प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों बेंगलुरू में लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी थी। पीएम मोदी की इस रोमांचक उड़ान की कुछ तस्वीरों को भी शेयर किया गया था। लड़ाकू विमान में उड़ान भरते पीएम मोदी की तस्वीरों को लोगों ने खूब पसंद किया। ये उड़ान पीएम ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेद की फैसिलिटी के दौरे के दौरान किया। बता दें कि तेजस एक स्वदेशी लड़ाकू विमान है। इस दौरान पीएम मोदी ने जो सूट पहना था दर्शकों ने उसे भी खूब पसंद किया। दरअसल पीएम मोदी द्वारा पहना गया यह सूट काफी स्पेशल था। दरअसल ये कोई मामूली सूट नहीं है। ये सूट काफी खास है, जिसके बारे में हम आपको बताने वाले हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी का G सूट
पीएम नरेंद्र मोदी ने तेजस में उड़ान भरने के दौरान जो सूट पहना उसे G सूट कहते हैं। लड़ाकू विमान में उड़ान भरने या विमान को उड़ाने से पहले सभी को यह जी सूट पहनना होता है। G सूट यानी Gravity Suit, जिसकी जरूरत साल 1917 में पहली बार महसूस की गई। दरअसल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने के दौरान कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं, जब पायलट या उकने सह पायलट बेहोश हो गए थे। ऐसे में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए साल 1931 में सिडनी यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर फ्रैंक कॉटन ने मानव शरीर में गुरुत्वाकर्षण के केंद्र के निर्धारण की बात कही थी। साल 1940 में पहली बार एंटी ग्रैविटी सूट या जी सूट के बारे में बताया गया। दरअसल जब इस सूट को कोई पायलट पहनता है तो उसे ग्रैविटी फोर्स का सामना नहीं करना पड़ता। बगैर जी सूट के पायलट को गुरुत्वाकर्षण बल का सामना करना पड़ता है। इस कारण उड़ान के दौरान पायलट को बेहोशी या ब्लैकआउट की समस्या होने लगती थी।
जी सूट पहनना क्यों है जरूरी
बता दें कि लड़ाकू विमान में उड़ान भरने से पहले पायलट या सहकर्मी को जी सूट पहनना होता है। फाइटर प्लेन में तेज रफ्तार के कारण खून का बहाव अनियंत्रित होने लगता है। ऐसे में जी सूट खू के बहाव को नियंत्रित करने का काम करता है। इससे पायलट को ब्लैक आउट या बेहोश होने जैसी समस्याएं नहीं आती हैं। इसानी शरीर 3g तक का गुरुत्वाकर्षण बल झेल सकता है। वहीं जमीन पर साधारणतया 1G गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव होता है। वहीं लड़ाकू विमान पर पायलट या क्रू को 4g से 5g तक का गुरुत्वाकर्षण बल झेलना पड़ता है। ऐसे में जी सूट शरीर में खून का प्रवाह नियंत्रित करता है और पायलट को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है।
जी सूट की खासियत और वजन
पायलट द्वारा पहने जाने वाले जी-सूट का कुल वजन 3-4 किलोग्राम होता है। जी-सूट में जो पॉकेट मौजूद होती हैं, उनमें पायलट उड़ान के दौरान दस्ताने, डॉक्यूमेंट्स रख सकते हैं। बता दें कि इस जैकेट में एक लेदर पॉकेट भी होती है। इस पॉकेट की खासियत है कि आपातकालीन स्थिति में पायलट चाकू इत्यादि इसमें रख सकता है। जानकारी के मुताबिक इस सूट की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। हालांकि इसके असल कीमत की जानकारी अबतक सामने नहीं आ सकी है।