शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करने वाले अधिकांश निवेशकों को सबसे पहले पेनी स्टॉक ही लुभाता है। इसकी वजह यह होती है कि पेनी स्टॉक बहुत ही सस्ते वैल्यूएशन पर उपलब्ध होते हैं। बीएसई, एनएसई पर लिस्ट कंपनियों के शेयरों पर नजर डालें तो 1 रुपये से लेकर 20 रुपये तक में सैंकड़ों स्टॉक ट्रेड करते हैं। नए निवेशक इन सस्ते स्टॉक में बंपर कमाई का मौका ढूंढते हैं। बिना कोई रिसर्च किए पैसा लगाते हैं और भारी नुकसान करा बैठते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि पेनी स्टॉक सिर्फ सट्टा ही है। अगर सही रिसर्च के साथ पेनी स्टॉक का चुनाव किया जाए तो पेनी स्टॉक बंपर कमाई का जरिया भी बन सकता है। पेनी स्टॉक के बड़े समुद्र में गोता लगाकर आप मोती कैसे चुन सकते हैं, हम आपको बता रहे हैं।
क्या होते हैं पेनी स्टॉक्स?
शेयर बाजार में जिन शेयरों की कीमत बहुत ही कम होती है, उन्हें पेनी स्टॉक कहा जाता है। इनकी कोई तय परिभाषा नहीं है लेकिन 10-30 रुपये तक के शेयर को पेनी स्टॉक कहा जाता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सभी पेनी स्टॉक खराब ही होते हैं। कई अच्छे भी होते हैं और निवेशकों को मालामाल करने का काम करते हैं। बस इनकी सही पहचान जरूरी है। ये शेयर ब्लूचिप या लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के मुकाबले कई गुना ज्यादा रिटर्न देते हैं। पेनी स्टॉक में कई छोटी कंपनी शामिल होती है। इनका वैल्युएशन बहुत ही कम होता है।
पेनी स्टॉक कैसे बनता है?
छोटी कंपनियां और स्टार्टअप अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए शेयर बाजार से पूंजी जुटाती हैं। वो सस्ते वैल्यूएशन पर स्टॉक जारी करती है। चूंकि, इन कंपनियों का मार्केट कैप काफी कम होता है और वे बाजार में लिस्ट होती है तो इनके स्टॉक काफी सस्ते होते हैं। इस तरह बाजार में पेनी स्टॉक की एंट्री होती है। वहीं, कई अच्छी कंपनियां जब घाटे में आ जाती है तो उनके शेयर टूट जाते हैं। एक वक्त ऐसा भी आता है कि उनके भाव काफी कम हो जाते हैं और वे पेनी स्टॉक की श्रेणी में आ जाते हैं। हालांकि, किसी भी अन्य स्टॉक की तरह, एक पेनी स्टॉक आईपीओ के जरिये ही स्टॉक मार्केट में लिस्ट होता है।
अच्छे पेनी स्टॉक का चुनाव कैसे करें?
स्टॉक मार्केट में सैंकड़ों पेनी स्टॉक सस्ते वैल्यूएशन पर उपलब्ध हैं। अब सवाल बना है कि एक सही पेनी स्टॉक का चुनाव कैसे करें। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार एक बड़ा समंदर है जहां बड़ी मछलियां हमेशा छोटी और मंझोली मछलियों के शिकार में लगी रहती हैं। इसे आप गुरुकुल के रूप में भी देख सकते हैं, जहां आप अपनी हर गलती से कुछ न कुछ सीखते हैं और लॉस के रूप में गुरू-दक्षिणा देते हैं। पेनी स्टॉक ठीक वैसा ही है। इसमें निवेश से पहले सीखना बहुत जरूरी है। आंख बंद कर किया निवेश आपको कंगाल बना सकता है। ठीक उसी तरह अगर कोई इन्वेस्टर बिना जांच-परख के किसी के बोलने भर से किसी कंपनी का शेयर खरीद लेता है तो उसे भी नुकसान झेलना पड़ता है।
इसलिए पेनी स्टॉक के चुनाव में रिसर्च बहुत जरूरी है। इसके लिए उस कंपनी का फंडामेंटल, बिजनेस, फ्यूचर आउटलुक आदि को जानना बहुत जरूरी है। बिना सोचे-समझे निवेश हमेशा नुकसान कराने वाला होता है। इसके उलट, छोटे निवेशक जल्द इन शेयरों के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। हालांकि, अधिकांश में उनको नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसा इसलिए कि वो सिर्फ सस्ते शेयर देखकर खरीद लेते हैं। वह उस कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ, फंडामेंटल्स और बिजनेस जैसी कई पैरामीटर को नजरअंदाज कर देते हैं।
जोखिम को नजर अंदाज बिल्कुल न करें?
अगर आप पेनी स्टॉक में निवेश करने जा रहे हैं तो जोखिम को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करें। लार्ज, मिड कैप के स्टॉक के मुकाबले पेनी स्टॉक में जोखिम काफी होता है। इसमें तेज उतार-चढ़ाव आता है। बाजार टूटने पर इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिलती है। कई कार तो वैल्यूएशन जीरो हो जाता है, जिससे निवेशकों का पूरा पैसा डूब जाता है। ऐसे में अगर आप पेनी स्टॉक्स में अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं तो पहले जोखिम को समझ लें। अगर आप जोखिम लेने में सक्षम हैं तो भी पैसा डालें।
इस तरह पेनी स्टॉक की करें पहचान
- लो लिक्विडिटी: पेनी स्टॉक में ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी कम होता है। इसलिए इन्हें खरीदना या बेचना मुश्किल होता है।
- सीमित जानकारी: पेनी स्टॉक वाली कंपनी के विषय में काफी कम जानकारी उपलब्ध होती है। इन कंपनियों के मैनेजमेंट, प्रोडक्ट, रेवन्यू आदि की पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं होतीहै। इसलिए ऐसी कंपनियों में निवेश करना बेहद जोखिम भरा है।
- बड़ा उतार-चढ़ाव: आमतौर पर, पेनी स्टॉक में हाई वोलैटिलिटी होती है। ये अपर या लोअर सर्किट में ही अधिकांश समय हैं। तेजी भी बड़ी होती है और उसी अनुसार गिरावट भी आती है।
क्या आप पेनी स्टॉक्स में पैसा कमा सकते हैं?
जोखिमों के बावजूद, सतर्क निवेशकों के लिए पेनी स्टॉक एक अच्छा दांव हो सकता है। सही पेनी स्टॉक को चुनकर निवेशक बंपर कमाई कर सकता है। हालांकि यह सच है कि बड़े पैमाने पर निवेश्कों को नुकसान होने की संभावना होती है।