बड़ी टेक कंपनियों Meta, Amazon, Google आदि की मनमानी को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने पिछले साल डिटिजल प्रतिस्पर्धा विधेयक (DCB) लाने का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए सरकार ने 6 फरवरी 2023 को एक 16 सदस्यीय इंटर-मिनिस्ट्रीयल कमिटी का गठन किया था। मिनिस्ट्री ऑफ कार्पोरेट अफेयर्स (MCA) द्वारा गठित कमिटी ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार करके सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंप दी है। इस डिजिटल कम्पीटिशन बिल में भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जो टेक कंपनियों के ग्लोबल टर्न ओवर का 10 प्रतिशत तक हो सकता है।
बढ़ती डिजिटल इकोनॉमी को देखते हुए कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री (MCA) ने इस 16 सदस्यीय इंटर-मिनिस्ट्रीयल कमिटी का गठन किया था। इस कमिटी का काम मौजूदा प्रतिस्पर्धा कानून 2002 को रिव्यू करते हुए डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून तैयार करना था।
नए डिजिटल इकोनॉमी बिल में मौजूदा प्रतिस्पर्धा कानून में डिजिटल इकोनॉमी को लेकर आने वाली चुनौतियों को दूर किया गया है। इस कमिटी (CDCL) ने वित्त मंत्रालय को डिजिटल कम्पीटिशन बिल के ड्राफ्ट के साथ 236 पन्नों की रिपोर्ट भी सौंपी है। भारत का यह नया डिजिटल प्रतिस्पर्धा बिल यूरोपीय यूनियन के डिजिटल मार्केट्स ऐक्ट (DMA) के तर्ज पर तैयार किया गया है।
CCI पहले करे हस्तक्षेप
कार्पोरेट मामलों के सचिव मनोज गोविल की अध्यक्षता वाली कमिटी ने अपने रिपोर्ट मे कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि बड़ी डिजिटल कंपनियों के व्यवहार की सक्रिय रुप से निगरानी हो। साथ ही, प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण की घटनाओं से पहले CCI इसमें हस्तक्षेप करे। मौजूदा कानून में CCI ऐसे मामलों में बाद में हस्तक्षेप करता है।
कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘CCI की एक्स पोस्ट शक्तियों को नए कानून से मजबूती और पूर्णता मिली है और यह समय की जरूरत भी है। हालांकि एक्स ऐंटी प्रारूप पर न्यायिक हस्तक्षेप होने की भी उम्मीद है। यह प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 3 और धारा 4 की तुलना में मार्केट को दुरुस्त करने का कहीं बेहतर तंत्र है।’
Digital Competition Bill की सिफारिशें
-
कमिटी ने डिजिटल कम्पीटिशन कानून को लागू करने की सिफारिश करते हुए कहा कि बड़ी डिजिटल कंपनियों की पहचान दो आधार पर की जानी चाहिए, जिनमें कंपनी की वित्तीय शक्ति और प्रसार शामिल हैं।
-
इन परीक्षणों के आधार पर कंपनियों को सेल्फ-इवेल्यूशन करना होगा। अगर, वो इस दायरे में आते हैं तो उन्हें CCI को रिपोर्ट करना होगा।
-
16 सदस्यीय कमिटी का यह भी कहना है कि CCI को डिजिटल मार्केट के तेजी से विकास के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए आईटी सेक्टर के एक्सपर्ट्स के साथ अपने डिजिटल मार्केट और डेटा यूनिट की क्षमता को मजबूत करना चाहिए।
-
कमिटी ने CCI के आदेशों खासकर डिजिटल मार्केट से संबंधित अपीलों के खिलाफ दायर अपीलों का समय पर निपटारा सुनिश्चित करने के लिए अलग से पीठ गठित करने की भी सिफारिश की है।
-
कार्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री (MCA) ने इस ड्राफ्ट बिल में संसोधन के लिए स्टेकहोल्डर्स को 15 अप्रैल 2024 तक का समय दिया है। इसके बाद इस बिल को संसद में पारित करने के लिए भेजा जा सकता है।
अगर कोई डिजिटल कंपनी इस नए बिल में की गई सिफारिशों को नहीं मानती हैं तो उनपर भारी जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। कंपनी को अपने ग्लोबल टर्नओवर का 10 प्रतिशत तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इन नियमों का Google, Apple, Amazon, Meta जैसी कंपनियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
यह भी पढ़ें - देश की पहली अंडरवाटर मैट्रो में मिलेगी सुपरफास्ट कनेक्टिविटी, सुरंग में इंस्टॉल है यह 'खास' एंटिना