प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया। 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित इन स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2,000 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। अब सवाला उठता है कि आखिर यह अमृत भारत स्टेशन योजना है क्या? इस योजना से कैसे रेलवे स्टेशन की सूरत बदल जाएगी और यात्रियों का सफर सुहाना होगा। आइए, अमृत भारत स्टेशन योजना के बारे में वो सबकुछ बताते हैं जो आप जनना चाहते हैं?
क्या है अमृत भारत स्टेशन योजना?
आपको बता दें कि अमृत भारत स्टेशन योजना का लक्ष्य देश भर में 1309 स्टेशनों का रीडेवलमेंट करना है। इसके तहत स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाओं को बेहतर बनाकर यात्रियों के सफर को सहुना बनना है। यह योजना रेल मंत्रालय द्वारा फरवरी 2023 में शुरू की गई थी। इसके तहत स्टेशन भवनों के डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे। उदाहरण के लिए, जयपुर रेलवे स्टेशन में राजस्थान के हवा महल और आमेर किले से मिलते जुलते बनेंगे।
यात्रियों को क्या लाभ मिलेगा?
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन पर आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें उन्नत वेटिंग रूम, प्लेटफॉर्मों पर बैठने के लिए व्यवस्थित जगह और मुफ्त वाई-फाई कनेक्टिविटी शामिल हैं। इसके साथ रीडेवलमेंट होने पर इन स्टेशनों पर सुंदर भूदृश्य, इंटर मॉडल कनेक्टिविटी, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, कियोस्क, फूड कोर्ट समेत आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध होगी। इन स्टेशनों को पर्यावरण और दिव्यांगों के अनुकूल पुनर्विकसित किया जाएगा। इन स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।
रेल यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने की तैयारी
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के करोड़ों रेल यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार रेलवे का कायाकल्प करने की मुहिम तेजी से बढ़ा रही है। इसी दिशा में वंदे भारत समेत कई ट्रेन चलाई जा रही है। अब रेलवे स्टेशन के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। वहीं दूसरी ओर रेलवे स्टेशन का विकास होने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश को चुना गया
533 रेलवे स्टेशनों को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चुना गया है। स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा। स्टेशनों पर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, यह योजना स्टेशन भवनों की वृद्धि, आसपास के शहरी क्षेत्रों के साथ स्टेशनों को एकीकृत करने, मल्टीमॉडल एकीकरण को बढ़ावा देने, 'दिव्यांगजनों' (विकलांग व्यक्तियों) के लिए सुविधाएं प्रदान करने, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल समाधान लागू करने, गिट्टी रहित ट्रैक पेश करने और 'रूफ प्लाजा' बनाने पर जोर देगी।
किस राज्य में कौन-कौन से स्टेशन डेवलप होंगे
आंध्र प्रदेश में 72 स्टेशन डेवलप किए जाएंगे। इनमें प्रमुख हैं, अडोनी, अनाकापल्ले, अनंतपुर, अनापर्थी, अराकु, बापटला, भीमावरम टाउन, बोब्बिली जंक्शन, चिपुरुपल्ली, चिराला, चित्तूर, कडपा, कंबुम, धर्मावरम, धोने, डोनाकोंडा आदि। वहीं , असम में 49 स्टेशन डेवलप किए जाएंगे। इनमें शामिल हैं, अमगुरी, अरुणाचल, चपरमुख, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीफू, दुलियाजान, फकीराग्राम जंक्शन, गौरीपुर, गोहपुर, गोलाघाट, गोसाई गांव हाट, हैबरगांव, हरमुती, होजाई, जगीरोड, जोरहाट टाउन, कामाख्या, कोकराझार आदि। अगर बिहार की बात करें तो यहां 86 स्टेशन डेवलप होंगे। इनमें आरा, बख्तियारपुर, बांका, बनमनखी, बापूधाम मोतिहारी, बरौनी, बाढ़, बारसोई जंक्शन, बेगुसराय, बेतिया, भभुआ रोड, भागलपुर, भगवानपुर, मुजफ्फरपुर शामिल हैं।
दिल्ली में 13 स्टेशन डेवलप किए जाएंगे। इनमें आदर्शनगर दिल्ली, आनंद विहार, बिजवासन, दिल्ली, दिल्ली कैंट, दिल्ली सराय रोहिल्ला, दिल्ली शहादरा, हज़रत निज़ामुद्दीन, नरेला, नई दिल्ली, सब्जी मंडी, सफदरजंग, तिलक ब्रिज शामिल हैं। गुजरात में 87 स्टेशन डेवलप होंगे। वहीं, झारखंड में 57, कर्नाटक में 55ए मध्य प्रदेश में 80, महाराष्ट्र में 123, पंजाब में 30, राजस्थान में 82 स्टेशन डेवलप किए जाएंगे।