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Independence Day 2023: कब अपनाया गया देश का तिरंगा? हर रंग का एक खास अर्थ, यहां जानें सबकुछ

भारत सरकार ने 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्‍वज संहिता में संशोधन करते हुए नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और फैक्‍ट‍री में किसी भी दिन तिरंगा फहराने की अनुमति दी थी।

Edited By: Subhash Kumar
Published on: August 14, 2023 19:50 IST
Indian Flag- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK भारत का राष्ट्रीय ध्वज।

15 अगस्त 2023 को भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। पूरा देश इस अवसर पर तिरंगे के रंग में लिपटा नजर आ रहा है। पर क्या आपको तिरंगे का इतिहास पता है? क्या आप तिरंगे के केसरिया, सफेद और हरे रंग के पीछे का अर्थ जानते हैं? क्या आपको तिरंगे के बीचों बीच लगे अशोक चक्र का मतलब पता है? आइए जानते हैं हमारे तिरंगे के बारे में कुछ ऐसी ही खास बातों को...

कैसे आया तिरंगे का ख्याल?

हर स्वतंत्र देश के पास अपना एक राष्ट्रीय ध्वज जरूर होता है। इसलिए स्वतंत्रता संग्राम के समय भी देश के स्वतंत्रता सेनानियों को एक ध्वज की आवश्यकता सूझी। साल 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में महात्मा गांधी ने एक राष्ट्रीय ध्वज का सुझाव दिया था ताकि पूरे देश को संगठित किया जा सके। आंध्र प्रदेश में जन्में पिंगली वेंकेय्या ने पहली बार देश के ध्वज का निर्माण किया था।

कब अपनाया गया तिरंगा?
भारत के शुरुआती ध्वज के बीचों बीच एख चरखा लगाया गया था। आगे जाकर ध्वज के बीच में सफेद रंग जोड़ा गया और साल 1947 में इसमें चरखे की जगह अशोक चक्र ने ले ली। आजादी से कुछ ही दिनों पहले 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपना लिया। 

क्या है तिरंगे के सभी रंगों का अर्थ?
तिरंगे में केसरिया, सफेद और हरे सभी रंगों के पीछे एक अनोखा संदेश छिपा है। राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग देश की शक्ति और साहस का प्रतीक है। बीच में स्थित सफेद रंग शांति का प्रतीक है। वहीं, हरा रंग उर्वरता, समृद्धि और भूमि की पवित्रता का प्रतीक है। वहीं, तिरंगे के बीच में लगा अशोक चक्र मनुष्य के गुणों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ चहुंमुखी विकास, प्रगति, निरंतरता और कर्तव्य का संदेश देता है। 

तिरंगा फहराने के नियम भी जान लें
26 जनवरी 2002 को भारत सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता में संधशोन करते हुए नागरिकों को अपने घरों या कार्यस्थलों पर किसी भी दिन तिरंगा फहराने की अनुमति दी। तिरंगे को तकिये या टेबल के कवर, बेड शीट के तौर पर इस्तेमाल करना सख्त मना है। तिरंगे को हमेशा दाएं हाथ में ही रखना चाहिए। जब भी राष्ट्रीय ध्वज को दिखाया जाए तो इसे पूरी तरह से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। ध्वज को जानबूझकर जमीन से टच कराने की भी मनाही है। 

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