Wednesday, January 15, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. 21 दिन में जांच, सजा-ए-मौत का प्रावधान, पश्चिम बंगाल के एंटी रेप बिल में क्या-क्या है?

21 दिन में जांच, सजा-ए-मौत का प्रावधान, पश्चिम बंगाल के एंटी रेप बिल में क्या-क्या है?

पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश एंटी रेप बिल विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ पारित हो गया। बिल के कानून बनने के बाद पूरे बंगाल में लागू हो जाएगा।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Sep 03, 2024 14:28 IST, Updated : Sep 03, 2024 14:59 IST
पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल हुआ पारित
पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल हुआ पारित

कोलकाता रेप-मर्डर केस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर सवाल उठे। देशभर में इस रेप और मर्डर के आरोपियों के खिलाफ गुस्सा है। राज्यव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस घटना के बाद से ही डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस बीच, ममता सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया, जो विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ पारित हो गया। इस बिल का नाम "अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) बिल 2024" है।

यह बिल कैसे बनेगा कानून?

बिल के कानून बनने के बाद पूरे बंगाल में लागू हो जाएगा। इस बिल के अंदर महिलाओं और बच्चों से अपराध को लेकर कई नियम बनाए गए हैं, जिसका उद्देश्य राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे अपराध पर लगाम लगाना है। बिल में दोषी को मौत की सजा देने और मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने का प्रावधान है। अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड बिल 2024 को कानून बनाने के लिए राज्यपाल, राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होगी। विधानसभा में बिल पारित होने के बाद इसे हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलना जरूरी है। 

बिल में क्या-क्या प्रस्ताव?

ममता सरकार के नए बिल में भारतीय न्याय संहिता यानी BNS की कुछ उन धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव है, जो महिला अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करती हैं। इनमें धारा 64, 66, 68, 70, 71, 72, 73 और 124 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी BNSS की धारा 193 और 346 में संशोधन का प्रस्ताव है। वहीं, पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 8, 10 और 35 में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है।

एंटी रेप बिल में क्या-क्या है?

  1. रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान। 
  2. चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान। 
  3. 21 दिन में जांच पूरी करने का प्रस्ताव।
  4. अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान।
  5. हर जिले में स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान।
  6. रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स लेगी एक्शन।
  7. रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान। 
  8. पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान।
  9. विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल। 
  10. सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान।

बता दें कि कोलकाता रेप-मर्डर केस की सीबीआई जांच कर रही है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। आरजी कर अस्पताल के सेमीनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि हत्या से पहले ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की मौत सुबह 3 से 4 बजे के बीच होने की पुष्टि हुई।

ये भी पढ़ें- 

बंगाल विधानसभा में एंटी रेप विधेयक पेश, दोषियों को फांसी तक की सजा का प्रावधान

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' के समर्थन में उतरे मनोज मुंतशिर, बोले- दिक्कत है तो उन्हें अदालत ले जाएं, फैसला कानून करेगा

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement