कोलकाता: कोलकाता के मेयर और पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम के एक विवादित बयान ने राज्य में सियासी भूचाल मचा दिया है। मामला इतना आगे बढ़ चुका है कि बीजेपी ने फिरहाद हकीम के इस्तीफे की मांग की है। शुक्रवार को बीजेपी विधायक भगवद गीता लेकर विधानसभा पहुंचे। विधायकों ने विधानसभा की लॉबी में जाकर गीता की प्रतियां हाथ में लेकर कैबिनेट मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आखिर फिरहाद हकीम ने ऐसा क्या कह दिया जिसको लेकर इस कदर बवाल मचा हुआ है?
क्या कहा था ममता के मंत्री फिरहाद ने?
फिरहाद हकीम ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘हम लोग इस्लाम लेकर पैदा हुए हैं। इस्लाम को लेकर पैदा होने का मतलब हमारे रसूल ने हमारे लिए जन्नत जाने का रास्ता बना दिया है। अगर कोई बड़ा गुनाह न करें तो, इस्लाम लेकर पैदा होने का मतलब ही जन्नत में पहुंचना है। लेकिन अल्लाह ने जिन्हें ये रहमत नहीं दी है, वे लोग अगर तिलावत और कुरान शरीफ का मतलब समझ सकते हैं, अगर हम एक शख्स को भी ईमान दे सकते हैं, तो हमारा जन्नत में जाने का रास्ता पक्का हो जाएगा।’
‘...लेकिन जो दुर्भाग्य के साथ पैदा हुए हैं’
फिरहाद हकीम ने आगे कहा था, ‘हम लोग खुद मुसलमान हैं, मुसलमान घर में पैदा हुए हैं, मुसलमान घर में पले-बढ़े हैं, हमारे नमाज और शिष्टाचार ज्यादातर लोगों को पता है। लेकिन जो लोग दुर्भाग्य के साथ पैदा हुए हैं, जो लोग इस्लाम के साथ पैदा नहीं हुए हैं, उनको इस्लाम में दावत अर्थात यदि उन्हें इस्लाम में ला सकते हैं, तो इससे अल्लाह खुश होंगे।’ फिरहाद हकीम के इसी बयान को लेकर बीजेपी ने उनके खिलाफ सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से एक्शन की मांग की है, लेकिन सीएम ने इस पूरे मामले पर खामोशी अख्तियार कर ली है।
बीजेपी ने हकीम के खिलाफ खोला मोर्चा
फिरहाद हकीम ने ये बातें कुछ दिन पहले कही थीं, लेकिन इसका वीडियो अब सामने आया है। वीडियो सामने आने के बाद सूबे की सियासत में उबाल आना ही था, और वह आ गया है। फिरहाद हकीम के इस बयान के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि फिरहाद हकीम का बयान पूरी तरह सांप्रदायिक बयान दिया है। एक और बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने भी फिरहाद हकीम पर एक्शन लेने की मांग की है।
BJP के विरोध से बैकफुट पर ममता सरकार
बता दें कि बीजेपी के विरोध के बाद ममता सरकार बैकफुट पर दिख रही है। मामला बढ़ा तो फिरहाद हकीम सफाई देने उतर आए लेकिन अपना बयान वापस लेने के बजाए धर्म परिवर्तन पर कही गई अपनी बात को सही ठहराने लगे। फिरहाद हकीम के विवादित बयान और उस पर दी सफाई, दोनों ने ममता सरकार के लिए संकट खड़ा कर दिया है। एक तरफ बीजेपी इस मुद्दे को उठाकर ममता सरकार को हिंदू विरोधी बताना चाहती है, तो दूसरी तरफ ममता सरकार इस मुद्दे पर खामोश रहकर मुस्लिमों को खुश करना चाहती है।