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पुण्यतिथि: आज भी 'अटल' हैं पूर्व पीएम वाजपेयी की ये योजनाएं, देश का हो रहा कल्याण

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को विकसित भारत की नींव रखने वाले पीएम के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में जो योजनाएं शुरू की, वो आज भी देश के लिए अहमियत रखे हुए हैं।

Published : Aug 16, 2023 17:37 IST, Updated : Aug 16, 2023 17:37 IST
Former Pm atal bihari vajpayee
Image Source : PTI पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी।

16 अगस्त की तारीख को देश अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि के रूप में मनाता है। अटल जी को पूरा देश नए भारत की नींव रखने वाले पीएम के तौर पर याद करता है। 3 बार देश के पीएम रहे अटल जी को काफी दूरदर्शी माना जाता था। चाहे करगिल के युद्ध में विजय हो या परमाणु बम का परीक्षण या फिर अनेक कल्याणकारी योजनाएं, अटल जी के बड़े कदम आज भी देश को सशक्त बना रहे हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ योजनाओं के बारे में... 

स्वर्णिम चतुर्भुज योजना

इस योजना की शुरुआत देश के चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए की गई थी। इसे भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना माना जाता है। 2001 में शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य 5846 किलोमीटर लंबे राजमार्ग का निर्माण करना था। किसी भी विकसित देश के लिए वहां विकसित सड़कें होनी जरूरी हैं, जिससे व्यापार और परिवहन में दिक्कतें न आए। आज पूरे देश में बन रहे उन्नत हाइवे के पीछे की प्रेरणा स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को माना जा सकता है। 

सर्व शिक्षा अभियान
बचपन में आप सभी ने 'स्कूल चले हम' वाला गाना तो सुना ही होगा। ये पीएम वाजपेयी की सर्व शिक्षा अभियान योजना से ही जुड़ा हुआ था। साल 2001 में आई इस योजना का मकसद देश के सभी 6-14 साल की उम्र के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना था। इस योजना के तहत देश के गांवों में नए प्राथमिक शिक्षा केंद्र खोले गए और ग्रामीण स्तर पर भी साक्षरता को बढ़ावा मिला। ये योजना देश के सबसे सफल योजनाओं में से एक मानी जाती है। 

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
साल 2000 में पूर्व पीएम वाजपेयी द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य मकसद देशभर के गावों में रोड कनेक्टिविटी को बढ़ाना था। योजना के तहत गांवों में मौजूद कच्ची सड़कों के स्थान पर पक्की सड़कों का निर्माण किया गया। देशभर के सैकड़ों गांवों में पक्की सड़क पहली बार इसी योजना के तहत आई। इस योजना से बड़ी मदद ये मिली कि गांव-गांव में परिवहन की सुविधा आसान हो गई। छोटे किसान आदि एक से दूसरी जगह आसानी से आवागमन करने लगे।  

नई टेलीकॉम नीति
अटल बिहारी वाजपयी को भारत में टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति लाने का क्रेडिट भी दिया जाता है। साल 1999 में लाई गई इस नीति के तहत टेलीकॉम कंपनियों के लिए लाइसेंस फीस व्यवस्था को खत्म कर के रेवेन्यू शेयरिंग का नया नियम लाया गया। इस कदम से टेलीकॉम सेक्टर में BSNL का एकाधिकार खत्म हुआ और नए खिलाड़ियों की एंट्री हुई। आम लोगों तक दूरसंचार की आसान पहुंच इसी के बाद आनी शुरू हुई। सस्ती कॉल दरों और सस्ते मोबाइल फोन का दौर इसी नई टेलीकॉम नीति के बाद शुरू हुआ। रिलायंस की ओर से सस्ते फोन बेचने की शुरुआत भी इसी के बाद की गई।

परमाणु संपन्न देश की नीति
अटल बिहारी वाजपेयी का मानना था कि खतरे के सिर पर आने से पहले ही देश को सशक्त बनना चाहिए। यही कारण था कि उन्होंने अमेरिका की धमकियों को दरकिनार करते हुए भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाने का फैसला किया। 'ऑपरेशन शक्ति' कोड नेम के तहत 11 मई, साल 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया। इसके बाद भारत दुनिया के नक्शे पर एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा, जिसपर सीधा हमला करने की कोशिश आज कोई भी देश नहीं करता। 

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