मुंबई: भारी बारिश की वजह से मुंबई की हालत खराब है। सड़कों पर पानी भर गया है। रेलवे ट्रैक डूब गए हैं और यातायात भी बाधित हुआ है। बारिश और जलभराव की वजह से कई ट्रेनों पर भी असर पड़ा है और कई फ्लाइट्स प्रभावित हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर हर साल मुंबई भारी बारिश की वजह से पानी-पानी क्यों हो जाती है?
ये हैं वजहें
- ड्रेनेज की समस्या: मुंबई में ड्रेनेज एक बड़ी समस्या है। भारी बारिश की वजह से जलभराव होता है और पानी शहर से बाहर नहीं निकल पाता। निचले इलाके डूब जाते हैं और जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- सुमद्र लेवल से नीचे ट्रेन की पटरियों का होना: मुंबई के कई इलाकों में ट्रेन की पटरियां समुद्र लेवल से भी नीचे हैं। ऐसे में जब भी बारिश होती है तो ये पानी में डूब जाती हैं। इससे ट्रेनों के आवागमन पर भी असर पड़ता है।
- मरम्मत कार्य ना होना: मुंबई का ड्रेनेज सिस्टम बहुत पुराना है। ऐसे में इसे मरम्मत की जरूरत है लेकिन इसे सुधारने के लिए आवश्यक कार्यों में लेटलतीफी हो रही है। जिसकी वजह से जलभराव होता है।
- नालियों का भरना: मुंबई में नालियों की नियमित सफाई नहीं होती, ऐसे में इसमें कूड़ा भर जाता है। बारिश के दौरान नालियां जाम होने से पानी निकल नहीं पाता और जलभराव होता है।
- लापरवाही: ड्रेनेज सिस्टम पर काम करने वालों की लापरवाही, अधिकारियों का ढीला रवैया, नगर पार्षदों का काम पर ध्यान ना देना और जनता का कहीं भी कूड़ा फैलाना भी बारिश में शहर की हालत खराब कराने की जिम्मेदार है। हर साल बारिश में मुंबई में करोड़ों का नुकसान होता है।
- प्लास्टिक का अधिक इस्तेमाल: शहर के कूड़े में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक होता है, जिसमें पॉलीथीन के शामिल होने से समस्या और बढ़ती है। बारिश में यही पॉलीथीन और बोतलें नाली जाम करने की वजह बनती है।
- बीएमसी भी जिम्मेदार: मुंबई की इस हालत के लिए बीएमसी भी जिम्मेदार है। खराब काम करने वाले कॉन्ट्रैक्टरों को अपने कॉन्टैक्ट की वजह से फिर से काम मिल जाता है और वह लगातार खराब काम करते रहते हैं।
- कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था ना होना: मुंबई में लोग मनचाही जगह पर कूड़ा फेंक देते हैं। झुग्गी-झोपड़ियों में तो ये चीज आम बात है। कूड़ा निस्तारण नहीं होने से जलभराव होता है।