
चुराचांदपुर/इंफाल: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हमार और जोमी समुदाय के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसकी वजह से एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। दरअसल, दोनों समुदायों में 18 मार्च को झंडा फहराने को लेकर विवाद शुरू हुआ था, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। बता दें कि कर्फ्यू के दौरान हमार और जोमी समुदाय के लोगों के बीच झड़प के मद्देनजर एक छात्र संगठन ने नए सिरे से बंद का आह्वान किया, जिसके बाद विधायकों के एक समूह और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को शांति की अपील की। आइए, समझते हैं ताजा विवाद कैसे शुरू हुआ।
पहले रविवार को, फिर मंगलवार को हुईं झड़पें
रविवार को शुरू हुई झड़पों के बाद शांति आ गई थी लेकिन मंगलवार की रात कुछ लोगों के द्वारा शहर में जोमी उग्रवादी संगठन का झंडा उतारने की कोशिश के बाद एक बार फिर झड़पें शुरू हो गईं। इस घटना के जवाब में जोमी छात्र संघ ने तत्काल प्रभाव से जिले में बंद की घोषणा कर दी। चुराचांदपुर जिले में तनाव के बीच पूरे दिन शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ अधिकांश दुकानें और बाजार बंद रहे और प्राइवेट गाड़ियां भी सड़कों से गायब रहीं। जोमी और हमार जनजातियों के लोगों के बीच मंगलवार देर रात ताजा झड़पें शुरू हो गईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए जबकि इसके कुछ ही घंटे पहले शांति समझौता हुआ था।
रविवार को क्यों हुई थी जोमी और हमार में झड़प?
जोमी और हमार जनजातियों के बीच झड़पें तब शुरू हुईं, जब हमार इनपुई के महासचिव रिचर्ड हमार पर रविवार को कुछ जोमी लोगों ने हमला कर दिया। हमले के बाद हिंसा भड़क उठी और अगले दिन जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, रिचर्ड हमार गाड़ी चला रहे थे और वह जोमी समुदाय के दोपहिया सवार एक व्यक्ति से टकराने से बाल-बाल बचे। इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, जो बढ़कर मारपीट तक पहुंच गई। रिचर्ड हमार पर हमले और 2 समुदायों के बीच झड़पों के जवाब में, हमार ग्राम स्वयंसेवकों ने फेरजावल और जिरिबाम जिले में पूर्ण बंद का आह्वान कर दिया।
रिचर्ड के इलाज के लिए पैसे देगा हमलावर का परिवार
बता दें कि फेरजावल में मुख्य रूप से हमार जनजाति निवास करती है, जबकि जिरीबाम में कई जातीय समुदाय रहते हैं, जिनमें खासतौर पर मेइती समुदाय के लोग शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि मंगलवार को समझौता हुआ, जिसमें हमलावर के परिवार ने पारंपरिक और प्रथागत शांति भोज आयोजित करने के लिए रिचर्ड हमार के परिजनों को 50,000 रुपये देने पर सहमति जताई। अधिकारी के अनुसार, दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि हमलावर का परिवार शुरू में रिचर्ड हमार के इलाज के लिए 2 लाख रुपये का भुगतान करेगा।
जातीय हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा मौतें
अधिकारी ने बताया कि हमलावर के परिवार ने जरूरत पड़ने पर उन्हें और ज्यादा पैसे देने का वादा किया है। मणिपुर में मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री पद से एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था और राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया था। मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था।
जिले के कई संगठनों ने की शांति की अपील
एक संयुक्त बयान में, चुराचांदपुर जिले में सक्रिय कम से कम 12 कुकी-जोमी और हमार संगठनों ने समुदायों के बीच शांति का आह्वान किया है। इन संगठनों ने स्थिति की निगरानी करने तथा भविष्य में गलतफहमी को रोकने के लिए एक संयुक्त शांति समिति बनाने पर सहमति जताई है। कुकी इंपी, हमार इंपुई और जोमी काउंसिल सहित कई संगठनों ने सांप्रदायिक सद्भाव और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की दिशा में काम करने की शपथ ली। संयुक्त बयान में सभी प्रकार की हिंसा, घृणास्पद भाषण, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आक्रामक कृत्यों की निंदा की गई है। संगठनों ने अंतर-समुदाय विवादों को बातचीत के जरिये सुलझाने की प्रतिबद्धता भी जताई है। (भाषा से इनपुट्स के साथ)