Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. कनाडा और अमेरिका की दोस्ती पर भारी पड़ी भारत की कूटनीति, जानें पीएम मोदी के ब्रह्म फांस में फंसकर कैसे झुके ट्रूडो

कनाडा और अमेरिका की दोस्ती पर भारी पड़ी भारत की कूटनीति, जानें पीएम मोदी के ब्रह्म फांस में फंसकर कैसे झुके ट्रूडो

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से बौखलाए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का रुख अचानक भारत के प्रति नरम पड़ने की वजह सिर्फ यूं ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे पीएम मोदी की कूटनीति का ब्रह्म फांस है। भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले ट्रूडो खुद जाल में फंस गए और अब उन्हें झुकना पड़ गया।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: October 01, 2023 15:21 IST
पीएम जस्टिन ट्रुडो,...- India TV Hindi
Image Source : AP पीएम जस्टिन ट्रुडो, यूएस राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी।

झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए...आसमां को धरती पर लाने वाला चाहिए। इस कथन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दमदार कूटनीति के जरिये साबित कर दिया है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अब बैकफुट पर आ गए हैं। वह अब भारत को दुनिया की उभरती ताकत और बड़ी आर्थिक शक्ति बता रहे हैं। हालांकि इससे पहले ट्रूडो को उम्मीद थी कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज बृहस्पतिवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की द्विपक्षीय वार्ता में इस मुद्दे को जरूर उठाएंगे। मगर ट्रूडो का यह घमंड भी उस वक्त चकनाचूर हो गया, जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद साझा ब्रीफिंग में भारत-कनाडा विवाद और निज्जर की हत्या का जिक्र तक नहीं किया गया।

कनाडा के लिए इससे बड़ा झटका क्या हो सकता है कि उनका मित्र देश अमेरिका भारत के सामने इस मुद्दे को उठाने की बात तो दूर, मीडिया ब्रीफिंग में भारत-कनाडा के कूटनीतिक विवाद का जिक्र करने तक से बचता नजर आया। हालात को भांप कर इसके बाद कनाडा के पीएम को बयान जारी कर यह कहना पड़ा कि वह भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने भारत को दुनिया की उभरती ताकत भी बताया। आप सोच रहे होंगे कि कनाडा की संसद में दमदारी से भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का दमदारी से आरोप लगाने वाले जस्टिन ट्रूडो का हृदय अचानक क्यों बदल गया, खालिस्तानी आतंकी के लिए भारत के शीर्ष राजनयिक को देश से निकाल देने वाले ट्रूडो को आखिर क्या डर सताने लगा, जिससे उनका दिमाग ठंडा पड़ गया? आखिर कुछ तो वजह होगी, जिससे ट्रूडो इतना जल्दी टूट गए...तो आइए आपको बताते हैं कि भारत के सामने कनाडा के पीएम ट्रूडो को क्यों घुटने टेकने पड़ गए?

भारत-कनाडा विवाद

Image Source : INDIA TV
भारत-कनाडा विवाद

अमेरिका की रणनीति से टूटा कनाडा का दिल

सबसे पहले आपको बताते हैं कि भारत और अमेरिका के बीच आज क्या हुआ? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में जारी कूटनीतिक तनातनी के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से वाशिंगटन में मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर प्रतिबद्धता जताई। मगर भारत-कनाडा विवाद और निज्जर की हत्या मामले का जिक्र तक नहीं किया गया। अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस संकट के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देने तक से इनकार कर दिया। अमेरिका ने ऐसा अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के तहत किया, क्योंकि उसे इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को रोकने के लिए हर हाल में भारत का साथ चाहिए। इसके बाद अब अमेरिका नवंबर में भारत के साथ नई दिल्ली महत्वपूर्ण ‘टू प्लस टू’ वार्ता के पांचवें संस्करण की वार्ता करने वाला है।

दूसरी बात भारत अमेरिका का स्ट्रैटेजिक पार्टनर है। ऐसे में वह किसी भी स्थिति में भारत के खिलाफ नहीं जा सकता। अमेरिका के इस कदम से कनाडा के सीधे दिल पर चोट लगी। इससे पहले भी कनाडा ने अमेरिका समेत 5 आईज इंटेलीजेंस नेटवर्क के अपने दूसरे सहयोगियों ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पर भारत की निंदा करने का दबाव बनाया था। मगर कनाडा की उम्मीदों को यहां भी हताशा ही हाथ लगी थी। सभी देशों ने सिर्फ इस आरोप पर भारत से जांच में सहयोग करने की अपील की थी।

भारत-कनाडा विवाद

Image Source : INDIA TV
भारत-कनाडा विवाद

भारत की सख्ती से नरम पड़े ट्रूडो के तेवर

भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद जब ट्रूडो ने भारतीय राजनयिकों को देश से निकाल दिया तो भारत ने भी उसका जवाब देने में देरी नहीं की। तत्काल भारत ने कनाडाई राजनयिक को तलब कर लिया और 5 दिन में देश छोड़ने का आदेश सुना दिया। इससे कनाडा बौखला उठा। कनाडा के प्रधानमंत्री के आरोपों पर न तो भारत के विदेश मंत्री ने कोई बयान दिया और न ही प्रधानमंत्री ने, बल्कि विदेश मंत्रालय से बयान दिलवाकर उन आरोपों को खारिज करवा दिया। कनाडा के प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब पीएम व विदेश मंत्री की बजाय भारतीय विदेश मंत्रालय से मिलने पर ट्रूडो के आत्मसम्मान को बहुत ठेस पहुंची। ऐसा करके भारत ने सिर्फ कनाडा को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि ट्रूडो के आरोप बेतुका और आधारहीन हैं। इसीलिए भारत के शीर्ष नेताओं को उस पर जवाब देने की जरूरत नहीं है।

कनाडाई नागरिकों के भारत में प्रवेश पर तात्कालिक प्रतिबंध

भारत ने कनाडा को सबक सिखाने के लिए कनाडा के नागरिकों के भारत आने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया और वीजा सेवा को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया। इससे ट्रूडो की हेकड़ी निकलने लगी। इसके बाद भारत ने कनाडा में बसे खालिस्तानी आतंकियों की लिस्ट जारी कर दी। इससे खालिस्तानी आतंकियों के लिए सबसे बड़े पनाहगाह बना कनाडा पूरी दुनिया के सामने एक्सपोज हो गया। भारत ने खालिस्तानियों के प्रत्यर्पण के लिए कनाडा पर दबाव बनाने के साथ पूरी दुनिया से ये कहना शुरू कर दिया कि ट्रूडो का देश दूसरा पाकिस्तान बन चुका है। इससे कनाडा की छवि आतंकियों को शरण देने वाले देश की होने लगी। ऐसे में ट्रूडो टूटने लगे।

खालिस्तानियों और उनके रिश्तेदारों के पासपोर्ट, वीजा और ओसीआइ कार्ड रद्द

भारत ने कनाडा के साथ अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में जाकर बसे खालिस्तानी आतंकियों की लिस्ट भी जारी की। इसके साथ ही भारत में उनके सभी बैंक एकाउंट और प्रॉपर्टी को सीज करवा दिया। भारत ने सभी खालिस्तानियों के पासपोर्ट, वीजा और ओसीआइ कार्ड को रद्द करवा दिया। साथ ही खालिस्तानियों के रिश्तेदारों के भी बैंक एकाउंट और प्रॉपर्टी को जब्त करना शुरू कर दिया। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने खालिस्तानियों के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी शुरू कर दी। भारत के इन कदमों से खालिस्तानियों का भारत में अब प्रवेश कर पाना हमेशा के लिए मुश्किल हो गया। इससे ट्रूडो बौखला गए। साथ ही कनाडा में उनके ही सांसदों ने ट्रूडो की आलोचना शुरू कर दी।

भारत-कनाडा विवाद

Image Source : INDIA TV
भारत-कनाडा विवाद

भारत की ताकत का दुनिया को अंदाजा

इस वक्त भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देश भारत के स्ट्रैटेजिक पार्टनर हैं। भारत की छवि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और कानून का शासन वाले देश के तौर पर है। भारत तेजी से उभरती दुनिया की महाशक्ति है। इस वक्त एशिया से लेकर यूरोप तक के देशों से भारत के संबंध बेहद प्रगाढ़ हैं। पूरी दुनिया के लिए भारत सुरक्षित निवेश और व्यापार का बड़ा अड्डा है। ऐसे में भारत से दुश्मनी कोई भी देश नहीं लेना चाहता। भारत की कूटनीति और पीएम मोदी के नेतृत्व के दुनिया के सभी ताकतवर देश कायल हैं। अब इस बात का एहसास ट्रूडो को भी हो गया। ऐसे में झुकने के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था। माना यह भी जा रहा है कि अमेरिका ने भी कनाडा को भारत से साथ संबंध बहाल करने का दबाव डाला है। ताकि उसकी इंडो-पैसिफिक रणनीति कमजोर न हो। ट्रूडो ने भी अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के तहत भारत से घनिष्ठ संबंध बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है। इस वजह से ट्रूडो को भारत के सामने झुकना पड़ गया।

यह भी पढ़ें

पीएम मोदी की कूटनीति से टूट गए ट्रूडो, कनाडा के पीएम ने भारत को उभरती ताकत बता कर जताई घनिष्ठ संबंध बनाने की इच्छा

भारत-कनाडा विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिले जयशंकर, जानें ट्रुडों के आरोपों पर क्या हुई बात?

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement