OCI : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन दिन के मॉरीशस दौरे के दौरान वहां भारतीय मूल के कई पीढ़ियों से रहते आ रहे लोगों को OCI कार्ड देने के लिए एक विशेष प्रावधान देने को मंजूरी देने का ऐलान किया है। यह एक तरह से मॉरीशस में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के लिए बड़ा तोहफा है। भारतीय मूल के जो लोग 7वीं पीढ़ी के हैं, वे भी OCI कार्ड के पात्र होंगे। अब ये जानना जरूरी है कि OCI कार्ड क्या होता है, ये किन लोगों के लिए होता और इससे फायदा क्या होता है? इस 'एक्सप्लेनर' में जानिए OCI से जुड़े ऐसे ही सवालों के जवाब।
OCI कार्ड से जुड़ी बातें डिटेल में जानने से पहले हम यह समझ लें कि इस OCI कार्ड का अचानक जिक्र क्यों हुआ। दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 मार्च को मॉरीशस में भारतीय मूल के 7वीं पीढ़ी के व्यक्तियों को भारत की विदेशी नागरिकता यानी OCI कार्ड देने के लिए एक विशेष प्रावधान को अनुमति देने की बात कही है। मॉरीशस में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 'मेरी सरकार ने हाल ही में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस विशेष प्रावधान के तहत भारतीय मूल के 7वीं पीढ़ी के मॉरीशस में रहने वाले लोग भी भारत के विदेशी नागरिक कार्ड (OCI कार्ड) के लिए पात्र होंगे।' राष्ट्रपति मुर्मू के इस बयान से स्पष्ट है कि इससे मॉरीशस में रहने वाले भारतीय मूल के निवासी भारत के विदेशी नागरिक बन सकेंगे और अपने पूर्वजों की भूमि से यानी अपनी 'जड़ों' से फिर जुड़ सकेंगे।
OCI का मतलब क्या होता है, जानिए क्या है यह सुविधा?
OCI का मतलब होता है 'ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया'। यह विदेश में बसे और वहां की नागरिकता ले चुके भारतीय मूल के लोगों के लिए एक खास तरह की सुविधा होती है, जिसे OCI कार्ड कहा जाता है।
OCI को इस संदर्भ में भी समझ सकते हैं कि दरअसल, विश्व के कई देशों में डबल सिटीजनशिप की सुविधा है। लेकिन भारत की बात की जाए तो भारतीय नागरिकता कानून के तहत यदि कोई शख्स किसी अन्य देश की सिटीजनशिप ले लेता है तो उसे अपने देश की यानी भारत की नागरिकता को त्यागना पड़ता है। आज ऐसे लोगों की संख्या लाखों से भी अधिक है। ये वो लोग हैं जो ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में बस चुके हैं और वहां की नागरिका ले चुके हैं, पर उनका जुड़ाव अपनी मातृभूमि यानी भारत से बना हुआ है।
कब अस्तित्व में आया OCI कार्ड?
विदेश में बसने वाले भारतीय मूल के लोगों को भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद भारत आने के लिए वीजा लेना पड़ता था। ऐसे ही लोगों की सुविधा का ख्याल रखते हुए साल 2003 में भारत सरकार ने PIO कार्ड का प्रावधान किया था। PIO का मतलब है 'पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन'। हालांकि इसके बाद सरकार ने 2006 में प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर हैदराबाद में OCI कार्ड देने की घोषणा की। काफी समय तक पीआईओ और ओसीआई कार्ड दोनों ही चलन में रहे, लेकिन चार साल पहले 2015 में पीआईओ का प्रावधान खत्म करके सरकार ने ओसीआई कार्ड का चलन जारी रखने की घोषणा की।
OCI कार्ड के क्या हैं नियम?
OCI कार्ड के पात्रताधारियों के लिए कुछ आवश्यक नियम हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि वह व्यक्ति या उसके पैरेंट्स भारत के नागरिक रहे हों। दूसरा यह कि कई ऐसे देश हैं जहां भारतीय मूल के लोग जो रह रहे हैं उन्हें यह सुविधा नहीं प्राप्त हो सकती। इनमें पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं। ओसीआई कार्ड की खासियत यह है कि यह एक तरह से भारत में रहने, काम करने और कारोबारी लेनदेन की सुविधा देता है। बिना वीजा के ओसीआई कार्डधारक भारत आ सकता है। ओसीआई रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन आधिकारिक वेबसाइट यानी ociservices.gov.in से ऑनलाइन किया जा सकता है।