Imran Khan Supporters Protest in Pakistan: पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थकों ने शहबाज शरीफ सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (PTI) कार्यकर्ताओं ने खान को जेल से रिहा करने की मांग करते हुए बड़ा आदोलन शुरू कर दिया है। पूरे देश से पीटीआई कार्यकर्ता इस्लामाबाद की ओर कूच कर रहे है जिसकी वजह से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। कई जगहों से हिंसा की खबरें भी सामने आ रही हैं। इमरान खान के आदेश के बाद रविवार से मौजूदा सरकार के खिलाफ अपने 'करो या मरो' विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं।
शहबाज शरीफ के सामने बड़ी चुनौती
इमरान खान के समर्थकों का राजधानी इस्लामाबाद की तरफ कूच करना शहबाज शरीफ के लिए गले की फांस बन गया है। ऐसा इसलिए कह सकते हैं क्योंकि मुल्क ही हालत पहले ही खस्ता है, महंगाई चरम पर है, आम लोग परेशान हैं, देश आईएमएफ के लोन के जरिए सांस ले रहा है, शिया-सुन्नी विवाद में मौतें है रही हैं, आतंकी हमले हो रहे हैं, चीन के नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है...इन मुश्किलों में घिरे शहबाज शरीफ के लिए अब इमरान खान के समर्थक बड़ी चुनौती बन गए हैं।
खैबर पख्तूनख्वा से इस्लामाबाद की तरफ कूच
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर और खान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में रविवार को प्रदर्शनकारियों ने इस्लामाबाद पहुंचने के लिए मार्च शुरू कर दिया है। खान के समर्थकों को रास्ते में तमाम बाधाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। शिपिंग कंटेनर रखकर रास्तों को रोक दिया गया है। प्रदर्शनकारी इन कंटेनरों को हटाने वाले उपकरणों और अन्य भारी मशीनों से लैस हैं। अली अमीन ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें आगे बढ़ना चाहिए और इमरान खान की रिहाई तक पीछे नहीं हटना चाहिए।’’ पीटीआई नेताओं का यह भी आरोप है कि पूरे पंजाब में 490 कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 100 से अधिक लापता बताए गए हैं।
शरू हुई सियासत
उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने एक बयान में पीटीआई के बार-बार विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए इसे देश के खिलाफ एक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी हमेशा उस समय विरोध प्रदर्शन करती दिखती है जब वैश्विक हस्तियां पाकिस्तान का दौरा करती हैं, चाहे वह चीन के प्रधानमंत्री की यात्रा हो, एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन हो या अन्य अवसर हों।
इमरान ने ऐसे बढ़ाई शरीफ सरकार की टेंशन
जेल में बंद 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। यह ऐलान उन्होंने 13 नवंबर को किया था। खान ने जनादेश की चोरी, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और संविधान के 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी। संविधान के 26वें संशोधन पर उन्होंने कहा था कि इसने ‘तानाशाही शासन’ को मजबूत करने का काम किया है। वैसे देखा जाए तो पीटीआई की चार मांगें हैं।
हजारों करोड़ का नुकसान
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने नफा-नुकसान का हिसाब भी लगाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय की मानें तो इमरान खान की पार्टी के इस प्रदर्शन के चलते हर दिन 190 बिलियन रुपये यानी 19 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान का अनुमान है। अगर यह प्रदर्शन 10 दिन भी टिक गया तो पाकिस्तान की हालत बद से बदतर हो सकती है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पीटीआई पार्टी के विरोध प्रदर्शनों से पिछले 18 महीनों में सरकारी खजाने को 2.7 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नष्ट करने की लागत भी शामिल है।
इस्लामाबाद में बढ़ाई गई सुरक्षा
इमरान समर्थकों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने राजधानी इस्लामाबाद में व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की सहायता के लिए अर्धसैनिक रेंजर्स और फ्रंटियर कोर (एफसी) के कर्मियों को बुलाया है। सुरक्षा के अतिरिक्त कदम उठाते हुए प्रशासन ने सभी छात्रावासों को खाली करा दिया। पंजाब सरकार ने भी 23 नवंबर से 25 नवंबर तक पूरे प्रांत में धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत विरोध प्रदर्शन, सार्वजनिक सभाएं, रैलियां और धरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी तरह, इस्लामाबाद में भी 18 नवंबर से धारा 144 लागू है।
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