Wednesday, October 30, 2024
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Explainer: हलाल सर्टिफिकेशन क्या है; मुस्लिम समुदाय के बीच क्यों हो रही इसकी चर्चा? यहां जानें पूरी जानकारी

आम तौर पर हलाल सर्टिफिकेशन वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होता है। यह इस बात की गारंटी माना जाता है कि संबंधित प्रोडक्ट को मुस्लिमों के हिसाब से बनाया गया है, मतलब प्रोडक्ट में ऐसी कोई चीज नहीं है, जिसे इस्लाम में हराम माना गया है।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: November 22, 2023 11:24 IST
Halal Certification- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर योगी सरकार सख्त

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर सीएम योगी ने बड़ा फैसला किया है और मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है। इससे जुड़े मामले में हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि हलाल सर्टिफिकेशन है क्या और क्यों इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के बीच चर्चाओं का बबंडर आया हुआ है?

यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर क्यों हो रहा विवाद?

यूपी की योगी सरकार ने राज्य में हलाल प्रोडक्ट पर बैन लगाया है। दरअसल हलाल सर्टिफिकेशन देकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों पर हजरतगंज थाने में FIR दर्ज की गई थी। जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ा। 

दरअसल जो लोग हलाल उत्पादों पर बैन की मांग कर रहे थे, उनका आरोप था कि धर्म की आड़ लेकर एक समुदाय विशेष में अनर्गल तरीके से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। क्योंकि मुस्लिमों को ये कहा जाता था कि जिन उत्पादों में हलाल सर्टिफिकेशन ना हुआ हो, वह इस्तेमाल ना करें। ऐसे में दूसरे समुदाय के कारोबार पर असर पड़ता था और कुछ कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अनुचित तरीके से आर्थिक लाभ लेने की कोशिश करती थीं। 

आरोप यह भी था कि कुछ कंपनियां अपने फायदे के लिए ग्राहकों के बीच हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर भ्रम फैला रही हैं, जिससे आपसी भाईचारे पर भी प्रभाव पड़ रहा है। 

हलाल सर्टिफिकेशन है क्या?

‘हलाल सर्टिफिकेशन’ को इस बात की गारंटी माना जाता है कि संबंधित प्रोडक्ट को मुस्लिमों के हिसाब से बनाया गया है। यानी उसमें किसी तरह की मिलावट नहीं है और उसमें किसी ऐसे जानवर या उसके बाय-प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिसे इस्लाम में ‘हराम’ माना गया है। आम तौर पर हलाल सर्टिफिकेशन वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होता है।

सर्टिफिकेशन कौन करता है?

मुस्लिम आबादी वाले देशों में किसी कंपनी को खाने-पीने का सामान बेचना होता है, तो वह ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ लेती है। दुनियाभर में कई इस्लामिक देशों में सरकार द्वारा हलाल सर्टिफिकेशन किया जाता है। हालांकि भारत में FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) सभी खाद्य पदार्थों का सर्टिफिकेशन करता है लेकिन वह हलाल सर्टिफिकेशन नहीं देता है। 

फिर भी भारत में कुछ प्राइवेट कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन देती हैं। इन कंपनियों में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमीयत उलेमा ए हिंद और जमीयत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट शामिल है। 

सर्टिफिकेशन का नाम हलाल ही क्यों?

Halal Certification

Image Source : FILE
हलाल सर्टिफिकेशन

दरअसल हलाल एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'वैध'। इस शब्द का मुख्य रूप से इस्तेमाल इस्लाम और उसके भोजन कानून (विशेष रूप से मांस) के लिए होता है। मुस्लिम धर्म में कुछ चीजों को ना खाने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। 

यानी इन चीजों को मुस्लिम धर्म में खाना हराम माना जाता है। जैसे मुस्लिमों को हलाल मांस खाने की इजाजत है लेकिन झटका मांस खाने की इजाजत नहीं है। 

हलाल और झटका मांस में क्या अंतर है?

हलाल मांस वह होता है, जिसमें जानवर को तेज धारदार हथियार से धीरे-धीरे काटकर मारा जाता है और फिर उसका मांस खाने के लिए उपलब्ध होता है। वहीं झटका मांस वह होता है, जिसमें एक झटके में जानवर को काट दिया जाता है।

यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर हो रहा खेल

यूपी में कुछ कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर खेल कर रही थीं। ये कंपनियां कपड़ा, डेयरी, चीनी, नमकीन, मसाले, और साबुन समेत तमाम वस्तुओं को हलाल सर्टिफाइड कर रहे थे। जिसके बाद इस मामले को सीएम योगी ने खुद संज्ञान में लिया। 

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