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Explainer: ये है New Indian Army, खतरनाक परमाणु पनडुब्बियां और गड़गड़ाते राफेल...मिनटों में खल्लास कर देंगे दुश्मन का खेल

नौ वर्षों में नई ताकत के साथ उभरी भारतीय सेना ने दुश्मनों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सेना अत्याधुनिक हथियारों, राफेल लड़ाकू विमानों, आइएनएस विक्रांत जैसे युद्धपोतों और खतरनाक परमाणु पनडुब्बियों से लैश है। अब पाकिस्तान और चीन भी भारत की नई सेना की ताकत से हैरान हैं।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 18, 2023 13:07 IST, Updated : Jul 18, 2023 15:05 IST
राफेल फाइटर जेट
Image Source : AP राफेल फाइटर जेट

Explainer: दुश्मनों की छाती पर दहाड़ता भारत, अत्याधु निक तोपों से आग उगलता भारत, खतरनाक परमाणु पनडुब्बियां से समुद्र में तबाही मचाता भारत, गड़गड़ाते राफेल विमानों से आसमान में गर्जना करता भारत, हाईपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों से बर्बादी का मंजर दिखाता भारत... धरती से पाताल तक और समुद्र से आसमान तक दुश्मनों के दिल में खौफ भरता भारत.... क्योंकि ये है नया और बुलंद भारत। नये भारत की नई जोशीली आर्मी जो मिनटों में दुश्मनों का खेल खल्लास कर सकती है। इसलिए अब पंगा मत लेना। कान खोलकर सुन लो...आज का हिंदुस्तान अब हथियारों के लिए दूसरे देशों पर उम्मीद की निगाहें नहीं टिकाता, आज का भारत अब हथियारों का रोना नहीं रोता, बल्कि अपने साथ-साथ दुनिया के 75 से अधिक देशों को हथियार सप्लाई भी करता है। ये New Indian Army की ताकत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने महज 9 वर्षों के कार्यकाल में भारतीय सेना की दशा और दिशा बदल कर रख दी है, जो दुश्मनों के दंभ को दुर्दशा में बदलने की ताकत रखती है। आज भारत के पास अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी चौथी सेना है। भारत अब पाकिस्तान और चीन के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व के अन्य ताकतवर देशों लिए भी चुनौती बन गया है। पीएम मोदी सेना को सर्वाधिक ताकतवर बनाने के लिए लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान देश के सबसे खतरनाक माने जाने वाले युद्ध पोत आइएनएस विक्रांत के लिए 26 अतिरिक्त लड़ाकू विमानों का सौदा किया है। इसके साथ ही अब भारत के पास कुल 62 लड़ाकू विमान हो जाएंगे। भारतीय रक्षामंत्रालय ने फ्रांस के साथ 3 विशेष पनडुब्बियों का भी सौदा किया है। इसके अलावा भारत के पास पहले से अपनी बेहद खतरनाक परमाणु पनडुब्बियां हैं।

परमाणु पनडुब्बी (प्रतीकात्मक)

Image Source : AP
परमाणु पनडुब्बी (प्रतीकात्मक)

भारतीय सेना बोले तो क्विक एक्शन आर्मी

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया के सामने क्विक एक्शन आर्मी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। पहले जहां देश की सेना को बुलेट प्रूफ जैकेट और आधुनिक हथियारों और गोला-बारूद की कमी से जूझना पड़ता था, अब सीन बदल चुका है। देश की सेना बुलेट प्रूफ जैकेटों, हथियारों, फाइटर जेटों, सबमरीन, बैलिस्टिक मिसाइलों, कंबैट हेलीकॉप्टरों, अटैक हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम इत्यादि से पूरी तरह लैस हो चुकी है। क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन करने में भी भारतीय सेना को महारत हासिल हो चुकी है। पाकिस्तान में दो बार सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक, श्रीलंका की मदद के लिए आतंकियों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक, गलवान और तवांग में चीन की चित कर बॉर्डर से दूर खदेड़ने वाली घटनाएं क्विक एक्शन आर्मी का प्रमाण बन चुकी हैं। यही वजह है कि दुश्मन पाकिस्तान और चीन भारतीय सेना के बुलंद हौसलों से थर्राने लगे हैं।

सेना के पास हथियारों के लिए धन का अंबार
मोदी सरकार ने सेना को ताकत देने के लिए देश के रक्षा बजट में भी जबरदस्त इजाफा किया है। वर्ष 2014 में भारत का रक्षा बजट 2.53 लाख करोड़ था, जो कि अब बढ़कर 5.94 लाख करोड़ हो चुका है। भारत के रक्षा राज्यमंत्री के लोकसभा में पूरक प्रश्नों के उत्तर में दिए गए संदर्भ के अनुसार भारत रक्षा के क्षेत्र में खर्च करने के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। इससे भारत की बढ़ती सामरिक ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हथियारों के बड़े सप्लायर के रूप में पहचान बनाता देश
पीएम मोदी के मंत्र मेक इन इंडिया को साकार करते हुए देश ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। अब भारत न सिर्फ अपने लिए रक्षा के उपकरण और अत्याधुनिक हथियार बना रहा है, बल्कि दूसरे देशों को इसे निर्यात करने में भी सक्षम हो गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान के अनुसार भारत अब करीब 75 देशों को युद्धक सामग्री और फाइटर जेट की बिक्री कर रहा है। भारत के आधुनिक फाइटर जेट "तेजस" को खरीदने के लिए अमेरिका, आस्ट्रेलिया, फिलीपींस और मिस्र जैसे देशों ने भी दिलचस्पी दिखाई है। इससे देश को विदेशी मुद्रा की आय हो रही है। कुल रक्षा बजट का 60 फीसदी धन केवल मेक इन इंडिया के लिए ही रखा गया है। ताकि स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिल सके। यही वजह है कि देश अब मेक इन इंडिया से मेक फॉर वर्ल्ड की ओर कदम बढ़ा चुका है।

भारत का समुद्री युद्धपोत आइएनएस विक्रांत।

Image Source : FILE
भारत का समुद्री युद्धपोत आइएनएस विक्रांत।

भारत के पास हैं खतरनाक आइएनएस विक्रांत जैसे युद्धपोत और राफेल जैसे फाइटर जेट
भारतीय सेना के बेड़े में अब एक से बढ़कर एक ताकतवर युद्धक विमान, युद्धपोत और घातक हथियार शामिल किए जा चुके हैं । इसमें नौसेना के बेड़े में शामिल हुए स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट कैरियर आइएनएस विक्रांत का नाम प्रमुख है, जो दुश्मन की तबाही का प्रतीक है। आइएनएस विक्रांत की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस पर 30 से अधिक लड़ाकू विमान लैंडिंग व टेक ऑफ कर सकते हैं। इसके लिए भारत ने फ्रांस से 26 राफेल विमानों का ऑर्डर दिया है। इस पर सुपर और हाईपरसोनिक 32 मिसाइलें और फाइटर हेलकॉप्टर की भी तैनाती की जा सकती है। इसमें गैस टर्बाइन और अत्याधुनिक रडार सिस्टम भी है। इसके अलावा बीते वर्ष ही आइएनएस विक्रमादित्य युद्धपोत व कई परमाणु पनडुब्बियां भी भारतीय नौसेना का हिस्सा बनीं। स्वदेशी तेजस फाइटर जेट भी दुनिया को चुनौती देने के लिए सेना का हिस्सा बन चुका है।

अत्याधुनिक तोपों और एंटी टैंक मिसाइलों से लैश सेना
भारतीय सेना बुलेट प्रूफ जैकेटों से लेकर आधुनिक मिसाइलों, बख्तरबंद वाहनों, तोपों, टैंकों और एंटी टैंक मिसाइलों से लैस किया गया है। हाल ही में डीआरडीओ से निर्मित हेलिना एंटी टैंक मिसाइल दुनिया की खतरनाक मिसाइलों में शुमार हो चुकी है, जिसे "दागो और भूल जाओ" की संज्ञा दी गई है। नाम से ही स्पष्ट है कि इसे दागने के बाद आपको यह नहीं सोचना है कि दुश्मन तबाह हुआ या नहीं, यानि दुश्मन कितने भी बीहड़ और दुर्गम क्षेत्रों में क्यों न छुपा हो यह उसे ढूंढ़कर मारता है। हाल ही में इसे चीन सीमा पर तैनाती दी गई है। इसके अलावा अमेरिका के एम-777 होवित्जर तोप भी भारतीय थल सेना की ताकत बढ़ा रही है। सेना अब अत्याधुनिक व खतरनाक गाइडेड मिसाइलों, एंटी टैंक मिसाइलों, टैंकों, गाइडेड राकेट लांचर, हैंड ग्रेनेड, ड्रोन इत्यादि से लैश है।

बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल
भारतीय सेना को दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए पाकिस्तान और चीन सीमा पर मोदी सरकार ने सड़कों,पुलों, बंकरों, रेल नेटवर्क, लैंडिंग साइटों का अंबार लगा दिया गया है। ताकि दुश्मन पर क्विक एक्शन के लिए सेना हर वक्त तैनात रहे। मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान चीन से लगी सीमा पर 4000 किलोमीटर तक सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछा दिया है। ताकि दुर्गम परिस्थितियों में सैनिक कहीं भी पहुंचकर दुश्मनों का खात्मा कर सकें। हाल ही में 40 हजार करोड़ की परियोजना फ्रंटियर हाईवे को भी मंजूरी दी गई है, जो एलएसी पर बिलकुल मैकमोहन रेखा से होकर गुजर रहा है। भारत के इस रोड प्रोजेक्ट ने चीन को चिंता में डाल दिया है। यह हाईवे अरुणाचल से तिब्बत तक जाएगा। वर्ष 2026 में इसे तैयार कर लिए जाने का लक्ष्य है। इसी तरह पाकिस्तान की सीमा पर भी सड़कों, पुलों,बंकरों और सैनिक शेल्टरों का नेटवर्क बढ़ा दिया गया है।

भारत के डिफेंस कोरिडोर पर फिदा फ्रांस और अमेरिका
मोदी सरकार में इंडिया गेट पर बनाया गया नेशनल वॉर मेमेरियल देश के जवानों का हौसला बढ़ा रहा है। वहीं सेना के लिए युद्धक उपकरणों को देश में निर्मित करने के लिए यूपी में पीएम मोदी ने डिफेंस कोरिडोर बनाकर देश के रक्षा इतिहास में एक नई इबारत लिख डाली है, जो सेना को हर वक्त मजबूती देता रहेगा। भारत के इस डिफेंस कॉरिडोर का फ्रांस और अमेरिका भी कायल हो चुका है, जिसने हिंदुस्तान के साथ मिलकर रक्षा क्षेत्र में काम करने का समझौता भी किया है। इसके अतिरिक्त पीएम मोदी ने चीफ डिफेंस ऑफ आर्मी स्टाफ (सीडीएस) का पद बनाकर सेना की ताकत को और भी मजबूत कर दिया है। सेना में महिलाओं के लिए भी सरकार ने पूरी तरह से रास्ते खोल दिए हैं। भारत की स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने अभी 14 जुलाई को फ्रांस के बैस्टिल डे परेड में वायुसेना की टुकड़ी की अगुवाई भी की थी। इसमें पीएम मोदी भी मौजूद थे।

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