अंतरिम बजट का इंतजार खत्म हो गया है। बजट में इस बार कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई लेकिन अगले तीन महीने के खर्च के लिए अलग-अलग सेक्टर के लिए लाखों करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। आम आदमी में मन सवाल उठता है कि सरकार ने बजट में बड़े-बड़े ऐलान किया है, उसके लिए पैसे कहां से आएंगे? सरकार के पास आमदनी का जरिया क्या है? अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कि सरकार की कहां से होती है कमाई?
एक रुपये के आय से समझते हैं कमाई का गणित
सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 63 पैसा प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष करों से आएगा। इसके अलावा 28 पैसा कर्ज और अन्य देयताओं, सात पैसे विनिवेश जैसे गैर-कर स्रोतों से और एक पैसा गैर कर्ज पूंजी प्राप्तियों से आएगा। आम बजट 2024-25 के अनुसार, कुल मिलाकर 36 पैसे प्रत्यक्ष कर से आएंगे। इसमें कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आय कर शामिल है। आयकर से 19 पैसे आएंगे, वहीं कॉरपोरेट कर से 17 पैसे आएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बृहस्पतिवार को संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट के अनुसार, अप्रत्यक्ष करों में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सर्वाधिक 18 पैसे आएंगे। इसके अलावा, सरकार को हर रुपये में पांच पैसे उत्पाद शुल्क से और चार पैसे सीमा शुल्क से हासिल करेगी।
कहां से कमाई
- इनकम टैक्स: 19 पैसे आएंगे
- कॉरपोरेट टैक्स: 17 पैसे आएंगे
- जीएसटी: 18 पैसे आएंगे
- कर्ज व अन्य देयताएं: 28 पैसे आएंगे
- एक्साइज ड्यूटी: 5 पैसे आएंगे
- कस्टम: 4 पैसे आएंगे
- गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां: 1 पैसे आएंगे
- गैर-कर प्राप्तियां: 7 पैसे आएंगे
कमाई किस तरह होती है खर्च
अंतरिम बजट 2024-25 के अनुसार, उधार और अन्य देनदारियों से संग्रह 28 पैसे प्रति रुपया होगा। खर्च के मामले में, ब्याज भुगतान और करों और शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारी प्रत्येक रुपये के लिए 20 पैसे है। रक्षा क्षेत्र के लिए आठ पैसे प्रति रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च प्रत्येक रुपये में से 16 पैसे होगा, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन आठ पैसे है। वित्त आयोग और अन्य हस्तांतरण' पर व्यय 8 पैसे है। वहीं सब्सिडी और पेंशन मद में व्यय क्रमशः 6 पैसे और 4 पैसे होगा सरकार हर रुपये में से नौ पैसे ‘अन्य व्यय’ मद में खर्च करेगी।
पैसा खर्च कहां होता है?
- ब्याज अदायगी- 20 पैसे
- केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं- 8 पैसे
- सब्सिडी- 6 पैसे
- रक्षा- 8 पैसे
- केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाएं- 16 पैसे
- वित्त आयोग और अन्य अंतरण- 8 पैसे
- करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा- 20 पैसे
- पेंशन- 4 पैसे
- अन्य व्यय- 9 पैसे