इजरायल और हमास के बीच बीते साल अक्तूबर में शुरू हुई जंग अब आस-पास के क्षेत्रों में भी फैल गई है। लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह इजरायल पर लगातार हमले कर रहा है जिसपर इजरायल भी करारा जवाब दे रहा है। इस बीच मंगलवार की शाम लेबनान में एक ऐसी घटना देखने को मिली जिससे पूरी दुनिया हैरान है। लेबनान के विभिन्न इलाकों में एक के बाद एक लगातार 'पेजर' में धमाके हुए। घटना में 2700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और करीब 10 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग गंभीर हालत में अस्पताल में हैं। बताया जा रहा है कि इस घटना के शिकार हुए बड़ी संख्या में लोग हिजबुल्लाह के लड़ाके हैं। इस घटना के बाद से लोगों के मन में पेजर को लेकर कई सवाल हैं। जैसे कि पेजर का आविष्कार किसने और कब किया। ये काम कैसे करता है और कितना सुरक्षित है? हिजबुल्लाह पेजर का इस्तेमाल क्यों कर रहा था? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से।
क्या होता है पेजर?
पेजर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसे मैसेज भेजने रिसिव करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 1990 के दशक में कारोबारी, डॉक्टर और अन्य प्रोफेशनल्स के बीच पेजर का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता था। क्योंकि उस वक्त मोबाइल फोन इतने ज्यादा पॉपुलर नहीं हुए थे। कुल मिलाकर पेजर को एक भरोसेमंद और सीधा-साधा संचार माध्यम माना जाता है।
कब और किसने किया पेजर का अविष्कार?
कैसे काम करता है पेजर?
पेजर रेडियो फ्रीक्वेंसी की मदद से अपना काम करता है। इसमें इंटरनेट या कॉलिंग या फिर मोबाइल नेटवर्क की जरूरत नहीं होती। एक पेजर डिवाइस मैसेज भेजता है और दूसरा उसे रिसिव करता है। मुख्य रूप से बात करें तो पेजर तीन तरह के हैं।
- वन वे पेजर: इस तरह के पेजर से केवल मैसेज को रिसिव किया जा सकता है।
- टू वे पेजर: इस तरह के पेजर से मैसेज भेजा और रिसिव दोनों ही काम किया जा सकता है।
- वॉयस पेजर: इस पेजर में लोग अपनी आवाज भी रिकॉर्ड कर सकते हैं।
पेजर से हिजबुल्लाह क्या करता था?
दरअसल, हिजबुल्लाह को शक था कि उसके कम्युनिकेशन नेटवर्क के कुछ लोगों को इजरायल ने खरीद लिया है। इसी के बाद इस संगठन में इंटरनल कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल को बैन कर दिया गया था। किसी भी काम के लिए हिजबुल्लाह के मेंबर पेजर से कम्युनिकेट करते थे।
बड़ा सवाल- क्या पेजर हैक हो सकता है?
हिजबुल्लाह को शक है कि इजरायल ने किसी मालवेयर की मदद से उनके पेजर में ब्लास्ट करवाए हैं। तो अब सवाल ये उठता है कि क्या पेजर को हैक किया जा सकता है? अगर संवेदनशील जानकारी साझा करने की बात की जाए तो पेजर को फुल प्रूफ नहीं माना जा सकता। अगर पेजर के रेडियो सिग्नल को इंटरसेप्ट कर लिया जाए तो इसे आसानी से हैक किया जा सकता है। पेजर में कोई भी एन्क्रिप्शन नहीं होता जो कि इसे और कमजोर बनाता है।
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