
एक समय था जब हमारी सेनाएं जरूरी रक्षा उपकरणों के लिए विदेशी सप्लायर्स पर निर्भर हुआ करती थीं। लेकिन आज तस्वीर बदल गई है। आज भारत अपने अधिकांश रक्षा उपकरण खुद बनाता है। 65 फीसदी डिफेंस इक्विपमेंट अब देश में ही बन रहे हैं। जबकि पहले करीब 70 फीसदी रक्षा उपकरणों के लिए हमें विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था। भारत लोकल मैन्यूफैक्चरिंग में अब उभरती हुई शक्ति बन चुका है। इससे हम अपनी सैन्य ताकत को नया आकार दे रहे हैं। आज हम सिर्फ खुद के लिये ही हथियार नहीं बनाते, बल्कि विदेशों में भी एक्सपोर्ट करते हैं। भारत के डिफेंस बजट में भी इस दौरान अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है। साल 2013-14 में भारत का डिफेंस बजट 2.53 लाख करोड़ रुपये का था, जो साल 2025-26 के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
डिफेंस प्रोडक्शन में शानदार तेजी
मेक इन इंडिया पहल के लॉन्च के बाद से भारत के डिफेंस प्रोडक्शन में शानदार तेजी देखने को मिली है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत का डिफेंस प्रोडक्शन वित्त वर्ष 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। मेक इन इंडिया की बदौलत सिर्फ 10 साल में ही भारत का डिफेंड प्रोडक्शन 174% बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2014-15 में भारत का डिफेंस प्रोडक्शन सिर्फ 46,429 करोड़ रुपये का था। रणनीतिक नीतियों, निजी भागीदारी, टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन और एडवांस मिलिट्री प्लेटफॉर्म्स के डेवलेपमेंट से यह ग्रोथ देखने को मिली है। भारत के पास एक स्ट्रांग डिफेंस इंडस्ट्रियल बेस भी है। इसमें 16 डिफेंस पीएसयू, 430 से अधिक लाइसेंस प्राप्त कंपनियां और करीब 16,000 MSME शामिल हैं, जो लोकल प्रोडक्शन कैपेसिटी को मजबूत कर रही हैं।
30 गुना बढ़ गया डिफेंस एक्सपोर्ट
डिफेंस प्रोडक्शन के साथ ही डिफेंस एक्सपोर्ट में भी जबरदस्त उछाल आया है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 21,083 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह वित्त वर्ष 2014-15 में 1941 करोड़ रुपये पर था और 2013-14 में 686 करोड़ रुपये पर था। इस तरह इसमें एक दशक में 30 गुना इजाफा हो गया है। आज भारत 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण एक्सपोर्ट करता है। भारत का टार्गेट साल 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस प्रोडक्शन तक पहुंचना है। साथ ही डिफेंस एक्सपोर्ट को 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाना है।
मेक इन इंडिया पहल का कमाल
भारत के डिफेंस प्रोडक्शन और डिफेंस एक्सपोर्ट में आई इस ग्रोथ का सबसे बड़ा क्रेडिट मेक इन इंडिया पहल को जाता है। मेक इन इंडिया पहल के चलते ही धनुष आर्टिलरी गन सिस्टम, एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, मुख्य युद्धक टैंक (MBT) अर्जुन, लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल्स, हाई मोबिलिटी व्हीकल्स, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH), लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH), आकाश मिसाइल सिस्टम, वेपन लोकेटिंग रडार, 3डी टैक्टिकल कंट्रोल रडार और सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR) समेत एडवांस सैन्य प्लेटफार्म्स का डेवलपमेंट हो सका है। इसके साथ ही विध्वंसक, स्वदेशी विमान वाहक, पनडुब्बियां, फ्रिगेट, कोरवेट, फास्ट पेट्रोल वेसल, फास्ट अटैक क्राफ्ट तथा ऑफशोर पेट्रोल वेसल जैसे नेवल एसेट्स भी विकसित किये गए हैं।