Houthi Missiles Attck On Israel: इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी दुनिया में बेहद उन्नत माना जाता है। यह सिस्टम इजरायल की सुरक्षा और रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है। इजरायल ने कई मौकों पर दिखाया है कि उसका एयर डिफेंस सिस्टम कितना कारगार है। इजरायल के पास किस तरह के डिफेंस सिस्टम हैं यह हम आपको आगे बताएंगे लेकिन उससे पहले यह जान लीजिए कि हूतियों ने इजरायल के डिफेंस सिस्टम में सेंध लगा दी है। हाल ही में हूतियों ने यमन से मिसाइलें दागीं जो इजरायली एयर डिफेंस को चकमा देते हुए उसके क्षेत्र में प्रवेश कर गईं। इस हमले ने इजरायल की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि हूती विद्रोहियों ने दो हजार किलोमीटर दूर से इजरायल पर हमले किए जिन्हें रोका नहीं जा सका। आखिर हूतियों की मिसाइलें इजरायली सुरक्षा को भेदने में कैसे कामयाब हुईं, हमले का मकसद क्या, चलिए जानते हैं इस रिपोर्ट में।
हूतियों को है ईरान का समर्थन
हूती विद्रोहियों ने जिस मिसाइल से हमला किया उनके बारे में हूती के सैन्य प्रवक्ता ने तो यहां तक कहा कि बताया कि हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों ने दो हजार किमी से अधिक की दूरी तय करके 'दुश्मन इजरायल' को निशाना बनाया। अब ऐसे में सवाल यह है कि क्या हूती इतने ताकतवर हैं कि उनके पास इस तरह की मिसाइलें हो सकती हैं। तो इसका जवाब है कि हूतियों के पास बैलिस्टिक मिसाइल तैयार करने की क्षमता नहीं है। हूतियों को मिसाइलों की सप्लाई ईरान से की जाती रही है। कुल मिलाकर ईरान पूरी तरह से हूतियों का समर्थन करता और उन्हें हथियार मुहैया कराता है।
इस मिसाइल से किया गया हमला
यमन के हूती विद्रोहियों ने अपनी उस हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में जानकारी साझा की है जिससे उसने इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर हमला किया था। सतह से सतह पर मार करने वाली इस नई मिसाइल का नाम है Palestine-2 है। इस मिसाइल की अधिकतम गति 19756 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं इसकी रेंज 2150 किलोमीटर बताई गई है। यह सॉलिड फ्यूल ईंधन से चलने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल है। इसे हाल ही में यमन की सेना में शामिल किया गया है। इसकी गति मैक 16 है, यानी 19756 किलोमीटर प्रतिघंटा। इस गति में चलने वाली मिसाइल को रोक पाने की क्षमता दुनिया के किसी एयर डिफेंस सिस्टम में नहीं है।
निशाने पर तेल अवीव
हूतियों की तरफ से दागी गई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों का निशाना मध्य तेल अवीव था। हूतियों की तरफ से दागी गई मिसाइलें जब इजरायल की तरफ बढ़ रही थी तो कई रडार सिस्टम उसे ट्रैक कर सकते थे। इसमें लाल सागर में अमेरिकी और इजरायली नौसेना के रडार, नेगेव में मौजूद लंबी दूरी का एक्स-बैंड रडार और एरो सिस्टम रडार शामिल है। यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह अभी साफ नहीं है कि हूतियों की तरफ से दागी गई मिसाइलों का समय रहते पता लगाया गया था या नहीं और एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोकने में नाकाम क्यों रहा।
चलिए अब इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम पर भी एक नजर डालते हैं।
आयरन डोम
आयरन डोम इज़रायल का बेहद खास एयर डिफेंस सिस्टम है। यह सिस्टम छोटी दूरी की मिसाइलों और रॉकेटों को ट्रैक और इंटरसेप्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। आयरन डोम का मुख्य उद्देश्य उन हमलों को रोकना है जो नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाते हैं। इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत से अधिक मानी जाती है।
डेविड्स स्लिंग
डेविड्स स्लिंग सिस्टम का उद्देश्य मध्यम दूरी की मिसाइलों को नष्ट करना है। इसे 2017 में सक्रिय किया गया और यह आयरन डोम से उन्नत है। यह सिस्टम विशेष रूप से उन मिसाइलों के लिए है जो आयरन डोम की रेंज से बाहर होती हैं। इसकी उपयोगिता इज़रायल की सुरक्षा को और मजबूत करती है।
एरो सिस्टम
एरो सिस्टम, जिसे एरो 2 और एरो 3 के रूप में दो प्रमुख संस्करणों में देखा जा सकता है, लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। एरो 3 विशेष रूप से उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए विकसित किया गया है और इसका लक्ष्य अंतरिक्ष में भी मिसाइलों को इंटरसेप्ट करना है। यह सिस्टम इज़रायल की राष्ट्रीय सुरक्षा को उच्च स्तर पर सुनिश्चित करता है।
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