नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को फ्रांस के अपने 2 दिन के आधिकारिक दौरे के लिए पेरिस रवाना हो गए। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर वह 13-14 जुलाई 2023 तक पेरिस का दौरा करेंगे। पीएम मोदी 14 जुलाई 2023 को बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि होंगे, इस परेड में तीनों सेनाओं के भारतीय सशस्त्र बलों का एक दस्ता भी भाग लेगा। अपनी इस आधिकारिक यात्रा के दौरान पीएम मोदी, राष्ट्रपति मैक्रों से औपचारिक बातचीत करेंगे। राष्ट्रपति मैक्रों पीएम मोदी के सम्मान में एक राजकीय भोज के साथ-साथ एक प्राइवेट डिनर की भी मेजबानी करेंगे।
26 और राफेल विमानों की खरीद का हो सकत है एलान
पीएम मोदी के इस दौरे की भारत के लिए कितनी अहमियत है, इसका अंदाजा विदेश सचिव विनय क्वात्रा के बयान से लगाया जा सकता है। विदेश सचिव ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी की यह फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए ‘नये मानदंड’ तय करेगी। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बातचीत रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि भारत द्वारा राफेल के नौसेना प्रारूप के 26 विमानों की खरीद के लिए आवश्यक तैयारियां की गयी है ताकि इसकी घोषणा की जा सके।
बैस्टिल डे समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान राफेल प्लेन के इंजन के संयुक्त विकास से जुड़े सौदे पर भी बात आगे बढ़ सकती है। भारत की बढ़ती ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे। इसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है। इस यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ सामारिक, वैज्ञानिक, अकादमिक और आर्थिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का रास्ता तलाशने पर भी चर्चा होगी। इसमें रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार एवं निवेश के क्षेत्र शाामिल हैं।
स्कॉर्पिन पनडुब्बी की खरीद को मिल सकती है मंजूरी
बैस्टिल डे समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय तीनों सेनाओं की टुकड़ी दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों में सवार होकर गुरुवार को पेरिस के लिए रवाना हुई थी। इसमें फ्रांसिसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के कम से कम 3 राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे। राफेल और विमानों के इंजन से जुड़े प्रोजेक्ट के अलावा डीएसी तीन अतिरिक्त स्कॉर्पिन पनडुब्बी खरीद को भी मंजूरी दे सकती है। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न देशों के साथ भारत के रक्षा सहयोग के ‘संदर्भ ढांचे’ में बदलाव आया है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर जोर दिया गया है, ऐसे में फ्रांस भी इसका अनुसरण करेगा।
आज शाम भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे मोदी
आज गुरुवार को पीएम मोदी का फ्रांस की सीनेट के अध्यक्ष गरार्ड लार्चर, प्रधानमंत्री लिसाबेथ बार्न से मिलने और भारतीय समुदाय को संबोधित करने का कार्यक्रम है। शाम में राष्ट्रपति मैक्रों, प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में एक प्राइवेट डिनर पार्टी की मेजबानी करेंगे। शुक्रवार को पीएम मोदी बैस्टिल डे समारोह में शामिल होंगे और साथ ही फ्रांस की नेशनल एसेम्बली के अध्यक्ष याल ब्राउनपिवेट से मिलेंगे। उनका कई नेताओं एवं कारोबारियों से मिलने का भी कार्यक्रम है। शुक्रवार को ही एलिसी पैलेस में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया जायेगा और इसके बाद मोदी एवं मैक्रों के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता होगी।
दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर होगी बातचीत
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे। दोनों नेता सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भों की समीक्षा करेंगे जिसमें सुरक्षा, असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल है। माना जा रहा है कि भारत और फ्रांस इस मौके पर अंतरिक्ष में नये क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते तलाश कर सकते हैं। भारत पहले ही वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद चुका है। भारतीय नौसेना स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत INS विक्रांत के लिए डेक-आधारित 26 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है। इसके अलावा 3 अतिरिक्त स्कॉर्पिन पनडुब्बी के ऑर्डर पर भी बातचीत हो सकती है।
विश्व की महाशक्तियों में बन रही भारत की जगह
आपको याद होगा कि अभी पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की राजकीय यात्रा पर थे। वहां राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनका जिस तरह स्वागत किया, वह पूरी दुनिया ने देखा। पीएम मोदी पूरे दौरे में अमेरिकी मीडिया में छाए रहे। फ्रांस में पीएम मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए कहा जा सकता है कि उनका पेरिस दौरा भी बेहद सफल होने जा रहा है। कुछ ही दिनों के अंदर पीएम मोदी की 2 ताकतवर देशों की बैक-टू-बैक यात्राएं, और वह भी उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के निमंत्रण पर, भारत की बढ़ती ताकत का बड़ा सबूत हैं।