सड़क हादसों का मामला देश के लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। बीते कुछ सालों में देश में सड़क हादसों की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई है। इसी बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भारत में हर साल 11 से 17 जनवरी तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों के बीच सड़क सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूता बढ़ाना और इसके माध्यम से सड़क दुर्घटना के मामलों को कम करना है। तो आखिर हमारे देश में हर साल कितने सड़क हादसे होते हैं? इन हादसों में कितनी मौतें होती हैं? क्या होते हैं हादसे के मुख्य कारण? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से।
हर साल देश में कितने सड़क हादसे?
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2022' नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में भारत में कुल 4,61,312 सड़क हादसे हुए हैं। इन हादसों में 1,68,491 लोगों ने अपनी जान गंवाई और कुल 4,43,366 लोग घायल हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 की तुलना में सड़क हादसों में 11.9 प्रतिशत और हादसों में हुई मौत में 9.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अगर साल 2021 की बात करें तो इस दौरान देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई थी। इन हादसों में 1.55 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 3.71 लाख लोग घायल भी हुए थे। इसके अलावा साल 2020 में 3.54 लाख (1.33 लाख मौतें), साल 2019 में 4.37 लाख (1.54 लाख मौतें) सड़क हादसे दर्ज किए गए थे।
गांव या शहर, कहां हुए ज्यादा हादसे?
परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में सड़क दुर्घटना में लगभग 68 फीसदी मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं हैं। वहीं, 32 फीसदी मौतें शहरी क्षेत्रों में हुई है। कुल हादसों और मृत्यु दर दोनों में दोपहिया वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा 44.5 फीसदी थी। वहीं, 19.5 फीसदी मौतें सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों की हुई थी। सबसे बड़ी बात ये है कि सड़क हादसों में होने वाली कुल मौतों का 83.4 फीसदी हिस्सा 18-60 वर्ष के कामकाज़ी आयु वर्ग के व्यक्तियों का था।
सबसे ज्यादा हादसे किस राज्य में?
साल 2022 के लिए परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसों की संख्या सबसे ज्यादा तमिलनाडु में हुई है। यहां देश में हुई कुल दुर्घटनाओं में से 13.9 फीसदी मामले दर्ज किए हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर 11.8 फीसदी हादसों के साथ मध्य प्रदेश का नाम आता है। अगर सड़क हादसे में मौतों का जिक्र करें तो कुल मौतों में से 13.4 फीसदी के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। वहीं, 10.6 फीसदी मौतों के साथ तमिलनाडु दूसरे नंबर पर है। सड़क हादसों में मरने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या भी भारत में सबसे अधिक है, इसके बाद चीन और अमेरिका का स्थान है।
क्या हैं हादसों के कारण व बचाव के उपाय?
देश में होने वाले सड़क हादसों के प्रमुख कारण- ओवरस्पीडिंग, लापरवाह ड्राइविंग (जैसे गलत लेन), शराब पीकर ड्राइविंग, हेलमेट न पहनना, सीट बेल्ट न लगाना और गाड़ियों का रखरखाव न करना आदि है। अगर इन सब बातों पर ध्यान दिया जाए और जरूरी सुरक्षा रखी जाए तो हादसों की संख्या में बड़ी कमी लाई जा सकती है। इसके अलावा सरकार की ओर से भी सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा परिवहन मंत्रालय द्वारा भी सीट बेल्ट, एयर बैग व हेलमेट आदि के लिए कड़े प्रावधान लाए गए हैं।
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