Explainer: दूसरे देश जाने वालों के लिए खास ऑफर है। अगर देश छोड़कर जाना चाहते हैं तो इसके लिए वहां की सरकार 28 लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से बोनस दे रही है। मगर शर्त यही है कि फिर आप दोबारा लौटकर नहीं आएं। यह सुनकर आपको भले ही अजीब लग रहा होगा, लेकिन ऐसे ऑफर एक देश ने अपने यहां बढ़ती रिफ्यूजियों की भीड़ को लेकर दिया है। शरणार्थियों ने कई देशों का बेड़ा गर्क कर रखा है। ऐसे में उन्हें देश से निकालने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा। इसलिए ऐसे ऑफर देने पड़ रहे हैं। आइये अब आपको बताते हैं कि यह ऑफर किस देश का और किसके लिए है?
बता दें कि यूरोपीय देश स्वीडन इन दिनों शरणार्थियों की भीड़ से सबसे ज्यादा तंग है। स्वीडन को आशंका है कि बाहरी भीड़ कहीं उनके देश के कल्चर हो ही खत्म न कर दे। इसके अलावा इनकी वजह से रहने और खाने-पीने से लेकर रोजगार जैसी तमाम समस्याएं पैदा हो रही हैं। देश में शरणार्थियों की वजह से अपराध भी बढ़ रहे हैं। इनमें ज्यादातर शरणार्थी अवैध तरीके से देश में घुसे हुए हैं। स्वीडन में कुल आबादी के 8 फीसदी से ज्यादा लोग शरणार्थी हैं। अब उन्हें देश से बाहर निकाल पाना स्वीडन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
इसलिए स्वीडन की सरकार ने उनका देश छोड़कर हमेशा के लिए वापस जाने वाले शरणार्थियों को 28 लाख रुपये का ऑफर दे रही है। मगर शरणार्थियों की समस्या से सिर्फ स्वीडन ही परेशान नहीं है। आइये आपको बताते हैं कि बाहरी देश के लोगों की बढ़ती भीड़ और शरणार्थियों से सबसे ज्यादा परेशान देश कौन से हैं?
ये देश बना रहे बाहरी नागरिकों के खिलाफ सख्त कानून
इटली से लेकर ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चेकोस्लाविया, कनाडा,डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन, बेल्जियम, बोस्निया, बुल्गारिया, जॉर्जिया, डेनमार्क और अमेरिका जैसे देशों में बाहरियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। इन देशों में सबसे ज्यादा संख्या अवैध प्रवासियों की है। सबसे ज्यादा शरणार्थियों में यहां एशियाई और अफ्रीकी मूल के देश हैं, जो बेहतर जीवन की तलाश में यूरोप जाते हैं।
सबसे ज्यादा मुस्लिम शरणार्थी
आंकड़ों के अनुसार इन देशों में सबसे ज्यादा संख्या मुस्लिम शरणार्थियों की है। ऐसे में यूरोपीय देश परेशान हो गए हैं। यह सभी ब्रिटिश चैनल पार कर और डंकी रूट से यूरोपीय देशों में प्रवेश करते हैं। बाद में वहीं बस जाते हैं। ऐसे में वहां की सरकारों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी शरणार्थियों का कोई रास्ता निकालने और अवैध प्रवासन रोकने के लिए सख्ती बरतने की योजना बनाई थी।
इसके लिए इटली, ब्रिटेन और फ्रांस सख्त कानून लागू कर रहे हैं। इसीलिए यूरोपीय देश अब अपने यहां सख्त वीजा पॉलिसी भी लागू कर रहे हैं। ताकि वहां जाना और रहकर बसना आसान नहीं रह जाए। इसके साथ ही अवैध प्रवासियों की एंट्री रोकने के लिए भी संयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसके बावजूद शरणार्थियों की संख्या रुकते नहीं देख स्वीडन ने खास ऑफर देना शुरू कर दिया है।