India vs England Test Series: क्रिकेट भारत में बहुत ही लोकप्रिय है। भारत में क्रिकेट को एक धर्म माना जाता है। भारतीय टीम से खेलने की चाहत सभी प्लेयर्स की होती है, लेकिन बहुत ही कम लोगों को ये चांस मिल पाता है। भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पांच प्लेयर्स का डेब्यू करवाया और इन प्लेयर्स ने बेहतरीन प्रदर्शन करके सभी का दिल जीत लिया। ध्रुव जुरेल, सरफराज खान, देवदत्त पड्डीकल, शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और आकाश दीप ने धमाकेदार प्रदर्शन करके टीम इंडिया को जीत दिलाई। इन युवा रणबांकुरों ने इंग्लैंड के बैजबॉल के ब्रह्मास्त्र को विफल कर दिया। इन प्लेयर्स ने दिखाया है कि वह भविष्य में टीम इंडिया की विजय पताका फहराने के लिए तैयार हैं। युवा प्लेयर्स ने उस समय बेहतरीन प्रदर्शन किया, जब टीम इंडिया में विराट कोहली और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी प्लेयर्स नहीं खेल रहे थे। यहां तक कि चौथे टेस्ट मैच से जसप्रीत बुमराह को भी रेस्ट दे दिया गया था। टीम इंडिया को आने वाले समय में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी हैं। आइए जानते हैं, उन प्लेयर्स के बारे में, जिनकी बदौलत टीम इंडिया जीत हासिल कर पाई। ये खिलाड़ी लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए खेल सकते हैं।
इन खिलाड़ियों के आगे 'बैजबॉल' फ्लॉप
1. यशस्वी जायसवाल
यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले चार ही टेस्ट मैच खेले थे। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने ऐसा खेल दिखाया, जिससे सभी प्रभावित नजर आए। उन्होंने दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में दोहरा शतक लगाया। जायसवाल ने बेहतरीन बल्लेबाजी से दिखाया है कि वह विकेट पर टिककर भी बैटिंग कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर तेजी के साथ रन भी बना सकते हैं। कई अहम मौकों पर कप्तान रोहित शर्मा भी इस युवा बल्लेबाज की तारीफ कर चुके हैं। जायसवाल ने टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 712 रन बनाए, जिसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने 1000 रन पूरे किए। वह भारत के लिए दूसरे सबसे तेज हजार रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। जायसवाल ने तीसरे टेस्ट मैच की एक पारी में 12 जड़े। इसी के साथ वह टेस्ट मैच की एक पारी में संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने अभी तक भारतीय टीम के लिए 9 टेस्ट मैचों में 1028 रन बनाए हैं।
2. सरफराज खान
पिछले कुछ समय से सरफराज खान ने घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन किया। लेकिन फिर भी उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिल रहा था। आखिरकार इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में उनकी किस्मत खुली और उन्हें डेब्यू करने का मौका मिल गया। उन्होंने भी इस मौके को पूरी तरह से लपका और बेहतरीन प्रदर्शन किया। सरफराज ने डेब्यू टेस्ट मैच की दोनों ही पारियों में अर्धशतक लगाए। उन्होंने 62 और 68 रनों की पारियां खेली। वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ने वाले सिर्फ चौथे भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने टीम इंडिया के लिए अभी तक 3 टेस्ट मैच में 200 रन बनाए हैं, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं।
3. ध्रुव जुरेल
ऋषभ पंत के चोटिल होने के बाद टीम इंडिया को नियमित विकेटकीपर नहीं मिल पाया है। भारत ने केएस भरत, ईशान किशन पर दांव लगाया। लेकिन ये खिलाड़ी विफल साबित हुए। केएल राहुल ने भी साउथ अफ्रीका दौरे पर विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली थी। लेकिन ये दांव कारगर नहीं रहा। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 23 साल के युवा बल्लेबाज ध्रुव जुरेल को डेब्यू करने का मौका दिया। इसके बाद चौथे टेस्ट मैच में उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की। ध्रुव जुरेल ने चौथे टेस्ट मैच में अपने दम पर टीम इंडिया को जीत दिलाई। उन्होंने 90 और 39 रनों की पारियां खेली। बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' अवॉर्ड दिया गया। उन्होंने अभी तक 3 टेस्ट मैचों में 190 रन बनाए हैं। धाकड़ बल्लेबाजी के अलावा उनकी विकेटकीपिंग स्किल भी कमाल की है।
4. आकाश दीप
चौथे टेस्ट मैच से जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया था। इसी वजह से आकाश दीप को खेलने का मौका मिल पाया। इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया। इसके बाद युवा आकाश दीप ने गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली और इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने पहली पारी में कुल 19 ओवर फेंके और तीन विकेट हासिल किए। इसके बाद दूसरी पारी में उन्हें गेंदबाजी करने का चांस नहीं मिला।
5. शुभमन गिल
शुभमन गिल अभी सिर्फ 24 साल के ही हैं। वह अपनी बल्लेबाजी के जौहर पहले भी दिखा चुके हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी की और वह सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने 5 मैचों में 452 रन बनाए, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने भारतीय टीम के लिए नंबर-तीन पर अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है।
6. देवदत्त पड्डीक्कल
रजत पाटीदार को इंग्लैंड के खिलाफ ही टेस्ट सीरीज में डेब्यू करने का मौका मिला था। लेकिन वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। वह 3 टेस्ट मैच में सिर्फ 63 रन ही बना पाए। इसके बाद पांचवें टेस्ट मैच से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया। उनकी जगह प्लेइंग इलेवन में देवदत्त पड्डीक्कल को जगह मिली और देवदत्त ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में लाजवाब बैटिंग का नमूना पेश किया। उनकी टेक्निक कमाल की है। उन्होंने 65 रन बनाए।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इन प्लेयर्स ने दिखाया है कि वह बड़ी पारियां खेलने में माहिर हैं और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने में समय नहीं लगाते हैं। चाहें उन्हें किसी भी तरह की पिच मिल जाए। इन युवा प्लेयर्स ने उस इंग्लैंड की टीम को सीरीज में हराया, जो बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम के बैजबॉल दौर में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। भारतीय युवा प्लेयर्स ने बैजबॉल को ध्वस्त कर दिया और विजय पताका लहरा दी है।