महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग तेज हो गई है। इस बाबत बीते दिनों जालना में हिंसा देखने को मिली थी। वहीं जालना के बाद आरक्षण की आग अब संभाजीनगर (औरंगाबाद) पहुंच चुकी है। ऐसे में सकल मराठा संगठन द्वारा आरक्षण की मांग के मद्देनजर संभाजीनगर में बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। संभाजीनगर में धारा 37 (3) लागू कर दिया गया है और भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे आज संभाजीनगर जाने वाले थे जिन्हें औरंगाबाद-सोलापुर हाईवे पर रोक लिया गया। यहां राज ठाकरे लोगों से सड़क पर खड़े होकर बात की है।
सरकार मराठा आरक्षण के लिए तैयार
इस बाबत आंदोलकारियों ने सरकार के साथ नई बैठक से इनकार कर दिया है और कहा है कि सरकार 2 दिन के अंदर मराठा आरक्षण का ऐलान करे। बता दें कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आंदोलन की अगुवाई कर रहे मनोज जरांगे पाटील को फोन कर मीटिंग के लिए बुलाया था। वहीं आंदोलनकारी राज ठाकरे से मिलने पहुंचे हैं। इस बाबत मराठा आरक्षण को लेकर बनी कैबिनेट की सब-कमेटी की भी आज बैठक होने वाली है। सीएम और डिप्टी सीएम भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। सरकार ने कहा है कि वो मराठा आरक्षण के सपोर्ट में हैं। जालना हिंसा मामले की जांच हो रही है। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि संभाजीनगर के क्रांति चौक पर सैंकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी इकट्ठा हुए हैं, जो भाजपा और एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन व नारेबाजी कर रहे हैं। बता दें कि जालना हिंसा के बाद आरक्षण मामले में 6 एफआईआर दर्ज किए गए हैं और 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि जालना और संभाजीनगर में पुलिस ने धारा 37 (3) लागू करक दी है। इसके तहत बिना किसी कारण के एक साथ 5 लोगों के इकट्ठा होने पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि संभाजीनगर में बंद का आह्वान करने वाले मराठा संगठन की मांग है कि लाठीचार्ज करने वालों को निलंबित किया जाए, देवेंद्र फडणवीस इस्तीफा दें, मराठा समाज को आरक्षण दिया जाए।
कौन हैं मराठा?
मराठा महाराष्ट्र में जातियों का एक समूह है, जिसमें किसान, जमींदार और अन्य वर्गों के लोग शामिल हैं। महाराष्ट्र की आबादी में 30 फीसदी से अधिक ये लोग हैं। मराठाओं की पहचान योद्धा के रूप में होती है। बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति पर मराठाओं का बड़ा प्रभावहै। महाराष्ट्र के ज्यादातर मुख्यमंत्री मराठा रहे हैं।
महाराष्ट्र में आरक्षण का गणित
महाराष्ट्र में कुल आबादी लगभग 12 से 13 करोड़ के बीच में है। इस आबादी में अनुसूचित जाति के 15 फीसदी लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता है। अनुसूचित जनजाति के 7.5 फीसदी लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता है। अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 फीसदी लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता है और अन्य 2.5 फीसदी लोगों को महाराष्ट्र में आरक्षण का लाभ मिलता है।
मराठा आरक्षण कब हुआ रद्द
महाराष्ट्र सरकार ने लंबे समय से चली आ रही आरक्षण की मांग को स्वीकार करते हुए मराठाओं को 2018 में 16 फीसदी आरक्षण दिया। इसके बाद जून 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरक्षण को घटाकर 12-13 फीसदी कर दिया। इसके बाद मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया और इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
जालना में हिंसा के कारण
दरअसल महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन के दौरान जालना में हिंसा देखने को मिली थी। यहां मराठा आरक्षण की मांग लेकर मराठा संगठन के लोग धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की कोशिश की। इसी बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ गया और पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने पुलिस पर पथरावा किया और ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने इस दौरान हवाई फायरिंग की थी।