Wednesday, February 19, 2025
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UPI पेमेंट को लेकर बदलने जा रहा नियम, 1 फरवरी से होगा लागू, जानें कैसे पड़ेगा असर

1 फरवरी, 2025 से कोई भी UPI पेमेंट ऐप ट्रांजैक्शन आईडी बनाने के लिए @, $, &, # जैसे स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि जिन यूपीआई ऐप्स से ट्रांजैक्शन करने पर स्पेशल कैरेक्टर वाले ट्रांजैक्शन आईडी बनते हैं, उन्हें सेंट्रल सिस्टम एक्सेप्ट नहीं करेगा और ट्रांजैक्शन फेल हो जाएंगे।

Written By: Sunil Chaurasia
Published : Jan 30, 2025 18:25 IST, Updated : Jan 30, 2025 18:25 IST
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Image Source : PAYTM एनपीसीआई ने 9 जनवरी को जारी किया था सर्कुलर

NPCI new rules for UPI: आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में UPI हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। यूपीआई के आने से लेनदेन करना, पहले की तुलना में काफी आसान बन गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरे देश में रोजाना सैकड़ों करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, जिनके जरिए रोजाना हजारों करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है। आज के समय में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहर नहीं बल्कि भारत के छोटे-से-छोटे गांवों में भी जमकर यूपीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन 1 फरवरी से यूपीआई के नियम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसका सीधा असर यूपीआई ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा।

1 फरवरी से बदलने जा रहा है यूपीआई ट्रांजैक्शन का नियम

1 फरवरी, 2025 से कोई भी UPI पेमेंट ऐप ट्रांजैक्शन आईडी बनाने के लिए @, $, &, # जैसे स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि जिन यूपीआई ऐप्स से ट्रांजैक्शन करने पर स्पेशल कैरेक्टर वाले ट्रांजैक्शन आईडी बनते हैं, उन्हें सेंट्रल सिस्टम एक्सेप्ट नहीं करेगा और ट्रांजैक्शन फेल हो जाएंगे। इसका सीधा असर आम लोगों पर भी पड़ेगा। अगर आप किसी ऐसे UPI ऐप को यूज कर रहे हैं जो ट्रांजेक्शन आईडी क्रिएट करने में स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल करते हैं, तो ऐसी परिस्थितियों में आप भी यूपीआई से पेमेंट नहीं कर पाएंगे।

ट्रांजैक्शन आईडी बनाने के लिए अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर का ही कर सकते हैं इस्तेमाल

दरअसल, यूपीआई ऑपेरटर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ट्रांजैक्शन आईडी बनाने के प्रोसेस को मानकीकृत करना चाहता है और इसीलिए एनपीसीआई चाहता है कि सभी पेमेंट ऐप ट्रांजैक्शन आईडी क्रिएट करने में अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर का ही इस्तेमाल करें और स्पेशल कैरेक्टर के इस्तेमाल से बचें। कुछ एक्सपर्ट्स ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि एनपीसीआई का ये नियम खास मर्चेंट अकाउंट होल्डर्स के लिए है, लेकिन इसे गौर से समझें तो इसका असर आम लोगों पर भी पड़ेगा।

एनपीसीआई ने सभी पेमेंट ऐप्स को साफ शब्दों में दिए निर्देश

एनपीसीआई ने देश में सेवाएं देने वाले सभी यूपीआई ऑपरेटरों को साफ शब्दों में कह दिया है कि उन्हें यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी क्रिएट करने के लिए अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर का ही इस्तेमाल करना होगा नहीं तो सेंट्रल सिस्टम उनके ऐप के जरिए किए जाने वाले किसी भी यूपीआई ट्रांजैक्शन को स्वीकार नहीं करेगा और वे फेल हो जाएंगे। एनपीसीआई के नए नियमों का पालन करने की पूरी जिम्मेदारी पेमेंट ऐप की है, लेकिन अगर वे जल्द से जल्द नए नियमों का पालन नहीं करते हैं तो इसका सीधा असर उनके यूजर्स पर पड़ेगा।

एनपीसीआई ने 9 जनवरी को जारी किया था सर्कुलर

9 जनवरी, 2025 को जारी किए गए यूपीआई सर्कुलर के अनुसार, "हमारे 28 मार्च 2024 के OC 193 से संदर्भ लिया जा सकता है, जिसमें यूपीआई पेमेंट ऐप्स को यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी बनाने के लिए सिर्फ अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर का ही इस्तेमाल करने की सलाह दी गई थी। ये यूपीआई टेक्निकल स्पेशिफिकेशन्स के कंप्लायंस को सुनिश्चित करने के लिए है। हम कंप्लायंस में सुधार के लिए इकोसिस्टम के साथ काम कर रहे हैं। स्पेशिफिकेशन्स के कंप्लायंस की गंभीरता को देखते हुए, यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी में किसी भी स्पेशल कैरेक्टर की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया गया है। स्पेशल कैरेक्टर वाले ट्रांजैक्शन आईडी से होने वाले लेनदेन को सेंट्रल सिस्टम द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाएगा। ये 1 फरवरी 2025 से प्रभावी होगा।"

35 डिजिट का होना चाहिए ट्रांजैक्शन आईडी 

एनपीसीआई के 28 मार्च, 2024 को जारी किए गए एक सर्कुलर के अनुसार सभी यूपीआई ट्रांजैक्शन की आईडी 35 डिजिट की होनी चाहिए। ट्रांजैक्शन आईडी न तो 35 डिजिट से कम होनी चाहिए और न ही ज्यादा। ट्रांजैक्शन आईडी में कोई भी स्पेशल कैरेक्टर नहीं होना चाहिए। अगर ट्रांजैक्शन आईडी 35 डिजिट से कम या ज्यादा हुई तो सेंट्रल सिस्टम उस ट्रांजैक्शन को रिजेक्ट कर देगा।

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