Sunday, April 06, 2025
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Explainer: चीन को यूनुस ने बुलाया, इधर श्रीलंका ने पीएम मोदी को गले लगाया; बेचैन हुआ बीजिंग

बांग्लादेश ने भारत से तनाव बढ़ाने के बाद चीन को अपने देश में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है। ताकि चीन रणनीतिक रूप से भारत पर बढ़त बना सके। मगर इसका जवाब भारत ने चीन को श्रीलंका से एक तरह से बेदखल कराकर लिया है। श्रीलंका ने भारत को आश्वस्त किया है कि वह अपनी भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Apr 05, 2025 16:08 IST, Updated : Apr 05, 2025 16:08 IST
समझौतों को अंतिम रूप देने के बाद पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके।
Image Source : PTI समझौतों को अंतिम रूप देने के बाद पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके।

Explainer: भारत और बांग्लादेश के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से ही तनावपूर्ण रिश्तों का दौर जारी है। हाल ही में बिम्सटेक से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के कार्यवाहक मोहम्मद यूनुस के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बावजूद रिश्तों में कड़वाहट जारी है। हालांकि इस दौरान पीएम मोदी ने बांग्लादेश को साफ नसीहत देते हुए कहा कि वह अनर्गल की बयानबाजी बंद करे, क्योंकि इससे माहौल खराब होता है। पीएम मोदी ने यूनुस से कहा कि बांग्लादेश को ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए जो माहौल को खराब करता हो। जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी का इशारा यूनुस के उस बयान की ओर था, जिसमें उन्होंने चीन को अपने समुद्र में आमंत्रित करते हुए कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य बांग्लादेश के समुद्र पर निर्भर हैं और हम इसके किंग हैं। यूनुस ने यह भी कहा था कि मैं चीन को कहता हूं कि आओ भारत से लगे इस क्षेत्र में अपनी समुद्री परियोजनाएं शुरू करो। 

बांग्लादेश में लगातार कई महीनों से हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों का दौर भी जारी है। इसे भी प्रधानमंत्री मोदी ने गंभीरता से लिया और यूनुस को इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। इधर चीन बांग्लादेश से भारत के बिगड़े रिश्तों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुट गया है। चीन बांग्लादेश को कई तरह के लुभावने ऑफर दे रहा है, जिसके जाल में मोहम्मद यूनुस अपने देश को फंसाते दिख रहे हैं। चीन को लग रहा है कि बांग्लादेश में उसकी पैठ भारत को घेरने का शानदार मौका हो सकता है। मगर भारत ने इधर श्रीलंका में चीन के इरादों पर पानी फेर दिया है। 

श्रीलंका में पीएम मोदी के भव्य स्वागत और ऐतिहासिक डील ने चीन के उड़ाए होश

श्रीलंका ने प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक स्वागत करके और कई बड़े समझौते करके चीन के होश उड़ा दिए हैं। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी को लेने अपने 5 कैबिनेट मंत्रियों को भेजा। इसके बाद इंडिपेंडेंट स्क्वायर में खुद पीएम मोदी को रिसीव किया और गॉर्ड ऑफ ऑनर दिलाया।  इसके बाद दोनों देशों में बड़ा एग्रीमेंट रक्षा क्षेत्र में हुआ। श्रीलंका ने भारत को आश्वस्त करते हुए कहा है कि वह अपने भूमि क्षेत्र का इस्तेमाल भारतीय सुरक्षा हितों के खिलाफ कभी नहीं होने देगा। श्रीलंका का यह ऐलान चीन के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं है। आपको ज्ञात होगा कि चीन की नजर श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर है, जहां वह रिसर्च के बहाने भारत की सुरक्षा जासूसी करना चाह रहा था। मगर अब श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया है। भारत और श्रीलंका के बीच सैन्य समझौता चीन का तनाव बढ़ाने वाला है। 

40 साल बाद भारत-श्रीलंका में बड़ा सैन्य समझौता

भारत एवं श्रीलंका ने शनिवार को रक्षा सहयोग समेत कुल 7 अहम समझौते किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहन द्विपक्षीय सहयोग का व्यापक खाका पेश करते हुए इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की सुरक्षा एक दूसरे से जुड़ी हुई तथा एक दूसरे पर निर्भर है। इस रक्षा समझौते को रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह समझौता श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षा सेना के हस्तक्षेप के लगभग चार दशक बाद हुआ है। ऐसे में रणनीतिक रूप से भारत की श्रीलंका में चीन के खिलाफ पकड़ मजबूत हुई है। 

इन समझौतों ने गहरी की दोस्ती

दिसानायके ने अपने वक्तव्य में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया है कि श्रीलंका अपने भूभाग का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत के सुरक्षा हितों के प्रतिकूल कदमों के लिए नहीं होने देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि जरूरत के समय में भारत द्वारा श्रीलंका को दी गई सहायता और निरंतर बरकरार एकजुटता अत्यंत मूल्यवान है। दोनों पक्षों ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना का भी डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। 

मोदी ने कहा, ‘‘सामपुर सौर ऊर्जा संयंत्र श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा के लिए सहायक होगा। बहु-उत्पाद पाइपलाइन के निर्माण और त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए किए गए समझौतों से श्रीलंका के सभी लोगों को लाभ मिलेगा। दोनों देशों के बीच ग्रिड अंतर-संपर्क समझौते से श्रीलंका के लिए बिजली निर्यात के विकल्प खुलेंगे। मोदी ने कहा कि भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और विजन ‘महासागर’ में श्रीलंका का ‘‘विशेष स्थान’’ है। 

श्रीलंका ने पीएम मोदी को दिया सर्वोच्च सम्मान

श्रीलंका ने पीएम मोदी को इस दौरान अपने देश का सर्वोच्च सम्मान "मित्र विभूषण" से नवाजा है। श्रीलंका को संकटकाल में आर्थिक मदद करने और उसे संकट से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार दिया गया है। यहां से श्रीलंका और भारत के बीच रिश्तों की एक नई शुरुआत हुई है। यह चीन के लिए तगड़ा झटका है। 

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