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Explainer: नेशनल हेराल्ड केस क्या है; सोनिया और राहुल गांधी का इससे क्या कनेक्शन है? ED की कार्रवाई समेत सब कुछ यहां जानें

ईडी ने यंग इंडिया और नेशनल हेराल्ड की पैरेंट कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 751 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है, जिसके बाद लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिरी ये नेशनल हेराल्ड केस क्या है?

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Nov 22, 2023 12:04 IST, Updated : Nov 22, 2023 12:17 IST
National Herald case
Image Source : FILE नेशनल हेराल्ड केस क्या है?

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। ED ने यंग इंडिया और नेशनल हेराल्ड की पैरेंट कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 751 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली है। बता दें कि इसका मालिकाना हक सोनिया और राहुल गांधी के पास है। 

सोनिया और राहुल समेत कई से पूछताछ

इस केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से पूछताछ हुई थी और अब संपत्ति अटैच करके इस पर बड़ा एक्शन लिया गया है। आरोप ये है कि कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड को 90 करोड़ का जो लोन दिया था, उस लोन को कांग्रेस ने 50 लाख रुपए लेकर राहुल और सोनिया की कंपनी यंग इंडिया को बेच दिया था।

जब्त संपत्ति में सोनिया-राहुल की 76% हिस्सेदारी

Sonia Rahul

Image Source : FILE
सोनिया और राहुल गांधी

यंग इंडिया कंपनी की जो संपत्तियां जब्त की गई हैं, उनमें सोनिया और राहुल गांधी की 76 परसेंट हिस्सेदारी है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप की वजह से ये कार्रवाई की गई है। जो संपत्तियां जब्त की गई हैं, वह दिल्ली,मुंबई और लखनऊ में हैं। 

जब्त होने की वजह प्रॉपर्टी का 2008 से कमर्शियल इस्तेमाल भी है। ईडी का कहना है कि एजेएल की अवैध संपत्ति में यंग इंडिया का कब्जा है। 

नेशनल हेराल्ड केस क्या है?

साल 1937 में द एसोसिएटेड नाम से कंपनी बनाई गई थी। इसके निवेशकों में पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू समेत 5 हजार स्वतंत्रता सेनानी थे। इस कंपनी के द्वारा नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज अखबारों का प्रकाशन किया जाता था। लेकिन समय के साथ ये कंपनी घाटे में चली गई और कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए का लोन दिया, जिससे इसे घाटे से उबारा जा सके। हालांकि कंपनी को कुछ खास सफलता नहीं मिली।

साल 2010 में यंग इंडिया नाम से नई कंपनी बनी 

साल 2010 में एक और कंपनी बनाई गई, जिसका नाम यंग इंडिया रखा गया। इस कंपनी में 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास और 12-12 फीसदी शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास थे। 

इस नई कंपनी (यंग इंडिया) को कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ रुपए का लोन ट्रांसफर कर दिया। वहीं द एसोसिएट जर्नल ने भी अपना सारा शेयर यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिया और इसके बदले में यंग इंडिया ने द एसोसिएट जर्नल को महज 50 लाख रुपए दिए।

बीजेपी सांसद ने उठाया था ये मामला

इस मामले को बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सबसे पहले साल 2012 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में उठाया। उन्होंने 2000 करोड़ रुपये की कंपनी को महज 50 लाख रुपये में खरीदे जाने की बात को जोरशोर से उठाया। स्वामी ने ही इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेसियों के खिलाफ केस की मांग की। 

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