा। सुब्रत रॉय के दोनों बेटों की शादी में 500 करोड़ से अधिक खर्च किया गया। यह शादी आज भी देश की सबसे महंगी शादियों में से एक है। लेकिन ऐसा क्या होता है कि सेबी और अन्य केंद्रीय एजेंसियां सुब्रत रॉय के पीछे लग जाती है और फिर 24 हजार करोड़ रुपये घोटाले की बात सामने आती है।

कहां से हुई घोटाले की शुरुआत?

गोरखपुर में साल 1978 में सहारा इंडिया का पहला दफ्तर खोला जाता है। इस कंपनी में लोगों को अच्छा रिटर्न का लालच दिया जाता है और फिर लोग निवेश करना शुरू कर देते हैं। शुरुआत में लोगों को अच्छे रिटर्न्स दिए जाते है। इससे लोगों में इसके प्रति आकर्षण और विश्वास बढ़ता है और लोग भारी संख्या में सहारा ग्रुप में निवेश करते हैं। 

सहारा ग्रुप का काम, इसकी टोपी उसके सर

दरअसल इस स्कीम के तहत सहारा ग्रुप द्वारा पुराने निवेशकों को नए निवेशकों का पैसा रिटर्न्स के नाम पर दिया जाता था। सीधी भाषा में कहें तो इसकी टोपी उसके सर करने का काम हो रहा था। साल 2005 में जब निवेशकों द्वारा इंस्टॉलमेंट देने में देरी होती तो उन्हें नोटिस दिया जाने लगा। इससे लोगों में डर बैठने लगा।  जब निवेशक एजेंट्स से अपने पैसे की मांग करते तो उन्हें पैसे नहीं दिए जाते। साथ ही उन्हें नए-नए स्कीम्स का लालच दिया जाता।  एक तरफ जहां लोगों को अपना पैसा नहीं मिल रहा था। वहीं दूसरी तरफ सहारा ग्रुप द्वारा दमभर निवेश और खर्च किया जा रहा है। एमबी वैली प्रोजेक्ट, सहारा सिटी, सहारा एयरलाइन्स, टीम इंडिया की और आईपीएल में स्पॉन्सरशिप इनमें से प्रमुख है।

24 हजार करोड़ का हुआ घोटाला

साल 2007 में सेबी ने जांच-पड़ताल की तो सहारा ग्रुप के कामकाज में गड़बड़ी मिली। आरोप लगे कि सहारा ग्रुप ने 3 करोड़ लोगों के 24000 करोड़ रुपये नहीं लौटाए हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुब्रत रॉय ने इसे निजी मामला बता दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अंत में आदेश दिया कि सुब्रत रॉय लोगों का 24000 करोड़ लौटा दें। इस बीच सेबी और सुब्रत रॉय के बीच लड़ाई जारी थी। इसके बाद सहारा ग्रुप की तरफ से बयान जारी किया गया कि लोगों के कैश के रूप में 20 हजार करोड़ रुपये लौटा दिए गए हैं। जब इसके सबूत मांगे गए तो सुब्रत रॉय के आदेश पर 127 ट्रकों में डॉक्यूमेंट्स भरकर ईडी के दफ्तर भिजवा दिया गया। डॉक्यूमेंट्स की जांच करने पर पता चला कि सहारा ग्रुप द्वारा निवेशकों के फर्जी नामों का इस्तेमाल किया गया है।

निवेशकों को अब भी नहीं मिला पैसा 

इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुब्रत रॉय को 28 फरवरी 2014 को सुब्रत रॉय को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया जाता है। इस दौरान सुब्रत रॉय की आयु 65 साल थी। गिरफ्तारी के बाद सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल लाया जाता है। 6 मई 2016 को सुब्रत रॉय को पेरोल पर रिहा कर दिया जाता है। इस समय तक सहारा की नेटवर्थ 68 हजार करोड़ रुपये थी और लाखों की संख्या में एजेंट्स सहारा के लिए काम कर रहे थे। 6 मई 2016 को सुब्रत रॉय को पेरोल पर रिहा किया गया। सहारा श्री नाम से मशहूर सुब्रत रॉय का निधन हो चुका है। लेकिन अब भी 3 करोड़ से अधिक निवेशकों का 24 हजार करोड़ फंसा हुआ है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक पोर्टल जारी किया गया है ताकि निवेशकों को उनका पैसा दिया जा सके।

 

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