इस साल 5 मई को नीट की परीक्षा आयोजित हुई और 4 जून को एनटीए ने रिजल्ट जारी किया। रिजल्ट के साथ एजेंसी ने कटऑफ और टॉपर्स भी अनाउंस किए। एनटीए ने बताया कि इस साल का जनरल कैटेगरी का कटऑफ 720-164 और टॉपर्स की संख्या 67 है। नीट परीक्षा देश भर के 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित हुई। इस परीक्षा में 24 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए। जैसे ही रिजल्ट जारी हुआ नीट के छात्रों व एक्सपर्ट्स ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी। इसके बाद मामला तूल ही पकड़ता चला गया।
किन मुद्दों पर छात्रों ने जताया विरोध?
जब एनटीए ने टॉपर्स के पीडीएफ अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए तो छात्रों ने सवाल करने शुरू कर दिए। छात्रों ने एजेंसी से पूछा कि जहां हर साल एक या अधिकतम दो टॉपर निकलते हैं, वहीं इस साल कुल 67 टॉपर हैं और इन सभी को परफेक्ट 720 अंक मिले हैं ये कैसे हुआ? इनमें एक ही एग्जाम सेंटर से 6 टॉपर्स होने की बात भी सामने आई। वहीं, छात्रों व एक्सपर्ट ने आगे कहा कि इस बार के बहुत से नीट टॉपर्स एक ही सेटर से हैं और परीक्षा से पहले कई सेंटर पर पर्चा लीक होने की खबर भी आई है।
इसके बाद एनटीए ने जवाब दिया कि परीक्षा में 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिया गया। बस इसी वजह से NTA विवाद के घेरे में आ गया है। फिर छात्रों ने एनटीए पर आरोप लगाते हुए कहा कि खास सेंटर्स के स्टूडेंट्स को ही ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जबकि पेपर लेट कई सेंटर्स पर हुए थे। एक्सपर्ट ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि इस रिजल्ट में 2 छात्रों को, जिनकी रैंक भी 68 और 69 आई है, 718 और 719 नंबर दिए गए, जोकि नीट की मार्किंग स्कीम के हिसाब से संभव नहीं हैं। इसके बाद नीट के छात्रों ने देश भर में प्रदर्शन करने शुरू कर दिए।
छात्रों के साथ ही एनटीए से फिजिक्सवाला के सीईओ अलख पाण्डेय, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला समेत कई राजनेताओं ने भी सवाल पूछे। फिजिक्सवाला के फाउंडर अलख पांडेय ने तो एक वीडियो में दावा किया कि वे नीट 2024 में एनटीए का सबसे बड़ा राज सबूत के साथ पेश कर रहे हैं। उन्होंने वीडियो में एक ओएमआर सीट शेयर किया और कहा कि इसमें कैलकुलेट करोगे तो 368 नंबर आएंगे और एनटीए ने इस बच्चे को रिजल्ट में 453 नंबर दिए हैं यानी कुल 85 नंबर का अंतर यानी इसे ग्रेस मार्क मिला या इसे कैसे मिला?
ऐसे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
इसी बीच कुछ छात्रों ने NTA के विरोध में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट व लोअर कोर्ट में याचिकाएं दायर करनी शुरू कर दीं। 11 जून को नीट एग्जाम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है कि नीट यूजी 2024 रिजल्ट को वापस लिया जाए और दोबारा एग्जाम कराया जाए। इस याचिका में कहा गया है कि नीट एग्जाम में मनमाने तरीके से ग्रेस मार्क दिया गया है और इसी वजह से 67 स्टूडेंट को एक जैसा यानी फुल मार्क्स (720 नंबर) आया है। साथ ही मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने की भी मांग की गई। इसके अतिरिक्त कुछ छात्रों ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
इन मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनटीए को नोटिस जारी किया। साथ ही एक याचिका को एक और दूसरी याचिका के साथ जोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें एनटीए को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगना बनता है। कोर्ट ने मामले में कहा कि 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी।
फिर आज 13 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET को लेकर एक और याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कोर्ट ने कहा ग्रेस मार्क वाले छात्रों के लिए नीट एग्जाम दोबारा आयोजित किया जाए। कोर्ट ने कहा कि 1563 छात्रों के लिए 23 जून को दोबारा एग्जाम होगा और 30 जून को रिजल्ट जारी किया जाए।
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