Wednesday, November 06, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. Explainer: पद्मश्री विजेता इस महिला किसान के निधन पर दुखी हुए पीएम मोदी, आखिर कौन थीं कमला पुजारी

Explainer: पद्मश्री विजेता इस महिला किसान के निधन पर दुखी हुए पीएम मोदी, आखिर कौन थीं कमला पुजारी

जैविक खेती की अलख जगानेवाली और धान की सौ से ज्यादा किस्मों को संरक्षित करनेवाली कमला पुजारी के निधन पर पीेएम मोदी ने गहरा दुख जताया है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: July 20, 2024 18:19 IST
Kamla pujari- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA पीेएम मोदी के साथ कमला पुजारी

भुवनेश्वर:  जैविक खेती में अपने योगदान और धान की सैकड़ों देशी किस्मों को संरक्षित करने के लिए दुनिया भर में अपनी पहचान बनानेवाली कमला पुजारी का निधन हो गया। वे 76 वर्ष की थीं। उन्हें कृषि के क्षेत्र में इस योगदान के लिए पद्मक्षी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 

दिल का दौरा पड़ने से निधन

कोरापुट जिले के पात्रपुट गांव की मूल निवासी कमला पुजारी को मंगलवार को बुखार और उम्र संबंधी बीमारियों के कारण जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया। आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

पीएम मोदी ने जताया शोक

उनके निधन का समाचार मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, नवीन पटनायक समेत तमाम राजनीतिज्ञों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपनी संवेदना व्यक्त की और पुजारी के बेटे गंगाधर से फोन पर बात की। राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

'उनके काम को वर्षों तक याद किया जाएगा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, 'श्रीमती कमला पुजारी जी के निधन से बहुत दुःख हुआ। उन्होंने कृषि, खास तौर से जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और देशी बीजों के संरक्षण में अहम योगदान दिया। जैव विविधता की रक्षा करने में उनके काम को वर्षों तक याद किया जाएगा। वह आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने में भी एक प्रकाश स्तंभ थीं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।'

सीएम मोहन चरण माझी ने भी जताया शोक

वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपनी संवेदना व्यक्त की और पुजारी के बेटे गंगाधर से फोन पर बात की। राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। विपक्ष के नेता नवीन पटनायक, जिन्होंने सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 2018 में राज्य योजना बोर्ड - राज्य में सर्वोच्च योजना निकाय - के सदस्य के रूप में नामित किया था, ने भी संवेदना व्यक्त की।

गरीब आदिवासी परिवार में हुआ था जन्म

एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी पुजारी को पारंपरिक धान की किस्मों से लगाव था। वह 1994 में कोरापुट में एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा शुरू किए गए सहभागी शोध कार्यक्रम की अगुआ रही हैं, जिसके कारण उच्च उपज और उच्च गुणवत्ता वाली चावल की किस्म ‘कालाजीरा’ का प्रजनन हुआ। उन्होंने ‘तिली’, ‘मचाकांटा’, ‘फुला’ और ‘घनटिया’ जैसी दुर्लभ धान की किस्मों को भी संरक्षित किया है।

धान की कई किस्मों पर किया रिसर्च

एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी पुजारी को पारंपरिक धान की किस्मों से लगाव था। वह 1994 में कोरापुट में एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा शुरू किए गए सहभागी शोध कार्यक्रम की अगुआ रही हैं, जिसके कारण उच्च उपज और उच्च गुणवत्ता वाली चावल की किस्म ‘कालाजीरा’ का प्रजनन हुआ। उन्होंने ‘तिली’, ‘मचाकांटा’, ‘फुला’ और ‘घनटिया’ जैसी दुर्लभ धान की किस्मों को भी संरक्षित किया है।

जैविक खेती के लिए किया प्रेरित

पुजारी ने अपने इलाके की सैकड़ों आदिवासी महिलाओं को खेती में रासायनिक खादों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं को जैविक खेती और जैविक उर्वरकों के उपयोग के बारे में सिखाया। यह उनके प्रयासों का नतीजा था कि  संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने 2012 में कोरापुट को वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत स्थल (जीआईएएचएस) घोषित किया।

कोरापुट को संयुक्त राष्ट्र द्वारा भूमध्य रेखा पहल पुरस्कार के लिए भी चुना गया था। पुजारी को यह पुरस्कार वर्ष 2002 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया था। कमला पुजारी का जन्म कोरापुट में हुआ था और वे परोजा जानजाति से ताल्लुक रखती थीं। उन्होने जैविक खेती और देशी धान की किस्मों के संरक्षण में काफी योगदान दिया। उनके योगदान के लिए दुनिया भर में उन्हें सराहा गया।

2019 में मिला पद्मश्री पुरस्कार

कमला पुजारी ने 100 से ज्यादा धान की किस्मों को संरक्षित करने के साथ ही कई तरह की हल्दी, जीरा आदि को भी संरक्षित किया। कृषि में उनके योगदान के लिए, उन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा था। ओडिशा सरकार ने भी 2004 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला किसान पुरस्कार से सम्मानित किया था, जबकि भुवनेश्वर में ओडिशा के प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थान, ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (OUAT) के एक बालिका छात्रावास का नाम उनके नाम पर रखा गया था।

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement