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समंदर में गरजेगा भारत का INS महेंद्रगिरि, कल होगा लॉन्च; इन खूबियों से चीन-पाक के छूटेंगे पसीने

इस प्रोजेक्ट के जहाज को दुश्मन के विमानों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों के खतरे का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस तरह के उन्नत जहाजों में लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी लैस की गई है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Aug 31, 2023 9:34 IST, Updated : Aug 31, 2023 9:35 IST
INS mahendragiri
Image Source : PTI INS महेंद्रगिरी

मुंबई: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 1 सितंबर को मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा बनाए जा रहे प्रोजेक्ट-17 अल्फा के चौथे स्टील्थ फ्रिगेट 'महेंद्रगिरि' को लॉन्‍च करेंगे। एमडीएल द्वारा बनाए जा रहे नीलगिरि श्रेणी के चौथे और अंतिम जहाज, 'महेंद्रगिरि' को भारतीय नौसेना के ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन द्वारा डिजाइन किया गया है। यह उन्नत अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर, संचार सुविधाओं तथा अन्‍य प्रणालियों से लैस है। भारतीय सुरक्षा बेड़े में इसके शामिल होने से चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ गई है।

P-17 अल्‍फा क्‍लास का पहला जहाज 'नीलगिरि' में सितंबर 2019 में लॉन्च किया गया था और 2024 के मध्य के आसपास इसका समुद्री परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है। इसी श्रेणी में दूसरा जहाज 'उदयगिरि' मई 2022 में लॉन्च किया गया था जिसका समुद्री परीक्षण 2024 के उत्‍तरार्द्ध में होना तय है। तीसरा जहाज 'तारागिरी' सितंबर 2020 में लॉन्च किया गया था और डिलीवरी अगस्त 2025 तक होने की उम्मीद है।

जानें महेंद्रगिरि की खासियत-

  1. खतरे का मुकाबला- इस प्रोजेक्ट के जहाज को दुश्मन के विमानों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों के खतरे का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस तरह के उन्नत जहाजों में लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी लैस की गई है।
  2. गोलीबारी में सहायता- दो 30 मिमी रैपिड-फायर बंदूकें जहाज को नजदीक से रक्षा क्षमता मुहैया कराएगी जबकि एक एसआरजीएम गन प्रभावी नैसैनिक को गोलीबारी में सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।
  3. अधिकतम गति 30 समुद्री मील प्रति घंटे- स्वदेशि रूप से विकसित ट्रिपल ट्यूब लाइट वेट टारपीडो लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर जहाज की पनडुब्बी रोधी क्षमता में इजाफा करेंगे। 'महेंद्रगिरि' लगभग 149 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा होगा। इसका विस्‍थापन लगभग 6,600 टन का और अधिकतम गति 30 समुद्री मील प्रति घंटे की होगी।
  4. बेहतर स्टील्थ फीचर्स- ये सुविधाएं फ्रिगेट्स को रडार औरक अन्य सेंसरों से छिपाने में मदद करती हैं। इससे फ्रिगेट्स को दुश्मन से हमलों से बचने में मदद मिलती है।
  5. उन्नत हथियार और सेंसर- इनमें हवा से हवा में मिसाइल, एंटी शिप मिसाइल, एंटी सबमरीन मिसाइल और एक स्वदेशी रूप से विकसित हथियार प्रणाली शामिल है। ये हथियार और सेंसर फ्रिगेट्स को विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को मारने में सक्षम बनाते हैं।
  6. प्लैटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम- यह सिस्टम फ्रिगेट्स के विभिन्न उपकरणों और प्रणालियों को नियंत्रित और समन्वयित करता है। यह फ्रिगेट्स को अधिक कुशलता से संचालित करने में मदद करता है।

ins mahendragiri

Image Source : PTI
INS महेंद्रगिरी

इन उन्नत सुविधाओं के साथ INS महेंद्रगिरि भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने और चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी। पिछले वर्जन की तरह महेंद्रगिरी को एकीकृत निर्माण पद्धति के साथ बनाया गया है। पी-17ए सीरीज की कुल लागत 27,500 करोड़ रुपये है और एमडीएल मुंबई इस श्रेणी के सात जहाजों में से चार का निर्माण कर रहा है। जहाज का हल बनाने में उपयोग किया जाने वाला स्टील स्वदेशी रूप से विकसित डीएमआर 249A है, जो सेल द्वारा निर्मित एक निम्न-कार्बन माइक्रो-मिश्र धातु ग्रेड स्टील है। पी-17अल्‍फा जहाज भारतीय नौसेना द्वारा संचालित किसी भी अन्य युद्धपोत की तुलना में कहीं अधिक उन्नत हैं और शक्तिशाली हथियारों और सेंसर पैकेजों से लैस है जो तीन आयामों- हवा में, समुद्र की सतह पर और समुद्र में पानी के भीतर खतरों को बेअसर करने में सक्षम हैं।

देश में डिजाइन किए गए 'महेंद्रगिरि' में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, उन्नत कार्रवाई सूचना प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, विश्व स्तरीय मॉड्यूलर रहने की जगह, परिष्कृत बिजली वितरण प्रणाली और अन्य आधुनिक विशेषताएं होंगी। यह एक सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली से लैस है, और इसकी वायु रक्षा क्षमता दुश्मन के विमान खतरों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन की गई है जो ऊर्ध्वाधर प्रक्षेपण और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के चारों ओर घूमेगी।

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