क्या सच में भारत बूढ़ा हो रहा है, इस सवाल का जवाब है-हां, ऐसे में इस रिपोर्ट को पढ़कर आपकी चिंता बढ़ सकती है। इसकी वजह ये है कि केंद्र सरकार की 'यूथ इन इंडिया 2022' रिपोर्ट बताती है कि भारत में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि 2036 तक भारत की आबादी में युवाओं की संख्या घटकर 22.7% पर आ जाएगी। इसके बाद पिछले साल संयुक्त राष्ट्र ने 'इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023' जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि 2050 तक भारत की आबादी में 20.8% हिस्सेदारी बुजुर्गों की होगी, जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होगी। तो ऐसे में 2050 तक भारत में हर 100 में से 21 लोग बूढ़े होंगे।
इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 में बताया गया है कि 2010 के बाद से भारत में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, जिसमें 15 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या घट रही है और बुजुर्ग बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले सालों में भारत में 14 साल तक के बच्चों की आबादी से ज्यादा बुजुर्गों की संख्या होगी 15 से 59 साल के उम्र के लोगों की संख्या भी घट जाएगी।
क्या कहती है यूएन की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1961 के बाद से भारत में बुजुर्ग आबादी कम हो रही थी। बुजुर्ग आबादी बढ़ने की रफ्तार 2001 तक धीमी ही रही पर उसके बाद ये बढ़ने लगी है। 2011-2021 के बीच भारत में बुजुर्गों की आबादी 35.5 फीसदी की दर से बढ़ी लेकिन 2021 से 2031 के बीच ये दर 40 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एक जुलाई 2022 तक देश में बुजुर्गों की आबादी 14.9 करोड़ थी। तब आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 10.5 फीसदी थी लेकिन 2050 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 34.7 करोड़ होने का अनुमान है। ऐसा हुआ तो भारत की आबादी में 20.8 फीसदी बुजुर्ग ही होंगे। इस सदी के अंत तक यानी 2100 तक भारत की 36 फीसदी से ज्यादा आबादी बुजुर्ग होगी।
दक्षिण में तेजी से बढ़ेंगे बुजुर्ग, उत्तर में बुजुर्ग होंगे कम
रिपोर्ट बताती है कि 2021 से 2036 के बीच बुजुर्गों की आबादी और तेजी से बढ़ेगी। बुजुर्गों की आबादी दक्षिण भारत में ज्यादा बढ़ेगी और 2036 तक यहां हर पांच में से एक व्यक्ति बुजुर्ग होगा। साल 2036 तक भारत की आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 15 फीसदी होगी। इसमें से दक्षिणी राज्य और पंजाब-हिमाचल जैसे राज्यों की आबादी में बुजुर्गों की आबादी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है और 2036 तक ये अंतर और ज्यादा होने का अनुमान है। दक्षिण में जहां बुजुर्गों की आबादी बढ़ेगी वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी राष्ट्रीय औसत से कम ही होगी, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां फर्टिलिटी रेट ज्यादा है।
चिंता बढ़ाने वाले हैं आंकड़ें
2022 से 2050 के दौरान भारत की आबादी 18% बढ़ जाएगी। जबकि, बुजुर्गों की आबादी 134% बढ़ने का अनुमान है, वहीं, 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी 279% तक बढ़ सकती है। चिंता की बात ये है कि बुजुर्ग बढ़ेंगे तो डिपेंडेंसी रेशियो भी बढ़ेगी। 2021 तक हर 100 कामकाजी लोगों पर 16 बुजुर्ग निर्भर हैं. दक्षिण भारत में ये और ज्यादा है। 1991 में हर एक हजार बुजुर्ग पुरुषों पर 930 बुजुर्ग महिलाएं थीं. लेकिन इसके बाद ये ट्रेंड बदलता गया. 2031 तक हर 951 बुजुर्ग पुरुषों पर 1078 बुजुर्ग महिलाएं होने का अनुमान है। इसकी वजह ये है कि महिलाओं की औसत उम्र पुरुषों से ज्यादा है।