
अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप लगातार एक्शन में नजर आ रहे हैं। खासतौर पर टैरिफ को लेकर ट्रंप की घोषणाओं ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी हाल ही में अपनी दो दिनों की अमेरिका यात्रा से वापस लौटे हैं। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा इलॉन मस्क से भी मुलाकात की थी। पीएम मोदी और मस्क के बीच हुई अहम मुलाकात के बाद टेस्ला के भारत में एंट्री करने को लेकर भी चर्चाएं तेजी हो गई हैं। इतना ही नहीं, टेस्ला ने भारत में अपना बिजनेस शुरू करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति का काम भी शुरू कर दिया है। इलॉन मस्क भारत में टेस्ला का प्लांट शुरू करने की प्लानिंग में जुट गए हैं। हालांकि, प्लांट खुलने में अभी काफी समय लगेगा और कंपनी का प्लान है कि वो तब तक बर्लिन से गाड़ियां इंपोर्ट कर भारत में बिक्री शुरू करें।
ट्रंप ने की थी जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे मामले में कहा है कि अगर टेस्ला भारत के टैरिफ से बचने के लिए वहां फैक्टरी लगाती है तो ये अमेरिका के प्रति अन्याय होगा। बताते चलें कि वाइट हाउस में 13 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के साथ मीटिंग से कुछ घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत में कहा था कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा शुल्क वसूलता है।
दुनिया का हर देश शुल्क लगाकर हमारा फायदा उठाता है
ट्रंप ने कहा कि मस्क के लिए भारत में कार बेचना ‘‘असंभव’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया का हर देश हमारा फायदा उठाता है और वे शुल्क लगाकर ऐसा करते हैं। इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी के साथ टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भी भारत पर जवाबी शुल्क लगाएगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि भारत हमसे जितना टैरिफ वसूलेगा, हम भी भारत से उतना ही टैरिफ वसूलेंगे। बताते चलें कि टेस्ला भारत में प्लांट लगाने के लिए अलग-अलग राज्यों में जमीन की तलाश कर रहा है और उनकी इस तलाश में महाराष्ट्र टॉप पर है।
भारत में विदेशी कंपनियों के लिए क्या है ईवी पॉलिसी
भारत इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर करीब 100 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए यहां कारें बेचना काफी महंगा हो जाता है। सरकार की ये पॉलिसी से देश की घरेलू ऑटोमोबाइल कंपनियों की रक्षा करती है। हालांकि, पिछले साल मार्च में भारत ने एक नई ईवी पॉलिसी पेश की थी, जिसके तहत अगर कोई कंपनी भारत में कम से कम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करती है और देश में प्लांट लगाती है, तो इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाता है।
अमेरिका के जवाबी शुल्क से भारत पर कितना पड़ेगा असर
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के जवाबी शुल्क का भारत पर कोई खास प्रभाव नहीं होगा। इसका कारण ये है कि अर्थव्यवस्था को घरेलू कारकों से गति मिल रही है जबकि निर्यात पर निर्भरता कम है। एशिया-प्रशांत एसएंडपी ग्लोबल के सॉवरेन और इंटरनेशनल पब्लिक फाइनेंस रेटिंग के निदेशक यीफर्न फुआ ने ये भी कहा कि भारत अगले दो साल में 6.7 से 6.8 प्रतिशत की जीडीपी का ग्रोथ रेट हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 का बजट अगले कुछ सालों के लिए ग्रोथ को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि महामारी के बाद पिछले तीन सालों में वृद्धि दर औसतन 8.3 प्रतिशत होने के बाद भारत में जीडीपी वृद्धि दर अधिक टिकाऊ होती जा रही है।’’
इनकम टैक्स में कटौती के बावजूद रेवेन्यू में जारी रहेगी तेजी
फुआ ने कहा, ‘‘फिलहाल, हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता खर्च और सार्वजनिक निवेश अगले दो साल में जीडीपी की ग्रोथ रेट को 6.7 से 6.8 प्रतिशत के आसपास बनाए रखेंगे। इकोनॉमिक ग्रोथ की ये दरें, भले ही पहले की तुलना में कम हैं, लेकिन समान आय स्तरों पर भारत को अपने समकक्ष देशों से ऊपर बनाए रखेंगी। हमारा मानना है कि इनकम टैक्स में कटौती के बावजूद रेवेन्यू में तेजी जारी रहेगी।’’ आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2023-24 के 8.2 प्रतिशत से कम है।