Explainer: कोलकाता नाइट राइडर्स का नारा करबो, लड़बो, जीतबो… आईपीएल 2024 में बुलंद रहा। आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे मुश्किल क्रिकेट लीग है। हर किसी का इस लीग को जीतने का सपना पूरा नहीं होता है। आईपीएल 2024 की चैंपियन केकेआर को भी इस ट्रॉफी को छूने के लिए 10 साल का इंतजार करना पड़ा। इससे पहले केकेआर ने साल 2014 में आईपीएल का खिताब जीता था। वहीं, कई टीमें तो 17 साल में इस लीग को एक बार भी नहीं जीत पाई हैं। लेकिन खास बात ये है कि कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम सिर्फ 16 मैचों के अच्छे प्रदर्शन से चैंपियन नहीं बनी है। इस बार केकेआर के जीतने की कहानी लिखने की शुरुआत 19 दिसंबर 2023 से हुई थी, जो 26 मई को जाकर पूरी हुई।
बड़े-बड़े खिलाड़ियों को टीम से किया बाहर
कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस ऑक्शन से पहले शाकिब अल हसन, लिट्टन दास, आर्य देसाई, डेविड वीसा, शार्दुल ठाकुर, नारायण जगदीशन, मनदीप सिंह, कुलवंत खेजरोलिया, लोकी फर्ग्युसन, उमेश यादव, टिम साउदी और जॉनसन चार्ल्स जैसे खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया था। ऐसे में ये साफ था कि केकेआर का मैनेजमेंट इस बार कुछ अगल करने का सोच रहा है और ऑक्शन में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब केकेआर ने रिकॉर्ड तोड़ बोली लगाई।
19 दिसंबर 2023 की तारीख तो याद है ना
कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम इस बार 19 दिसंबर 2023 से ही सुर्खियों में बनी हुई थी। ये वो तारीख है जब आईपीएल 2024 के लिए ऑक्शन हुआ था। केकेआर के मैनेजमेंट ने ऑक्शन टेबल पर जो खेल खेला था, उसे शायद ही कोई भूल सकता है। ऑक्शन में मिचेल स्टार्क को रिकॉर्डतोड़ रकम मिली थी। कोलकाता ने ऑस्ट्रेलिया के इस तेज गेंदबाज को 24.75 करोड़ रुपये में खरीदा था। बता दें मिचेल स्टार्क का बेस प्राइस सिर्फ 2 करोड़ था और वो 2015 में आखिरी बार आईपीएल खेले थे। ऐसे में हर कोई केकेआर के इस फैसले से हैरान था। बता दें कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम आईपीएल ऑक्शन 2024 में 32.70 करोड़ रुपये के पर्स के साथ उतरी थी। यानी अपने पर्स का 75% से ज्यादा पैसा मिचेल स्टार्क पर खर्च कर दिया था।
बड़े मैचों में काम आया बड़ी बोली वाला खिलाड़ी
मिचेल स्टार्क के लिए आईपीएल 2024 की शुरुआत काफी खराब रही। वह शुरुआती मैचों में पूरी तरह फ्लॉप रहे। उनके खराब प्रदर्शन के बाद केकेआर के फैसले पर भी कई सवाल उठे, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने मिचेल स्टार्क को मौका देना जारी रखा। केकेआर को इसका फल भी मिला। मिचेल स्टार्क प्लेऑफ में टीम के सबसे बड़े हीरो साबित हुए। उन्होंने क्वालीफायर-1 और फाइनल में मैन ऑफ द मैच जीतकर टीम के फैसले को सही साबित कर दिखाया।
ओपनिंग जोड़ी ने बिगाड़ा सभी टीमों का खेल
केकेआर के मैनेजमेंट ने इस बार इन ओपनिंग जोड़ी के साथ मैदान पर उतरने का फैसला किया, जिसने सभी टीमों का खेल बिगाड़ा का काम किया। इस बार केकेआर की टीम ने ओपनिंग की जिम्मेदारी फिल साल्ट और सुनील नारायण को दी। ये जोड़ी सभी टीमों के लिए नई ओपनिंग जोड़ी थी। ऐसे में किसी भी टीम का प्लान इस जोड़ी के सामने काम नहीं आया। इन दोनों खिलाड़ियों ने इस सीजन में विस्फोटक शुरुआत दिलाकर कई मैचों को टीम के लिए एकतरफा कर दिया। फिल साल्ट ने इस सीजन में 12 मैच खेले और 34.37 की औसत और 175.54 की स्ट्राइक रेट से 653 रन बनाए। वहीं, गेंदबाजी के लिए पहचाने जाने वाले सुनील नारायण ने तो 14 मैचों में 180.74 की स्ट्राइक रेट से 488 रन बनाए। उन्होंने इस सीजन में एक शतक भी जड़ा।
19 साल के खिलाड़ी को दिया मौका
कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में बड़े-बड़े स्टार खिलाड़ी थे। लेकिन इन सब के बीच 19 साल के खिलाड़ी अंगकृष रघुवंशी ने अपनी छाप छोड़ी। अंगकृष रघुवंशी को इस सीजन के लिए केकेआर ने 20 लाख रुपये में खरीदा था और टॉप ऑर्डर में खिलाया भी। इस 19 साल के खिलाड़ी ने 10 मैचों में 163 रन बनाए, जो अहम मौकों पर आए। इस सीजन से पहले अंगकृष रघुवंशी का नाम काफी कम लोग जानते थे, लेकिन केकेआर का मैनेजमेंट डोमेस्टिक क्रिकेट पर पूरा ध्यान रख रहा था, जिसके चलते वह अंगकृष रघुवंशी को अपनी टीम में शामिल करने में कामयाब रहे।
बल्लेबाजी की गहराई के लिए भारतीय खिलाड़ी पर भरोसा
कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस सीजन में बल्लेबाजी की गहराई के लिए भारतीय खिलाड़ी रमनदीप सिंह को अपनी टीम का हिस्सा बनाया था। रमनदीप सिंह को भी केकेआर ने 20 लाख रुपये में ही खरीदा था। उन्होंने भी इस सीजन में टीम को जीत दिलाने के लिए अहम योगदान दिया। रमनदीप सिंह ने 14 मैचों में 125 रन बनाए। खास बात ये है कि रमनदीप सिंह ने ये रन 201.61 की स्ट्राइक रेट से बनाए, जो आखिरी के ओवर्स में टीम के काफी काम आए। बता दें रमनदीप सिंह ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 222.80 के स्ट्राइक रेट से 127 रन बनाए थे, इस प्रदर्शन को देखते हुए ही केकेआर ने उन्हे अपनी टीम में शामिल किया था।
इम्पैक्ट प्लेयर का सही इस्तेमाल
इम्पैक्ट प्लेयर के साल काफी चर्चाओं में रहा। इस नियम के खिलाफ कई खिलाड़ियों ने आवाज उठाई। लेकिन इम्पैक्ट प्लेयर का नियम केकेआर के लिए मैच विनिंग साबित हुआ। केकेआर ने इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर ज्यादातर वेंकटेश अय्यर और वैभव अरोड़ा का इस्तेमाल किया और ये दोनों ही खिलाड़ी इस सीजन में हिट रहे। वेंकटेश अय्यर ने इस सीजन में 14 मैच खेलते हुए 370 रन बनाए। उन्होंने क्वालीफायर-1 और फाइनल जैसे बड़े मैचों में अर्धशतक भी जड़े। वहीं, वैभव अरोड़ा ने 10 मैचों में 11 विकेट लिए और इम्पैक्ट प्लेयर बनकर मुकाबलों में अपना पूरा इम्पैक्ट डाला।
केकेआर की नई खोज हर्षित राणा
केकेआर के तेज गेंदबाज हर्षित राणा इस सीजन की नई खोज साबित हुए। राणा ने इस सीरीज 13 मैचों में 19 विकेट झटके। इस दौरान उनका औसत 20.16 का रहा, वहीं उन्होंने 9.08 की इकोनॉमी से गेंदबाजी की। राणा केकेआर के लिए इस सीजन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज भी रहे।
वरुण चक्रवर्ती फिर साबित हुए टीम के X फैक्टर
वरुण चक्रवर्ती पर कोलकाता नाइट राइडर्स के मैनेजनेंट ने इस सीजन भी अपना भरोसा बरकरार रखा, इसका नतीजा ये मिला कि वरुण चक्रवर्ती इस सीजन में टीम के सबसे सफल गेंदबाज रहे। वरुण चक्रवर्ती ने 15 मैचों में 8.04 की इकोनॉमी से 21 विकेट झटके। वह इस सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज रहे। उनका ये प्रदर्शन टीम को चैंपियन बनाने में काफी काम आया।
श्रेयस अय्यर को बनाए रखा टीम का कप्तान
बता दें श्रेयस अय्यर साल 2022 में केकेआर की टीम के साथ जुड़े थे। लेकिन पिछले सीजन में वह चोट के नहीं खेल सके थे। ऐसे में नीतीश राणा ने टीम की कमान संभाली थी। लेकिन श्रेयस अय्यर ने इस सीजन में वापसी की और उन्हें टीम की कप्तानी भी सौंपी गई। केकेआर का ये फैसला सही साबित हुआ और टीम तीसरी बार आईपीएल की चैंपियन बनी। बता दें, श्रेयस अय्यर इससे पहले दिल्ली की टीम की कप्तानी कर चुके हैं। लेकिन वहां भी श्रेयस अय्यर चोट के चलते एक सीजन नहीं खेल सके और और अगले सीजन में उनसे कप्तानी ले ली गई थी। हालांकि उन्होंने दिल्ली को एक बार फाइनल में भी पहुंचाया था।
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